Essay: ओणम पर निबंध छोटे और बड़े

भारत के प्राचीन देश है जिसमें प्राचीन काल से ही कई त्योहारों को मनाया जाता हैं औऱ ओणम भी भारत का एक प्राचीन त्यौहार हैं जिसे हर साल बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं।

ओणम का त्यौहार केवल का मुख्य पर्व हैं औऱ इस त्यौहार को इतने शानदार तरीके से मनाया जाता है कि सम्पूर्ण भारत में इसकी धूमधाम को महसूस किया जाता हैं जिसे देशवासी बेहद पंसद करते हैं।

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अक़्सर हमें स्कूलों व कॉलेजों में निबंध व भाषण-कविता लिखने के लिए दिए जाते है इसलिए आज हम आपको Onam-ओणम की जानकारी प्रदान करने वाले है औऱ साथ ही ओणम पर छोटा, मीडियम औऱ लंबा हर तरह की लम्बाई के निबंध प्रदान करने वाले हैं उम्मीद है आपको हमारे द्वारा लिखे गए निबंध पसंद आयगे

Essay: Onam Nibandh 10 line Hindi

1. भारत एक त्योहारों से भरा देश है यह विभिन्न राज्यों व लोगों द्वारा अलग-अलग प्रकार के त्यौहार मनाते जाते हैं औऱ ओणम एक प्रमुख त्यौहार हैं।

2. ओणम एक बहुत ही प्राचीन त्योहार है जो केरल में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

3. तमिल तथा मलयाली लोग ओणम का त्यौहार मनाते हैं।

4.ओणम का त्योहार मलयालम कैलेंडर के पहले महीने में मनाया जाता है।

5. इस मलयालम कैलेंडर के पहले महीने को चिंगम कहा जाता है।

6. ओणम का त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अगस्त या सितंबर के महीने में मनाया जाता है।

7. तमिल कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अवनी महीने में आता है।

8. नक्षत्रों के अनुसार जब थिरूवोणम नक्षत्र, चिंगम महीने में प्रवेश होता है तो तमिल व मलयाली लोगों द्वारा यह ओणम नामक त्यौहार मनाया जाता है।

9. इस दिन केरल में लोकप्रिय नृत्य कथकली आयोजित किया जाता है।

10. ओणम संपूर्ण रूप से संस्कृति प्रदर्शन का त्योहार है।


Essay: Onam Nibandh 100 Word Hindi

भारत में मनायें जाने वाले यह सब त्योहार अलग-अलग जातियों व धर्म से जुड़े होते हैं जो अलग-अलग समय पर आकर हमारे बीच खुशियां बांटते रहते हैं तथा हमें एक दूसरे से जुड़ने का मौका देते हैं ओणम भी उन त्योहारों में से एक है जो केरल में मुख्य रूप से मनाया जाता है।

यह त्यौहार मलयाली व तमिल लोग बहुत उत्साह से मनाते हैं औऱ अंग्रेजी माह के कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अगस्त या सितंबर महीने में आता है।

ओणम को फसल उत्सव के नाम से भी जाना जाता है यह बहुत खुशियों भरा त्यौहार होता है नए वस्त्र पहनना व नृत्य करना इस त्योहार पर प्रमुख रूप से देखा जाता है औऱ यह त्यौहार 10 दिनों तक चलता है।

ओणम के त्यौहार को राजा महाबली की उदारता और उनसे मिलने वाली समृद्धि को याद करके मनाया जाता है कहा जाता है कि ओणम का त्योहार हमारे लिए सुख समृद्धि लेकर आता है साथ ही साथ यह हमारे अंदर आपसी भाईचारा तथा सहयोग की भावना को भी जागृत करता है।


Essay: Onam Nibandh 300 Word Hindi

ओणम केरल में रहने वाले लोगों द्वारा मनाया जाने वाला लोकप्रिय त्योहार है तथा यह त्योहार यहां के लोगों द्वारा बहुत धूमधाम से मनाया जाता है जिसे मलयालम कैलेंडर के अनुसार चिंगम नामक माह में आता है जो मलयाली कैलेंडर का पहला महीना होता है।

औऱ अंग्रेजी माह के अनुसार अगस्त-सितंबर के महीने में आता है यह उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है तथा इन 10 दिनों को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है इन 10 दिनों में रोज कोई ना कोई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

