Diwali Essay- दीवाली पर निबंध-कविता

दीवाली(Diwali) भारत का सबसे बड़ा त्यौहार हैं और यह पांच दिनों का तक चलने वाला त्यौहार हैं यह उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है और यह हिंदुओं के प्रमुख त्यौहार में से एक है दीवाली को भारत के साथ दूसरे देशों में भारतीयों और अन्य लोगों द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

दीवाली के त्यौहार को लेकर हिंदू धर्म मे कई सारी मान्यता है और दीवाली हिन्दू धर्म का अहम हिस्सा भी है दीवाली यानी कि दीपों का त्यौहार और इसे रोशनी का त्यौहार भी माना जाता है इसलिए आज हम आपको दीवाली(Diwali) की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं।

diwali essay nibndh hindi

अक़्सर स्कूलों और कॉलेज में दीवाली(Diwali) पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता हैं और कई स्कूल और कॉलेज में दीवाली(Diwali) पर निबंध लिखने की प्रतियोगिता भी होती है इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको दीवाली की पूरी जानकारी देने वाले हैं

जैसे दीवाली(Diwali) क्या हैं,दीवाली क्यों मनाई जाती है, दीवाली कब मनाई जाती है, दीवाली कैसे मनाते है, दीवाली का इतिहास क्या है, दीवाली क्या महत्व है, दीवाली निबंध इत्यादि की जानकारी जिसकी मदत से आपको दीवाली(Diwali) के बारे में जानने और लिख़ने में मदत मिलेगी।

All Heading Show

दीवाली(Diwali) क्यों मनाई जाती हैं

दीवाली(Diwali) का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को आता है दीवाली हमारे देश में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है साथ ही दुनिया भर में रहने वाले हिन्दू इसे बड़ी धूम धाम से मनाते है।

आज के दिन श्री राम जी चौदह वर्ष के वनवास और रावण वध कर विजय प्राप्त करके लौटे थे उनके आने की ख़ुशी में अयोध्या में दीप जलाये गए थे औऱ मिठाइयां बाटी गई थी और तब से लेकर आज तक ये त्यौहार दीवाली(Diwali) बड़े ही हर्ष के साथ मनाया जाता हैं आज के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है।

दीवाली(Diwali) कैसे मनाते हैं

दीवाली पर मिठाइयों और पकवान के साथ हम अपने मित्रों और रिश्तेदारों के यहाँ जाते हैं और उन्हें ढेर सारी शुभकामनाये देते हैं, बड़ो का आशीर्वाद लेते हैं और छोटो को प्रेम और आशीर्वाद देते हैं।

दीवाली(Diwali) का त्यौहार कार्तिक मास की अमवस्या को मनाया जाता है औऱ कहते हैं की माता लक्ष्मी साफ़ सफाई वाले स्थानों पर ही वास करती हैं और वही अपनी कृपा दृष्टि रखती हैं इसलिए दीवाली से पहले ही माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के  लिए घरों-दुकानों और दफ्तरों में साफ़ सफाई और पुताई  की जाती हैं।

इस दिन माता लक्ष्मी और श्री गणेश का पूजन किया जाता है और घरों-दुकानों और दफ्तरों में दीप जलाये जाते हैं साथ ही पटाखे जलाकर खुशियां मनाई जाती है। बाज़ारो में तरह-तरह की सजावट देखने को मिलती है औऱ कई शहरों में दीवाली(Diwali) मेले लगायें जाते है जिसे देखने के लिए लोगो की भीड़ उमड़ जाती हैं और बहुत से लोग दिवाली के समय  में बहुत सी खरीदारी भी करते हैं जो शुभ मानी जाती हैं।

इस प्रकार बच्चो से लेकर बूड़ो तक सभी लोगो को यह त्यौहार बहुत भाता हैं और वे बड़े ही चाव से दीवाली(Diwali) के इस त्यौहार को मानते हैं। दीवाली के दिन माता लक्ष्मी जी की कृपा दृष्टि पाने के लिए लोग माता लक्ष्मी जी की पूजा करते है।

दीवाली(Diwali) पर लक्ष्मी-पूजा क्यों की जाती हैं

माँ लक्ष्मी सुख-समृद्धि और धन की देवी हैं ऐसी मान्यता हैं की शरद पूर्णिमा को समुन्द्र मंथन करते समय माँ लक्ष्मी क्षीर सागर से प्रकट हुई थी और विष्णु भगवान से उनका विवाह भी इसी दिन हुआ था

यह दिन उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और यह दिन दीपावली से पंद्रह दिन पूर्व आता हैं परन्तु दीवाली(Diwali) के दिन माता लक्ष्मी जी की पूजा मुख्य रूप से पूजा की जाती हैं।

