10 Line Ram Navami – रामनवमी हिंदुओ के लोकप्रिय त्यौहार में से एक हैं औऱ यह मुख्य रूप से हिन्दू समुदाय द्वारा पूरे भारत मे मनाया जाता हैं जिसको विष्णु भगवान के अवतार राम के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है तथा भगतजनों द्वारा इस दिन उपवास रखा जाता है।
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Highlights
1. रामनवमी हिंदुओं का पवित्र त्यौहार है इसी दिन श्री राम ने अयोध्या के राजा दशरथ के घर में जन्म लिया था।
2. भगवान विष्णु ने समय-समय पर लोक कल्याण के लिए अवतार लिए हैं और राम अवतार भी भगवान विष्णु रूप है।
3. उन्होने अब तक दस अवतार लिए है जिनमें सातवां अवतार उन्होनें राम के रूप में लिया।
4. अयोध्या के राजा दशरथ को इस बात की चिंता थी कि उनके बाद उनका राज्य कौन संभालेगा क्योंकि उनका कोई पुत्र नही था।
5. ऋषि वशिष्ठ के परामर्श पर उन्होने श्रंगी ऋषि से पुत्रयेष्टी यज्ञ करवाया।
6. यज्ञ के फलस्वरूप चैत्र शुक्ल नवमी को उन्हें राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न जैसे गुणी पुत्रों की प्राप्ति हुई।
7. इसलिए इस दिन को प्रतिवर्ष रामनवमी के रूप में मनाया जाता है।
8. कहते है कि भगवान विष्णु ने जब भी अवतार लिए है तो माता लक्ष्मी और शेषनाग ने उन्हें कभी अकेला नही छोड़ा और उन्होने भी उनके साथ हर बार अवतार लिया है।
9. राम के अवतार के समय लक्ष्मी जी सीता जी के रूप में और शेषनाग लक्ष्मण जी के रूप में उनके साथ रहे।
10. श्री राम का वंश सूर्य से शुरु होता है इसलिए इस दिन सूर्य पूजा और सूर्य को अर्घ्य देने का खास मह्त्व है।
1. राम नवमी प्रतिवर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।
2. इसी दिन चैत्र की नवरात्रि का समापन भी होता है व पौराणिक कथाओं के अनुसार राम का जन्म भी इसी दिन हुआ था।
3. इस दिन मन्दिरों में सारा दिन भजन कीर्तन का आयोजन होता है तथा सभी मन्दिरों में भंडारे होते है।
4. बहुत से भक्त जगह-जगह पंडाल लगाकर भी भंडारे करते है और अधिक से अधिक लोगो को भोजन करा कर पुण्य प्राप्त करते है।
5. अयोध्या की शोभा इस दिन देखने योग्य होती है जहाँ श्री राम का जन्म हुआ था।
6. इस दिन यहाँ बहने वाली परम पावनि सरयू नदी में नहा कर जनमानस धन्य हो उठते है।
7. इस दिन हरिद्वार, ऋषिकेश और जहाँ-जहाँ भी गंगा बहती है वहाँ स्नान करने वालो का तांता लगा रहता हैं।
8. अयोध्या, वाराणसी, रांची और कई स्थानो पर इस दिन श्री राम, जानकी और लक्ष्मण जी की शोभा यात्रा भी निकाली जाती है।
9. बहुत से लोग पूरे नवरात्रि के दिनो में रामायण का अखंड पाठ भी करते है।
10. राम नवमी पर लोग व्रत उपवास भी रखते है तथा पूरा दिन सात्विक भाव से बिताते है।
1. त्रेता युग में जब पाप धरती पर अपने पाँव पसारने लगा था तब धरती को पाप से मुक्त करने के लिये श्री राम का अवतार हुआ जिनके जन्मदिवस के रूप में रामनवमी मनाई जाती है।
2. इश्वाकू वंश के राजा दशरथ की तीन रानियाँ थी कौशल्या, कैकयी और सुमित्रा परन्तु कोई पुत्र नही था जो उनके बाद उनका राज-काज संभालता।
3. तब ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें श्रंगी ऋषि से पुत्रयेष्टी यज्ञ करवाने की सलाह दी।
4. राजा दशरथ ने उनके कथनानुसार मन वचन कर्म से सभी देवताओं का आह्वान किया और यज्ञ को पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक सम्पूर्ण किया।
5. यज्ञ के पूर्ण होते ही अग्निदेव यज्ञ कुण्ड से प्रकट हुए और उन्होनें दशरथ को एक खीर का पात्र प्रदान किया।
6. ऋषि वशिष्ठ के कहने पर उन्होने यह खीर अपनी तीनो रानियों को खाने के लिए दी।
7. उस के कुछ समय बाद चैत्र शुक्ल नवमी को कौशल्या ने राम को, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया।
8. राम के नील वर्ण और पैरों में कमल के चिन्ह अंकित थे जिन्हे देखते ही वशिष्ठ ऋषि ने यह बता दिया था कि यह बालक अवश्य ही कोई अवतार है।