ओणम से संबंधित:-

1. ओणम केरल का राष्ट्रीय त्योहार होता है।

2. ओणम शब्द की उत्पत्ति ‘श्रवणम’ नामक संस्कृत शब्द से हुई है।

3. ओणम का त्यौहार राजा महाबली को याद करके मनाया जाता है।

4. ओणम के त्योहार पर मलयाली व तमिल महिलाएं विशेष लोक नृत्य का प्रदर्शन करती हैं।

5. ओणम के त्यौहार को थिरुवोनम नाम से भी जाना जाता है।

6. ओणम के त्योहार का जश्न मनाते समय लोगों द्वारा शेर वा बाघ के रूप धारण किए जाते हैं।

7. अन्य त्योहार की भांति इस त्योहार पर भी विशेष पकवान बनाए जाते हैं।

8. सांस्कृतिक रूप से इस त्योहार पर केले के पत्तों पर भोजन परोसा जाता है जिसमें विशेष प्रकार के चावल बनाए जाते हैं जिसे पेसम कहते हैं।

9. ओणम के त्योहार पर हाथियों को सजा कर एक विशेष जुलूस निकाला जाता है।

10. ओणम का त्योहार तो केरल में चिंगम महीने में मनाया ही जाता है साथ ही साथ यहां चावल की फसल तैयार होने की भी खुशी मनाई जाती है।

11. ओणम के त्योहार पर केरल की महिलाएं सफेद साड़ी पहनती हैं तथा बालों में फूलों की वेणियां लगाती है जो उस दिन उनकी परंपराओं को दर्शाता है।

12. यह 10 दिनों का त्यौहार लोगों के अंदर साल भर की ताजगी भर देता है।

13. पुराने लोगों की मानें तो ओणम का त्योहार संगम काल से मनाना शुरू किया गया था।

14. ओणम के त्यौहार पर तमिल व मलयाली समुदाय के लोग अपने घरों को बिल्कुल दीपावली की भांति सजाते हैं व रंगोली भी विशेष आकर्षण का केंद्र होती हैं।

15. ओणम के त्योहार पर चाहे कोई अमीर हो अथवा गरीब हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार दिल खोलकर दान करता है।


Essay: Onam Nibandh 500 Word Hindi

प्रस्तावना:-

हमारी भारतीय संस्कृति के अंदर एक बहुत बड़ी खूबी है कि इस संस्कृति में हमें हर धर्म, हर जाति, हर क्षेत्र के त्योहारों की धूम देखने को मिलती है चाहे वे त्योहार विशेषकर किसी धर्म के लोगों, या किसी एक जाति द्वारा अथवा विशेषकर किसी एक क्षेत्र में मनाया जाए।

परंतु संपूर्ण भारत में इसकी चर्चा होती है जिसमें से एक त्यौहार है ओणम का जो बस तमिल या मलयाली समुदाय द्वारा मनाया जाता है इसकी विशेष धूम केरल में दिखाई देती है परंतु संपूर्ण भारत में रह रहे तमिल या मलयाली समुदाय के लोग इसका रंग संपूर्ण भारत में बिखेरते  हैं।

ओणम त्योहार के 10 दिन:-

यह एक ऐसा त्यौहार है जो 10 दिनों तक मनाया जाता है इन 10 दिनों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा इन 10 दिनों को अलग-अलग नामों से भी पुकारा जाता है।

1.  यह दिन पहला दिन होता है जिस दिन राजा बलि की धरती पर आने की तैयारी की जाती है घरों की सफाई, बाजारों में चहल-पहल सब पहले दिन से दिखना शुरू होता है।

2. दूसरे दिन से पुकलम(फूलों का कालीन) बनाना शुरू किया जाता है इस दूसरे दिन को चिथिरा कहते हैं।

3. तीसरे दिन को चोधी कहते हैं इस दिन भी पुकलम बनाना जारी रखा जाता है।

4. चौथे दिन से विभिन्न प्रतियोगिताएं होनी शुरू हो जाती हैं इस चौथे दिन को विशाकम कहते हैं।

5. पांचवें दिन नाव दौड़ की प्रतियोगिता की तैयारी की जाती है इस दिन को अनिजहम कहते हैं।

6. छठा दिन जिसे थ्रिकेता कहते हैं इस दिन ओणम के त्यौहार की छुट्टियों का ऐलान हो जाता है।

7. सातवें दिन से मंदिरों में इस त्योहार से जुड़ी पूजा-अर्चना शुरू कर दी जाती है जिससे मलूम कहते हैं।