माना जाता हैं की दीपावली की रात अमावस्या कालरात्रि की रात होती हैं तो पूजा काली माँ की होनी चाहिए और माँ लक्ष्मी जी की पूजा शरद पूर्णिमा के दिन होनी चाहिए परन्तु धार्मिक रीती के अनुसार दीपावली पर माँ लक्ष्मी जी की ही पूजा परंपरागत तरीके से की जाती हैं।

माँ लक्ष्मी जी की पूजा शास्त्रो द्वारा विधि-विधान से करनी चाहिए माता लक्ष्मी को लाल रंग अतिप्रिय है सर्व प्रथम एक पाटे पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर लक्ष्मी जी को विराजमान करें और पूजन करते समय लाल रंग के फूलों को अर्पण करना चाहिए।

दीवाली(Diwali) पर गणेश-पूजा क्यों की जाती है

शास्त्रों के अनुसार कोई भी शुभ कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश जी को पूजा जाता हैं औऱ गणपति को रिद्धि-सिद्धि के दाता तथा बुद्धि के देवता कहा जाता हैं तथा बुद्धिहीन व्यक्ति के पास कभी भी लक्ष्मी नहीं टिकती औऱ यदि लक्ष्मी जी आ भी जाये तो बुद्धिहीन के लिए उन्हें रोक पाना मुश्किल है।

यही कारण हैं की भगवान श्री गणेश और माँ लक्ष्मी जी की पूजा एक साथ की जाती हैं ताकि धन का उपयोग बुद्धि के साथ किया जा सके इस बात का भी ध्यान रखे कि पूजा करते समय गणेश जी हमेशा लक्ष्मी जी के बाएं ओर हो तभी पूजा का पूर्ण फल मिलता है।

दीवाली(Diwali) पर कुबेर-पूजा क्यों की जाती हैं

कुबेर भगवान को धन का देवता कहा जाता हैं इसलिए दीवाली(Diwali) पर भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी जी की पूजा के साथ कुबेर महाराज की भी पूजा करनी चाहिए वरना  पूजा अधूरी मानी जाती हैं औऱ इनकी पूजा धनतेरस के दिन भी की जाती हैं।

लक्ष्मी धन की देवी कही जाती हैं और कुबेर महाराज उस धन के प्रतिनिधि माने जाते हैं तथा वे लक्ष्मी माँ के सेवक के रूप में कार्य करते हैं और लक्ष्मी माँ अपने सेवक की बात नहीं टालती तथा उनके आग्रह पर वह भक्तो को विशेष आशीर्वाद  प्रदान करती हैं इसलिए माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए इनकी पूजा का भी विशेष महत्त्व हैं।

दीवाली(Diwali) के पांच महत्वपूर्ण दिन  

-धनतेरस  

विष्णुपुराण में यह स्पष्ट रूप से वर्णित हैं की कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वन्तरि क्षीर सागर से समुन्द्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे तथा दो दिन बाद माँ लक्ष्मी प्रकट हुई थी इसलिए धनतेरस दीपावली से दो दिन पूर्व मनाया जाता है।

आज के दिन कुबेर महाराज की पूजा भी की जाती हैं तथा दीपदान किये जाते है आज के दिन कोई भी वस्तु, बर्तन, सोने व चांदी की वस्तु खरीदना बहुत ही शुभ होता हैं। भगवान धन्वन्तरि को विष्णु भगवान का बारहवा अवतार माना जाता हैं औऱ वे स्वास्थय रक्षा के प्रचार प्रसार के लिए अवतरित हुए थे इसलिए आज के दिन स्वास्थय रक्षा की कामना की जाती हैं।

-छोटी  दिवाली 

छोटी दिवाली को चौदस के नाम से भी जाना जाता हैं आज के दिन महिलाये बड़े ही उत्साह के साथ सवारती हैं और साज श्रृंगार करती हैं। कहते हैं की लक्ष्मी पूजन से पहले घर की सफाई के साथ-साथ महिलाये माँ की कृपा दृष्टि पाने के लिए अपने आप को भी निखारती हैं। इसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता हैं।

कहा जाता हैं की आज के दिन कृष्ण जी ने नरकासुर का वध किया था और सोलह हज़ार एक सौ कन्याओ को नरकासुर के बंदीगृह से  छुड़वाया था। इसे काली चतुर्दशी या छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता हैं। आज के दिन यमराज को शाम के समय दीप-दान भी किया जाते हैं शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति आज के दिन यमदेव की पूजा करता हैं वह अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति पाता हैं और उसकी सभी परेशानिया दूर होती हैं।

-दीवाली(Diwali)   

