Raksha Bandhan- रक्षाबंधन पर निबंध (150, 300, 500 शब्दों में)

Raksha Bandhan- रक्षाबंधन हर भाई औऱ बहन के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व हैं जो एक बहन के लिए भाई औऱ भाई के लिए बहन की अहमियत को दर्शाता हैं और इस दिन कच्चे धागों के साथ पक्के रिश्तों को जोड़ा जाता हैं जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।

रक्षाबंधन को भाई-बहन का त्यौहार माना जाता हैं क्योंकि इस दिन सभी बहने अपने भाईयो को राखी बांधती हैं और भाई उसकी रक्षा और सुरक्षा का दायित्व लेता हैं इसलिए यह त्यौहार हर साल बहुत ही खुशी से मनाया जाता हैं।

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रक्षाबंधन समाज मे फैली बहुत सारी कुर्तियों को समय-समय पर नष्ट करने के लिए भी प्रेरित करता हैं आज हम आपको रक्षाबंधन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने वाले है जैसे रक्षाबंधन क्या है, कैसे मनाया जाता है और रक्षाबंधन पर निबंध इत्यादी।

आज हम आपको Raksha Bandhan- रक्षाबंधन पर छोटा, मीडियम औऱ लंबा हर तरह की लम्बाई के निबंध प्रदान करने वाले हैं उम्मीद है आपको हमारे द्वारा लिखे गए निबंध पसंद आयगे सबसे पहले कुछ जरूरी चीजें जान लेते है।

रक्षाबंधन क्या है और क्यों मनाया जाता है

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) हिंदू समाज में मनाया जाने वाला भाई बहन का मुख्य त्यौहार है औऱ रक्षाबंधन के त्यौहार को राखी के नाम से भी जाना जाता है राखी के धागों में भाई-बहन के स्नेह की भावना भरी होती है यह त्योहार प्राचीन समय से चलता आ रहा है।

इस दिन भाई बहन के प्यार का कुछ अलग ही एहसास होता है क्योंकि रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर पूरी जिंदगी इस रिश्ते को इतने ही प्यार और साहस से निभाने का वचन याद दिलाती है और भाई की दीर्घायु की कामना करती हैं।

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) का इतिहास –

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) मनाने की प्रथा सन 1535 में शुरू हुई जब बहादुर शाह ने रानी कर्णावती का अपमान किया था तब कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेजकर अपनी मदद करने के लिए पुकारा था तब से ही रक्षाबंधन भाई द्वारा बहन की रक्षा करने का पर्व बन गया।

इसी तरह रक्षाबंधन बंधन को मनाने की प्रथा से जुड़े और भी बहुत से तर्क पुराणों में दिए गए मुख्य रूप से यह त्यौहार हिंदू व जैन धर्म के लोगो द्वारा मनाया जाता है। जैन धर्म में भी रक्षाबंधन का बहुत महत्व है क्योंकि इस दिन ही जैन धर्म के 1 मुनि ने 700 मुनियों के प्राण बचाए थे इसलिए जैन धर्म से जुड़े लोग इस दिन हाथ में सूत की डोरी बांधते हैं।

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) मनाने की प्रथा समाज को प्यार और अपनेपन का संदेश देती है इसलिए लोग इसे सदियों से मनाते आ रहे हैं रक्षाबंधन हर वर्ष हिंदू श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने लगा श्रावण मास या सावन में आने के कारण इस त्योहार को बहुत से लोग श्रावणी और सलोनी भी कहते हैं।


रक्षाबंधन पर निबंध
Raksha Bandhan Essay Hindi Word 250

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) भारतीय समाज में मनाया जाने वाला प्राचीन त्योहार है यह त्यौहार भाई-बहन के बीच स्नेह और पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। रक्षाबंधन धार्मिक पौराणिक और ऐतिहासिक भावनाओं से जुड़ा ऐसा पर्व है जिससे बहुत से तर्क जुड़े हैं।