8. आठवां दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है इसे पूरादम नाम से जाना जाता है यह महत्वपूर्ण इसलिए होता है क्योंकि इस दिन राजा महाबलि व वामन का रूप धारण विष्णु भगवान की मूर्तियां स्थापित की जाती है।

9. नौवां दिन वह होता है जिसकी मान्यता है कि इस दिन महाबलि केरल में प्रवेश करते हैं इस महत्वपूर्ण दिन को उठ्रादोम तुम कहते हैं।

10. दसवां तथा सबसे विशेष दिन जिस दिन ओणम के त्यौहार की सभी रस्में निभाई जाती है इस दिन को थिरूवोनम भी कहते हैं।

ओणम के त्यौहार की महत्वपूर्ण बातें:-

1. घरों की सफाईयां की जाती है तथा सब लोग अपने घरों को सजाते हैं।

2. घरों में रंगोली बनाई जाती है।

3. सभी परिवार व सभी सदस्य नए वस्त्र बनवाते हैं।

4. भिन्न-भिन्न प्रकार के नृत्य किए जाते हैं।

5. भगवान विष्णु और राजा बलि की मूर्तियां घरों व मंदिरों में स्थापित की जाती हैं।

6. यह त्योहार मलयालम कैलेंडर के पहले महीने चिंगम में मनाया जाता है।

7. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह अगस्त या सितंबर माह में आता है।

8. विभिन्न प्रकार के पकवान पकाए जाते हैं तथा सांस्कृतिक रूप से केले के पत्ते पर खाना परोसा जाता है।

निष्कर्ष:-

यह एक प्रकार का रोशनी, फूलों तथा रंगों से भरा त्यौहार है जिसमें सभी लोग घरों को रोशन करते हैं तथा रंगों की रंगोलियां बनाई जाती हैं स्त्रियों विशेष प्रकार के फूलों की वेणियां अपने बालों में लगाकर तैयार होती हैं अतः यह एक बहुत ही अद्भुत सा त्यौहार है।

संदेश:-

ओणम का त्योहार यह संदेश देता है कि जिंदगी कितनी भी मुश्किलों से भरी हो पर इन 10 दिनों में लोग सारी मुश्किलों को भूलाकर खुशी से जीने की कोशिश करते हैं अतः हमें खुश रहने के बहाने खोजने चाहिए।

सीख:-

राजा बलि जिनके लिए ओणम का त्योहार मनाते हैं उनके जीवन से सीख लेकर इंसान को अपने वादे को हर कीमत पर पूरा करना चाहिए जैसे राजा महाबलि ने विष्णु भगवान को दिये दान का वादा पूरा करने के लिए खुद तक को दांव पर लगा दिया था।


Essay: Onam Nibandh 600 Word Hindi

ओणम क्या है:-

हमारी भारतीय संस्कृति विभिन्न त्योहारों के रंगों से भरी हुई है चाहे वह त्यौहार किसी भी जाति या धर्म से जुड़ा हो परंतु वह खुशियां ही बिखेरता है इसमें से कुछ त्योहार ऐसे होते हैं जो संपूर्ण भारत में धूमधाम से मनाए जाते हैं ।

परंतु कुछ त्योहारों का रंग एक विशेष क्षेत्र में प्रमुख रुप से दिखाई देता है ओणम भी उन दूसरे प्रकार के त्योहारों में से एक है जो विशेष रूप से केरल में मनाया जाता है तथा संपूर्ण विश्व में रहने वाले तमिल व मलयाली समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है यह केरल का प्रमुख त्योहार है।

क्यों मनाया जाता है यह पर्व:-

जैसे कि त्योहारों को मनाने के पीछे कुछ तर्क जुड़े होते हैं उसी प्रकार ओणम नामक त्योहार मनाने के पीछे भी एक बहुत ही बड़ी मान्यता है कहा जाता है कि यह बात उस समय की है जब केरल में महाबलि नाम के राजा का शासन हुआ करता था वह कहने को तो राजा थे परंतु उन्होंने कभी अपने आप को किसी के भी समक्ष ऊंचा पद का अहंकार नहीं जताया।

महाबली बहुत ही उदार हृदय के थे उनसे किसी का दुख नहीं देखा जाता था उनके द्वार पर आया व्यक्ति कभी खाली हाथ नहीं लौटता था। महाबलि की इन विशेषताओं के कारण लोग उन्हें भगवान का दर्जा देते थे।