9. वह एक ऐसे आदर्श पुत्र थे जो अपने पिता के वचन का सम्मान रखने के लिये 14 वर्ष वनवास में सन्यासियों की भाँति जीवन जीते रहे।
10. उनके आदर्श गुणों के ही कारण उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।
1. रामनवमी श्री रामचंद्र के जन्म का उत्सव है तथा राम का जन्म त्रेता युग में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को पुनर्वसु नक्षत्र में कर्क लग्न में हुआ था।
2. उस समय धरती राक्षसों के आतंक के बोझ से नष्ट होने की स्थिति में थी तब भगवान विष्णु ने राम के रूप में सातवीं बार अवतार लिया।
3. वह एक अजेय योद्धा बने उन्होनें अपने जीवन काल में मारीच, सुबाहु, ताड़का, तथा कई दुष्ट राक्षसों का वध किया और महाशक्तिशाली रावण को भी उसके अंजाम तक पहुँचाया।
4. वह शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर जनक पुत्री सीता के स्वयंवर के विजेता बने और उनके साथ विवाह किया।
5. कैकयी ने स्वार्थवश अपने पुत्र को राजा बनाने के लिए और राम को वनवास भेजने के लिये दशरथ को वचन बद्ध कर दिया था।
6. राम ने पिता के वचन पालन के खातिर 14 वर्ष का वनवास सहर्ष स्वीकार किया औऱ सीता और लक्ष्मण ने भी अपना धर्म निभाया और उनके साथ चल पड़े।
7. राम ने जीवन भर एक पत्नी व्रत धारण किये रखा तथा जब रावण छल से सीता को अपहृत कर के ले गया तो उन्होने सीता जी को ढूंढने में आकाश पाताल एक कर दिया।
8. उन्होने सुग्रीव से मित्रता की और मित्रता को पूरी निष्ठा से निभाया भी तथा उसका खोया राज्य उसे वापिस दिलाया।
9. उन्होने दुष्ट रावण को उसके किये की सज़ा दी पर विजयी होने पर भी उसके राज्य पर कब्जा नही किया बल्कि विभीषण को लंका का राज्य सौंप दिया।
10. राम के रूप में हमें श्री हरी नारायण ने जीवन जीने के वह आदर्श सिखायें है जोकि मानव जीवन के लिए किसी भी धन-सम्पदा से अधिक मूल्यवान है।
1. राम नवमी भारत, नेपाल तथा अन्य हिन्दू बहुसंख्यक देशों में धूमधाम से मनाई जाती है।
2. श्री राम का आदर्शवादी चरित्र युगों-युगों से मनुष्य जीवन के लिये सबसे बड़ा उदाहरण बना हुआ है।
3. इसलिए रामनवमी पर उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उनके सभी भक्त रामकथा सुन कर स्वयं को धन्य मानते है।
4. रामायण के रूप में आज भी हमारे पास लिखित रूप में उनका पूरा जीवन चरित्र है जिसे पढ़कर हम अपने जीवन में उनके गुणों का अगर कुछ अंश भर भी अपने अंदर उत्पन्न कर पाएं तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
5. रामायण की कथा सबसे पहले काकभुशुंडी ने गरुण को सुनाई थी जोकि उन्होने शिव भगवान से पिछ्ले जन्म में सुनी थी इसे आध्यात्म रामायण कहते है।
6. दूसरी बार रामायण हनुमान जी ने एक बहुत बड़ी शिला पर अपने नाखूनो से लिखी थी जिसे हनुमन्नाटक कहते है।
7. उनके बाद वाल्मिकी जी ने रामायण को लिखित रूप दिया और हनुमान जी की रामायण देखकर वह बहुत निराश थे इसलिए हनुमान जी ने अपनी रामायण की शिला समुद्र में फैंक दी।
8. फिर सोलहवी सदी में गोस्वामी तुलसीदास ने साधारण जनमानस की भाषा में रामचरित मानस की रचना की।
9. रामायण अन्य कई भाषाओं में कई महान लेखकों ने लिखी है मगर मुख्यत: वाल्मिकी जी और तुलसीदास जी की रची रामायण ही सर्वप्रसिद्ध है।
10. आज के दौड़ते भागते जीवन में से अगर हम थोड़ा सा समय रामकथा सुनने के लिए निकाल पाए तो शायद हम भी उन सदगुणों को अपने अंदर समाहित कर पाएं जो भौतिक सुखों से कही अधिक मूल्यवान है।
तो दोस्तों हमने आपको Ram Navami पर 10 लाइन निबंध अलग-अलग प्रकार के लिखे हैं अगर आपको हमारे यह निबंध पसंद आते हैं तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार स्कूलों में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही आपको भी इसके बारे में लोगों को अवगत करना चाहिए।
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