आज के दिन को बड़ी दीवाली(Diwali) के नाम से भी जाना जाता है और माँ-लक्ष्मी की पूजा से सुख समृद्धि प्राप्त होती हैं लोग घरो-दुकानों, दफ्तरों में साफ़-सफ़ाई व पुताई तथा विभिन्न प्रकार की सजावट करते हैं जो माँ लक्ष्मी को अतिप्रिय हैं।

उन्हें प्रसन्न करने के लिए आज के दिन माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए विभिन्न उपायों के साथ माँ लक्ष्मी, श्री  गणेश, तथा कुबेर महाराज की पूजा अर्चना की जाती हैं विधि विधान से पूजा करने के बाद विभिन्न प्रकार के व्यंजन, पकवान तथा मिठाइयों का भोग लगाया जाता हैं तत्पश्चात पटाखे आदि जलाये जाते हैं इस प्रकार बड़ी धूम धाम से यह त्यौहार  मनाया जाता हैं।

-गोवर्धन  पूजा

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है औऱ ये दिन ब्रजवासियो के लिए बहुत महत्त्व रखता हैं। इस दिन मंदिरो में विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्रियों  से भगवान् को भोग लगाया जाता हैं औऱ गोबर से गोवर्धन भगवान् की आकृति बनाकर उनकी रोली कुमकुम तथा दीप जलाकर पूजा की जाती हैं।

आज के दिन गाय-बेल तथा अन्य पशुओ को स्नान कराके हल्दी, चन्दन, रोली, माला पहनाकर पूजा  की जाती हैं माना जाता हैं की आज के दिन भगवन श्री कृष्ण अपने  ब्रजवासियो को बारिश से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊँगली पर उठाया था और सात दिनों तक उठाये रखा था तत्पश्चात ब्रह्मा जी ने इंद्रदेव से कहा की गोकुल में कृष्ण ने अवतार ले लिया हैं अब तुम्हे उनसे बैर नहीं लेना चाहिए तब  इंद्र देवता बहुत लज्जित हुए और भगवान् कृष्ण से क्षमा मांगी फिर सात दिन बाद उन्होंने गोवेर्धन पर्वत को निचे रखा था तभी से गोवर्धन पूजा की जाती हैं और अन्नकूट मनाया जाता हैं।

-भाईदूज

दीवाली(Diwali) के तीसरे दिन भाई दूज का दिन होता हैं आज के दिन बहने अपने भाइयो को आमंत्रित कर भोजन  खिलाती हैं औऱ तिलक लगाती हैं उनको मिठाई खिलाती हैं तथा उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं।

रक्षा बंधन की तरह भाईदूज का भी अपना महत्त्व हैं दोनों ही त्योहार भाई बहन के रिश्ते में प्रेम और सम्मान की भावना को मज़बूत करते हैं इसके बदले भाई बहनो को कुछ भेट या उपहार देते हैं इस तरह से तरह इन पांचो दिनों का अपना  एक महत्त्व हैं।

यह भी पढ़े

>26 January निबंध-भाषण-कविता गणतंत्र दिवस

>Chhath Puja क्या है और क्यों मानते हैं पूरी जानकारी

>नया साल क्या और क्यों मनाया जाता है


Diwali essay in Hindi 1000 Words


दिवाली रोशनी का त्योहार है यह कार्तिक मास की अमावस्या को आता है धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आज के दिन श्री राम जी चौदह वर्ष के वनवास से रावण का वध कर अयोध्या लौटे थे तब सभी लोगो ने दीप जलाये थे और उत्सव मनाया था।

दीवाली एक ऐसा त्योहार हैं जो भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं और साथ ही यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दीवाली के पीछे की कई सारी मान्यताये हैं लेकिन दिवाली को मुख रूप से श्री रामचंद्र जी चौदह वर्ष के वनवास पूरा करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

दीवाली(Diwali) का त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला त्योहार है जिसमें कई त्योहार शामिल है। आज के दिन सुख सम्रद्धि की देवी माँ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही विघ्नहर्ता गणेश जी तथा कुबेर जी महाराज की भी पूजा की जाती है।

माँ लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त करने के लिए लोग दीवाली पर विभिन्न तरह के उपाय करते है जैसे दिवाली से पहले घर- दुकानों और दफ्तरों में साफ सफाई तथा पुताई इत्यादि किये जाते है फिर विधि विधान के साथ माँ लक्ष्मी जी की पूजा करने के बाद उन्हें मिठाई तथा पकवानों का भोग लगाया जाता है और पटाखे जलाये जाते है।