परंतु यह सब देवताओं से देखा ना गया सभी देवतागण ने मिलकर एक योजना बनाई कि किस प्रकार महाबलि की इतनी विशेष छवि लोगों के बीच से हटाई जाए इस योजना के अनुसार विष्णु भगवान ने एक ब्राह्मण का रूप धारण किया तथा राजा बलि के पास भिक्षा मांगने गए।

राजा बलि बहुत उदार हृदय के थे उन्होंने ब्राह्मण से ही पूछ लिया कि आपको क्या चाहिए तो ब्राह्मण रूप धारी विष्णु भगवान ने राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांग ली।

राजा बलि ने ब्राह्मण की मांग सुनते ही बिना कुछ सोचे हां कर दी तथा राजा बलि के हां करते ही विष्णु भगवान अपने असली रूप में आ गए विष्णु जी ने अपना विराट रूप धारण कर दो पग जमीन में ही भूलोक वा स्वर्ग लोक नाप लिया।

अपने दान में कमी होता देख राजा बलि ने तीसरे पग जमीन के लिए अपना सिर आगे कर दिया तब विष्णु जी ने उनको पाताल लोक में जाकर रहने का आदेश दिया विष्णु जी द्वारा दिए गए आदेश को सुनकर राजा बलि ने उनसे एक वरदान मांगा।

क्योंकि वह अपनी प्रजा को सबसे ज्यादा चाहते थे इसलिए उन्होंने वरदान में मांगा कि वह वर्ष में एक बार धरती पर आकर अपनी प्रजा का हालचाल ले सकें इसलिए कहा जाता है कि राजा बलि हर वर्ष अपनी प्रजा को देखने धरती पर आते हैं औऱ अपने राजा के धरती पर आने की खुशी को लोग ओणम नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं।

कैसे मनाते हैं ओणम का त्योहार:-

1. बच्चों व बड़ों में इस उत्सव का खूब उत्साह देखा जाता है सभी लोग इस उत्सव पर नए वस्त्र पहनते हैं।

2. स्त्रियां सफेद रंग की साड़ी पहनती है तथा बालों में फूलों की वेणियां लगाती हैं।

3. ओणम के त्यौहार पर लोकप्रिय लोक नृत्य कथकली का आयोजन होता है।

4. ओणम के त्यौहार पर विष्णु भगवान तथा राजा महाबलि की पूजा की जाती है।

5. गीत, संगीत व विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

6. घरों को सुंदर-सुंदर चीजों से सजाया जाता है।

7. मंदिरों तथा घरों में रंगोली बनाई जाती है इन रंगोली में विष्णु भगवान व राजा महाबलि की आकृतियां बनाई जाती है।

8. ओणम के त्यौहार पर लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार अधिक से अधिक दान देते हैं।

9. ओणम के त्यौहार पर जुलूस निकाले जाते हैं औऱ इन जुलूस में सजे हाथी आकर्षण का केंद्र होते हैं।

निष्कर्ष:-

अतः ओणम एक नाच, गाने, स्वादिष्ट व्यंजन, पाठ ,पूजा आदि से जुड़ा हुआ एक बहुत बड़ा उत्सव है इस दिन कोई अमीर गरीब नहीं होता सब दिल खोलकर अपनी सामर्थ्य के अनुसार इस त्योहार को मनाते हैं औऱ चारों ओर का माहौल बस खुशियों से भरा हुआ होता है।

संदेश:-

ओणम का त्योहार राजा महाबलि की याद में मनाया जाता है उन्होंने हमेशा अपने चरित्र के द्वारा कुछ ना कुछ संदेश देने की कोशिश की है यह त्यौहार हमें यह संदेश देता है कि हमें भी राजा बलि की तरह उदार दिल का बनना चाहिए अगर हम किसी की मदद करने के लिए सक्षम है तो अपने कदम जरूर आगे बढ़ाने चाहिए।

सीख:-

जैसे कि हर त्योहार हमें कोई न कोई सीख अवश्य देता है वैसे ही ओणम का त्योहार भी हमें यह सिखाता है कि जिस प्रकार राजा बलि इतना उच्च पद अधिकारी होने के बाद भी अपनी प्रजा और अपने बीच कोई भेदभाव नहीं करते थे हमें भी अपने अंदर से यह उच्च-नीच की भावना को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए।

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तो दोस्तों हमने आपको Onam-ओणम के बारे में अलग-अलग लंबाई के निबंध लिखे हैं अगर आपको हमारे यह निबंध पसंद आते हैं तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार स्कूलों में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही आपको भी इसके बारे में लोगों को अवगत करना चाहिए।

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HP Jinjholiya
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