वैसे तो भाई बहन का रिश्ता बहुत अतुल्य होता है वह आपस में चाहे जितना लड़ ले, परंतु रक्षाबंधन के दिन वह मिल ही जाते हैं। यह त्योहार ही भाई-बहन के प्रति आपसी स्नेह, एकजुटता और विश्वास का प्रतीक है।

रक्षाबंधन मनाने का कारण

वैसे तो रक्षाबंधन से बहुत से तर्क जुड़े हैं और उन तर्को में से एक प्रसिद्ध तर्क यह भी है कि एक युद्ध के दौरान श्री कृष्ण की उंगली पर चोट लग गई थी तो श्री कृष्ण की चोट पर द्रोपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा बांध दिया था तब श्री कृष्ण ने हर संकट से द्रोपदी की रक्षा करने का वचन दिया था।

रक्षाबंधन भाई बहन का पर्व

रक्षाबंधन, रक्षा करने का वादा देने का दिन होता है रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने की परंपरा है औऱ जैन धर्म में भी रक्षाबंधन का बहुत उत्साह देखा गया है। यह आवश्यक नहीं कि बहने, अपने सगे भाई को ही यह रक्षा सूत्र अर्थात राखी बांधे। वह इच्छा अनुसार किसी को राखी बांधकर इस पवित्र रिश्ते की शुरुआत कर सकती हैं।

भाइयों और बहनों के लिए रक्षाबंधन एक विशेष महत्व रखता है। यह त्यौहार तो देवी देवताओं द्वारा भी मनाया जाता है जिसके कई तर्क हमें दिए गए हैं हमें इस पवित्र त्यौहार को अच्छी भावना के साथ खुशी-खुशी मनाना चाहिए।


रक्षाबंधन पर निबंध
Raksha Bandhan Essay Hindi Word 500

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) से बहुत से तर्क जोड़े गए हैं कोई देवी-देवताओं से जुड़े हुए तो कोई राजा महाराजाओ से जुड़े हुए रक्षाबंधन बहुत से तर्को से जुड़ा हुआ है।

कहा जाता है कि राजा सिकंदर की पत्नी ने उसके एक हिंदू शत्रु पूरू को युद्ध के समय रक्षा सूत्र अर्थात राखी बांधकर अपना मुंह बोला भाई बना लिया और उस राखी के बदले उससे अपना सुहाग मांग कर युद्ध में उसे ना मारने का वचन ले लिया था।

तभी से यह रक्षा सूत्र अर्थात राखी बांधने की प्रथा शुरू हुई और भी बहुत से तर्क इस त्यौहार से जुड़े हैं जैसे रानी कर्णावती द्वारा हुमायूं को रक्षा सूत्र भेजने का तर्क, द्रोपदी द्वारा श्रीकृष्ण को रक्षा सूत्र बांधने का तर्क व लक्ष्मी देवी द्वारा राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधने का तर्क यह एक त्यौहार बहुत से तर्को से जुड़ा है।

रक्षाबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

1. रक्षा और बंधन 2 शब्दों का मेल है।

2. यह शब्द रक्षाबंधन जिसमें रक्षा का अर्थ है सुरक्षा और बंधन का अर्थ है बाध्य।

3. इस दिन भाई अपनी बहनों की हर हाल में रक्षा करने का वादा करते हैं।

4. रक्षाबंधन भाई बहन द्वारा मनाया जाने वाला पर्व है जिसमें बहने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उसके मंगल जीवन की कामना करती हैं ।

5. पहले के समय में जब राजा महाराजा हुआ करते थे तब युद्ध का बहुत भय रहता था तब यह रक्षा सूत्र राजा महाराजाओं की युद्ध में रक्षा करने का प्रतीक हुआ करता था। आज के समय में युद्ध तो नहीं परंतु बहने भाई की अच्छे स्वास्थ्य और मंगलमय जीवन की प्रार्थना करती है।

6. यह त्योहार आपसी प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है कुछ पंक्तियाँ भाई बहन के इस पर्व के लिए-