लोग अपने घरों-आँगन में रंगोली बनाते है और फूलो व सजावटी समान से अपना घर सजाते है जैसे कैंडल और रंग बिरंगे दीये जलाते है। धन तेरस, छोटी दीवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाईदूज पांच दिनों तक चलने वाला ये त्यौहार सभी लोग बड़ी धूम धाम से मनाते है।

दीवाली(Diwali) से पंद्रह दिन पूर्व शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी क्षीर सागर से समुन्द्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी तथा दिवाली के दिन इनकी विशेष पूजा का विधान है। माना जाता है कि लक्ष्मी जी के साथ विष्णु जी, गणेश जी और कुबेर जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए वर्ना पूजा का पूर्ण फल नही मिलता । इस प्रकार माँ का आशीर्वाद और सुख सम्पत्ति पाने के लिए पूरे मन से माँ लक्ष्मी कि पूजा की जाती हैं तो चलिए जानते है दीवाली(Diwali) कैसे मनाई जाती हैं।

दीवाली(Diwali) कैसे मनाये

दीवाली(Diwali) पर हम माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते है चाहे हम कितनी भी व्यस्तता हो मगर त्योहारो की परम्पराएं अपनी ओर खीचने लगती है औऱ त्योहारो की संस्कृति, साज-सजावट, पूजा-पाठ आदि का हमारे जीवन मे बहुत महत्व है जिससे तन मन तो पवित्र होता ही है और आस्था की जड़े भी मजबूत होती है कुछ बातो का ध्यान रखकर आप माँ लक्ष्मी को प्रसन्न कर अपने घर मे आध्यात्मिकता का माहौल उत्पन्न कर सकते है-

1. शुभ प्रतीक अवश्य लगाए

ऐसी मान्यता है कि अपने घर मे इन शुभ प्रतीकों का पूजन करने से सुख सम्पति धन संपदा प्राप्त होती है इसलिए दिवाली पर सभी लोग अपने घरों की देहली के दोनों और  माँ लक्ष्मी के पग चिन्ह लगाते है दरवाज़े के दोनो और स्वस्तिक और शुभ-लाभ तथा लक्ष्मी गणेश जी रिद्धि-सिद्धि आदि के शुभ प्रतीक लगाते है ये सभी चीज़े हमारी संस्कृति और आस्था का प्रतीक है।

2. रंगोली का विशेष महत्व

माँ लक्ष्मी जी को रंगोली अतिप्रिय है जिस द्वार पर रंगोली बनाई जाती है माँ लक्ष्मी वहाँ अवश्य पधारती है। बिना रंगोली के ये त्योहार अधूरा से लगता है इसलिए रंग बिरंगी रंगोली के साथ अपने आँगन और गलियारों को सजाये और नए-नए डिज़ाइन की रंगोली बनाये यह आपके घर को एक नया लुक देगी और साथ ही रंगोली से हमे पॉज़िटिव एनर्जी भी मिलती है।

3. कलश स्थापना

घर मे सुख समृध्दि के लिए त्योहारो में कलश स्थापना अवश्य करनी चाहिए औऱ सुंदर रंगोली या फिर चोक बनाकर हल्दी, कुमकुम, रोली आदि रखकर जल से भरा कलश रखे तथा आम के पत्तो पर नारियल रखे तथा चारो और फूलों से सजाये इससे सुख संपत्ति में व्रद्धि होती है।

4. गणेश मूर्ति स्थापना

गणपति विघ्नहर्ता कहे जाते है यह शुभ कार्यो के प्रतीक है। त्योहार को एक नया लुक देने के लिए आप अपने घर के हॉल में गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर सकते है इसे आपके घर मे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी और आत्मिक शांति प्राप्त होगी।

5. दीपक का महत्व

लक्ष्मी पूजन में दीपो का बहुत महत्व है और दीये दिवाली की मुख्य पहचान है। छोटे-छोटे मिट्टी के दीये जलाये औऱ अपने घर के हर स्थान पर रखे। आजकल दीये भी अलग-अलग सुंदर रंगों और डिजाइन में उपलब्ध है जिससे घर की शोभा और बढ़ जाती है तथा दीये स्टैंड भी बाज़ारो में उपलब्ध है जिसे कही भी हैंग कर सकते है।

ये दीपक घर से ही नही बल्कि मन से भी निराशा का अंधकार मिटाते है औऱ दीये सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है जिसकी रोशनी से अंधकार समाप्त हो जाता है और चारो और प्रकाश ही प्रकाश फ़ैल जाता है अपनी सुंदर मनमोहक रंगोली पर भी दिये सजाये।

6. द्वार पर तोरण लगाए

दीवाली के त्योहार पर बाज़ारो में सूंदर-सूंदर रंग बिरंगे तोरण मिलते है जिसे हम द्वार पर मॉ लक्ष्मी के स्वागत के लिए लगाते है। द्वार पर आप आम के पत्ते तथा फूलो से भी तोरण बनाकर सजा सकते है इसका दीवाली पर विशेष महत्व है।

7. घर को फूलों से सजाएं

बिना फूलो से घर की सजावट अधरी सी लगती है औऱ इससे घर मे एक पवित्र माहौल बन जाता है यदि समय की कमी के कारण घर नही सजा पाए है तो फूलो की लड़ियों से भी आप कम समय मे अपने घर तथा द्वार को सजा सकते है।

सूंदर-सुंदर गेंदे के फूल तथा अन्य फूलो की लड़िया बाज़ारो में आसानी से मिल जाती है जो देव उठनी ग्यारस तक घर को फेस्टिव लुक देती है। आजकल बाज़ारो में आर्टिफिशियल फूलो की लड़िया भी मिलती है जिसे आप इस्तेमाल कर सकते है और अपने घर को सजा सकते है।

8. आँगन में गेरू से सूंदर डिज़ाइन बनाये

दीवाली पर गेरू की सुंदर अल्पनाओं से घर के आंगन और मुंडेर तथा दीवारों के किनारे को सजाया जाता है जो दिखने पर बहुत ही सुंदर और मनमोहक दिखती है इसका भी दीवाली पर बहुत महत्व है घर के आंगन के बीच मे गेरू से सूंदर अल्पना उकेर कर दिये से सजाना चाहिए।

दीवाली(Diwali) से जीवन मे सीख लें

आज के दिन असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई की विजय का दिन है औऱ क्यो न हम भी एक संकल्प ले सत्य के लिए लड़ने का, अत्याचार और पाप को मिटाने का और इस परंपरा को कायम रखने का हम सकल्प लें।

दिवाली के दीपों से कुछ सीखे की कैसे घोर अंधकार को एक छोटा सा दीया अपनी टिमटिमाती लौ से समाप्त कर देता है दिवाली की रात अमावस्या की अंधेरी रात होती है और उस रात को रोशन करने के लिए कोई विशाल सूर्य नही बल्कि एक छोटा सा दिया भी अपनी टिमटिमाती लौ से मिटा सकता है यह इस बात का सबक है अंधकार कितना भी घोर हो उसे छोटे से दीये से मिटाया जा सकता है।

हम इस बात से यह सबक ले सकते है कि हमे सत्य के लिए किसी अपार शक्ति की आवश्यकता नही है बस उस दीये कि भांति छोटी सी लौ की तरह अपने मन मे एक संकल्प की भावना जगाने से है जो सारी नकारात्मक भावना और डर के अंधकार को नष्ट करने की क्षमता रखता हैं।

हमे अपनी आने  वाली पीढ़ी को  दिवाली मनाने के  साथ-साथ ये भी सिखाना चाहिए  की हम दिवाली क्यों मानते हैं, किसके  लिए मानते हैं ताकि आने वाली पीढ़ी भी इन उदाहण से कुछ सीखे और अपने जीवन में उतारें ताकि जन कल्याण हो और वर्षो से आई परंपरा इसी तरह निरन्तर चलती रहे।


Diwali essay in Hindi 800 Words


दीवाली(Diwali) यानी दीपों का त्योहार, दीवाली यानी रौशनी का त्योहार औऱ दिवाली का अर्थ ही है बुराई पर अच्छाई की विजय, अधर्म पर धर्म की विजय।

आज के दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष के वनवास के बाद तथा रावण का वध कर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौट थे औऱ उनके आने की खुशी में घर-घर दीप जलाये गए थे। कहते है वो रात अमावस्या की रात थी और उस काली रात के अंधेरे को मिटाने के लिए सभी ने दीप जलाये थे ताकि अच्छाई पर पड़े बुराई के अँधेरे को भी मिटाया जा सके।

पांच दिनों तक चलने वाला यह त्योहार मात्र एक त्योहार नही है बल्कि यह हमारी संस्कृति की पहचान है जिसकी परंपरा युगों-युगों से चली आ रही है। यह त्योहार हमारी आस्था और भावनाओ से जुड़ा हैं।

दीवाली(Diwali) का त्योहार खुशियां बाटने का त्योहार है औऱ लोग अपनी खुशी को व्यक्त करने के लिये उपहारों का सहारा लेते है तथा अपने करीबी रिश्तेदारों, मित्रो आदी को उपहार देते है औऱ मिठाइयों से मुँह मीठा कराते है।

दीवाली(Diwali) के त्यौहार से हमें क्या सीख मिलती हैं

दीवाली(Diwali) का त्यौहार हमें बहुत  कुछ सिखाता हैं और दीवाली के त्यौहार को हम इतनी धूम-धाम से क्यों मानते हैं क्या हमने कभी सोचा हैं की क्यों यह त्यौहार  हमारे लिए एक उदहारण हैं। यदि  हम पुरे मन से इसके महत्त्व को  समझेंगे तो हम अपना जीवन को साकार  कर सकते हैं और दुसरो के लिए प्रेरणा भी बन सकते हैं।

लगभग हम सभी ने रामायण पढ़ी या देखी हैं रामायण के हर एक चरित्र से हमे कुछ सिखने को मिलता हैं जैसे राजा  दशरथ ने अपने वचन का पालन किया और श्री राम ने अपने पिता के वचन का पालन करने के लिए चौदह वर्ष के वनवास के लिए चले गए।

सीता माता भी अपने पतिव्रत धर्म का पालन करने के लिए अपने पति के साथ चली गई और लक्ष्मण  ने भी अपने भाई के लिए राज सिंघासन को ठोकर मार कर वनवास को चल दिए तथा भरत ने भी राज सिंघासन स्वीकार नहीं किया यहाँ तक कि रावण ने भी अपनी मर्यादा का उदाहरण दिया है।

दीवाली(Diwali) का हमारे जीवन मे महत्व 

-दीवाली हमारी संस्कृति का आईना है

दीवाली(Diwali) एक ऐसा पर्व है जो केवल एक दिन तक ही सीमित नही है बल्कि धनतेरस से लेकर भाईदूज तक चलने वाला पांच दिनों का विशेष त्योहार है जो आरोग्य, समृध्दि, सौन्दर्य, स्वास्थ्य रक्षा, पर्यावरण की रक्षा, सामाजिक तथा पारिवारिक मेल-मिलाप यहां तक कि भाई बहन के प्यारे बंधन का भी प्रतीक है।

इन पांच दिनों में हम जी भर के खुशिया मानते है और दिवाली का पर्व दुनिया भर में रहने वाले हिन्दू बड़ी धूम धाम से मनाते है इसके माध्यम से वे हमारी संस्कृति से जुड़ते है।

-अपनो के संग खुशिया बाँटना

दीवाली ऐसा पर्व है जो हमे आपस मे जोड़ता है अपनो संग खुशिया व प्रेम बाँटने का संकेत देता है यह पर्व अपनो के संग खुशिया बाँटने का पर्व है औऱ इन्ही रिश्तो का दामन थामकर ही हमे सपनी संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ना चाहिए।

-आनंद और उमंग का त्योहार

दिवाली आनंद का त्योहार है क्योंकि यह तन, मन तथा धन की भी दरिद्रता को दूर करके जीवन को आनंदमय बनाता है दिवाली पर दिखने वाली रोनक और जलते हुए दीपको की कतार मन को आनंदित करती है तथा मन भावविभोर हो उठता है।

-जीवन मे नई ऊर्जा का संचार

दीवाली पर्व हमारे जीवन मे नई ऊर्जा का संचार करता है और दीवाली के आगमन से सभी के चहरो पर खुशिया आती है तथा दिवाली मनाने की एक उमंग जगती है और नई ऊर्जा का संचार करती है।

रोशनी का यह पर्व अंधेरे पर उजाले की जीत है औऱ दिवाली का अर्थ ही हर चहरे पर मुस्कान लाना, प्रत्येक घर में जीवन जोति प्रज्वलित करना, आस्था की अभिव्यक्ति, जीवन को जीने की एक नई समझ उत्पन्न करना।

दीवाली(Diwali) के लाभ

1. दीवाली एक ऐसा त्यौहार जिसमें व्यपारियों की सेल औऱ मुनाफ़े में कई गुना बढ़ोतरी होती हैं।

2. दीवाली पर कर्मचारियों को अपनी कंपनी की तरफ़ से गिफ़्ट औऱ बोनस मिलता हैं।

3. दीवाली का त्यौहार भाइचारे में प्रेम को बढ़ता हैं।

4. दीवाली के त्यौहार से जीवन मे बुराई पर अच्छी की विजय को दर्शाती हैं जिसे हमारे जीवन अच्छी सीख मिलती है।

5. दीवाली पर घरों की साफ़-सफ़ाई की जाती हैं जिसे हमारे आसपास का वातावरण शुद्ध होता है।

दीवाली(Diwali) की हानि

1. दीवाली पर पटाख़ों को जलाया जाता है जिसे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता हैं।

2. दीवाली पर बम-पटाख़ों चोट लगने का कारण बनते है।

3. दीवाली पर मिठाइयों में मिलावट के कारण हमारे स्वस्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं।

4. दीवाली रौशनी का त्यौहार है जिसके कारण बहुत अधिक बिजली की बर्बादी होती है।

5. कुछ लोग दीवाली पर बेफजूल के ख़र्चे करते हैं।


Diwali essay in Hindi 250 Words


वास्तव में दीवाली पर्व अपनो के संग खुशिया बाँटने का पर्व है और आज यह समझने की ज़रूरत है कि ये रिश्ते भी कही न कही हमारी परम्पराओं को निभाने का एक साधन है हमे इनकी जड़ें मजबूत करनी चाहिए ।

इन्ही रिश्तो का दामन थामकर ही हमे सपनी संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ना चाहिए जैसे हमारी पुरानी पीढ़िया करती आ रही है और हमे भी करना चाहिए।

धनतेरस पर स्वस्थ्य रहने का संकल्प करें, गोवर्धन पूजा में गोधन की पूजा व रक्षा का संकल्प करें, भाई-दूज पर बहनों की रक्षा करने का सकल्प करें, दीवाली ऐसा पर्व है जो हमे आपस मे जोड़ता है औऱ अपनो संग खुशिया व प्रेम बाँटने का संकेत देता है

दीवाली(Diwali) ऐसा त्योहार है जिससे हमारी कई यादे जुड़ी हुई है खासकर बचपन की क्योंकि आजकल ज़िन्दगी एकल परिवार में सिमट कर रह गई हैं औऱ सबने अपने-अपने ढंग से त्योहारो को मनाने का मतलब समझ लिया है अकेले रहकर अपनी सहूलियत के हिसाब से त्योहारो को मनाना चाहते है सबके अपने अलग मायने है।

बेशक बचपन मे दीवाली का मतलब केवल अपनो को खुशी देना और खुश रहना था वो त्योहारो के दिन भी क्या है दिन थे जब खुशियो की तरह काम भी बंट जाया करते थे ये सारी बाते संयुक्त परिवार की निशानी हुआ करती थी।

त्योहारो की खुशी मनाने के साथ साथ उनको जिया जाता था । त्योहार मात्र खुशियो का पर्व है पर असली खुशी परिवार के साथ त्योहार मनाने से मिलती थी जो आज भी मन को आनंदित का देती है। बहुत याद आती है वो बचपन की दिवाली ।

Diwali Poem in Hindi

आओ मिलकर दीप जलाये, खुशिया मिलकर साथ मनाये
इस उत्सव पर धूम  मचाये, बच्चे, बूढ़े सब मिल जाये।

दीदी बनाती है रंगोलो माँ बनाती है पकवान
चाचा भी पटाखे लाये चाची मिलकर घर सजाये।

फुलझरिया, और अनार जलाये, पापा कहे हमे शैतान
दादा दादी हमे समझाये अपना बचपन याद दिलाये।

हम बच्चो का यही है कहना माने सब बड़ो का कहना
खुशिया मिलकर हम बरसाये, आओ सेफ दिवाली मनाये।

हम बच्चो का यही संदेश,
सुरक्षित रहे हमारा देश। Happy Diwali!!

दीवाली(Diwali) उपहार देकर कैसे मनाये

हम अक्सर देखते हैं जब भी हम किसी को उपहार देते हैं तो उसके चहरे पर एक मुस्कान  छा जाती हैं दीवाली(Diwali) ऐसा ही त्योहार है जिसके माध्यम से हम अपनो के साथ खुशियाँ मानते है और उपहारों के माध्यम से अपने प्रेम और आशीर्वाद की अभिव्यक्ति करते है।

लेकिन हम चिंता में पड़ जाते है कि कौन से मित्र या रिश्तेदारों को कौनसा उपहार दे जिस हम अपने प्रेम को दिखा सकें और एक सुंदर दीवाली(Diwali) मना सकें इसलिए कुछ उपहारों के आइडिया हमने निचे दिए हैं जिन्हे आप दिवाली पर अपने रिश्तेदार और मित्रो को देकर उनके चहरो पर मुस्कान ला सकते हैं।

1. मिठाइयां आप अपने मित्रो या रिश्तेदारों को मिठाई गिफ्ट कर सकते हैं जिसे त्योहारों में जीवन और रिश्तो में भी मिठास बढ़ती हैं इसलिए मुँह मीठा कराकर आप अपने मज़बूत रिश्ते की कामना कर सकते है औऱ यही दिवाली का मुख्य उद्देश्य होता हैं।

2. ड्राई फ्रुट्स दीवाली(Diwali) पर गिफ़्ट में ड्रायफ्रूट्स भी एक अच्छा विकल्प हैं जो हेल्दी भी हैं और जल्दी ख़राब होने  का भी इसमें कोई डर नहीं रहता इसलिए आप इसे पैक करके कभी भी दे सकते हैं इसके आलावा चॉकलेट भी दे सकते हैं।

3. गिफ्ट पैक दिवाली के समय विभिन्न तरह के गिफ्ट पैक मिल जाते हैं जो रोज़मर्रा  में खाने वाली चीज़े होती हैं उन्हें  हम गिफ्ट पैक के माध्यम से खरीद सकते हैं और यह बहुत सारी वेराइटी में मिल जाते हैं और आपको अलग से इसे पैक नहीं करना पड़ता हैं साथ ही यह बहुत ही वाजिब दाम में आपको मिल जाते हैं इसे आप अपने रिश्तेदारों या मित्रो को भेट स्वरूप दे सकते हैं।

4. काम वाली चीज़े गिफ़्ट करें उपहार ऐसा होना  चाहिए जो पसंद भी आये और काम का भी हो इसलिए हम उपहार के  रूप में घर में काम आने वाली  वस्तुए भी दे सकते हैं जैसे शो  पीस, घर सजाने वाली चीज़े या बेडशीट, कुशन कवर, या किचिन में यूज़ होने वाली  चीज़े ये आपके बजट में भी रहेंगी औऱ यदि आप इस तरह का कोई उपहार देंगे तो सामने वाला व्यक्ति उसे ज़रूर पसंद करेगा।

5. कपडे गिफ्ट करें यदि आप उपहारों को लेकर दुविधा में हैं तो आप कपडे भी दे सकते हैं यदि साइज  की समस्या होती हैं तो पुरुषों के लिए शर्ट पेण्ट के मैटेरियल्स या फिर घडी, परफ्यूम, मेंस ब्यूटी किट और महिलाओ के लिए  कपड़ो के मटेरियल, साडी या फिर आर्टिफिशियल ज्वेलरी, ब्यूटी किट आदि भी गिफ्ट कर सकते हैं यह आसानी से बाज़ारो में मिल जाते हैं।

उपहार खरदने से पहले इन बातो को ध्यान रखें   

दीवाली(Diwali) पर कई प्रकार की वेबसाइट और कम्पनिया कई तरह के ऑफर निकालती हैं इसलिए आपको थोड़ा समय निकालकर इनको अच्छे से देखना चाहिए यहाँ से भी आपको कई विकल्प मिल जायेंगे और बेस्ट डील भी मिल जाएँगी।

यदि आप किसी  को गिफ्ट देना चाहते हैं तो थोड़ा समय निकालकर पहले मार्केट में सर्च करे फिर कही जाकर एक दुकान से ख़रीदे तो आप दूकानदार  से अच्छा डिस्काउंट भी ले सकते हैं मार्केट जाने से पहले  विचार कर ले की आपको  किस-किसको और क्या गिफ्ट  देना हैं वर्ना आप कन्फ्यूज़ हो जायेंगे और ज़रूरत से ज्यादा खर्च कर बैठेंगे।

दीवाली(Diwali) पर आप केवल उन लोगों को ही  गिफ्ट न दे जो आपके करीबी हैं बल्कि आपको उन लोगो को भी कुछ न कुछ उपहार स्वरूप देना चाहिए जो आपके साथ किसी न किसी तरह काम करते हैं और ज़रूरतमंद हैं क्योंकि आखिर यह दिवाली का त्यौहार औऱ मिलकर खुशियां  मानाने का त्यौहार हैं।

तो दोस्तों हमने आपको इस आर्टिकल में दीवाली(Diwali) से जुड़ीं सभी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है और साथ ही अलग-अलग लम्बाई के Diwali Essay निबंध प्रदान किये है जिसे आप अपनी आवश्यकताओं अनुसार इस्तेमाल कर सकते हैं।

हम उमीद करते है कि आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा औऱ इसमे आपके सभी सवालों के जवाब मिले होगें अगर कुछ सवाल रह जाते है तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं औऱ अगर आपको आर्टिकल अच्छा लगता हैं तो इसे हर किसी के साथ Share करें।

हर जानकारी अपनी भाषा हिंदी में सरल शब्दों में प्राप्त करने के हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे जहाँ आपको सही बात पूरी जानकारी के साथ प्रदान की जाती है हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें

HP Jinjholiya
My Name is HP Jinjholiya In 2015, I Started Working as a Blogger on Blogspot After that in 2017 created NewsMeto.com Now I am a Versatile Professional With Experience in Blogging, Youtuber, Digital Marketing & Content Creator. I Conduct Thorough Research and Produce High-Quality Content for Our Readers. Every Piece of Content Is Based on My Extensive Expertise and In-Depth Research.