भाई छोटा हो या बड़ा, राखी जरूर बंधवाता है।
जितना चाहे हो व्यस्त जीवन में,पर रक्षाबंधन के दिन  बहन को मिलने जरूर आता है।
भाई बहन को मिलवाने हर वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार भी आता है।

रक्षाबंधन से जुड़ी भाई-बहन की भावना-

पूरे साल चाहे भाई-बहन अपने व्यस्त जीवन में लगे रहे परंतु रक्षाबंधन के दिन वह एक दूसरे से जरूर मिलने की कामना करते हैं रक्षाबंधन मनाने का एक उद्देश्य भाई बहनों को मिलवाना भी होता है जो कई कारणवश पूरे साल एक दूसरे से नहीं मिल पाते परंतु यह रक्षाबंधन का त्योहार उन्हें मिलवा देता है।

आज के समय में रक्षाबंधन का अपना एक अलग ही महत्व बन चुका है पहले की अपेक्षा आज कल की पीढ़ी में अपनेपन और सम्मान की भावना खत्म होती जा रही है जिसमें रक्षाबंधन का त्योहार सम्मान देने और सम्मान लेने का प्रतीक है।

जहां एक ओर बहने भाई को सम्मान देते हुए एक रक्षा सूत्र बांधती हैं तो वहीं दूसरी ओर भाई भी बहनों को ताउम्र सम्मान देने और लोगों से भी दिलवाने का वादा करते हैं क्योंकि पहले के युग में स्त्रियां सुरक्षित थी परंतु आज तो स्त्रियों की सुरक्षा घर में ही संभव नहीं है तो बाहर तो बहुत ही मुश्किल है।

रक्षाबंधन से मिलने वाली सीख

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) का त्यौहार अपने घर की बहन, बेटी और बहू की रक्षा करते रहना का प्रतीक दर्शाता है और दूसरों में भी यह भावना उत्पन्न करने का प्रोत्साहन देता है रक्षाबंधन ना सिर्फ अपनी अपितु दूसरे की बहन ,बेटी व बहू को भी सम्मान की नजरों से देखने का ज्ञान देता है।

निष्कर्ष-

अतः रक्षाबंधन आपसी प्यार सम्मान और एकजुटता को दर्शाने वाला त्यौहार है जिसके मनाने के तर्क तो बहुत है परंतु सब का उद्देश्य आपसी प्यार ही है। भाई बहन को मिलकर इस त्यौहार को बड़े प्यार से और अपनेपन के साथ पुराने सभी गिले-शिकवे भुलाते हुए मनाना चाहिए।


रक्षाबंधन पर निबंध
Raksha Bandhan Essay Hindi Word 700

भारत में विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं साथ ही भारत में हिंदू समाज में मनाए जाने वाले त्योहार आपसी प्रेम को जागरूक करने वाले होते हैं जिसमें से रक्षाबंधन भी एक प्रमुख त्योहार है।

रक्षाबंधन का अर्थ-

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) राखी के नाम से भी जाना जाता है यह त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में रहने वाले भारतीय भी बहुत उत्साह और प्रेम के साथ मनाते हैं फिर चाहे दूसरे देश में होने के कारण अपनी बहनों से ना भी मिल पाए परंतु उन्हें बहुत दिल से याद करके और आजकल की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके उनसे जुड़े रहने की कोशिश करते हैं।

रक्षाबंधन से जुड़ी मान्यताएं

रक्षाबंधन मनाने के पीछे बहुत से तर्क है कई तर्क देवी देवताओं से जुड़े हैं, कई तर्क राजा-रानियों से जुड़े हैं इसमें से एक तर्क यह भी है कि पुराने समय में जब राजा महाराजा युद्ध पर जाते थे तो युद्ध पर जाने से पहले उनके घर की स्त्रियां उन्हें तिलक करके उनकी आरती उतार के और हाथ पर एक रेशम का धागा बांधकर उन्हें विजय होकर सकुशल वापस लौटने की प्रार्थना करती थी।

वही से ही राखी बांधने या रक्षाबंधन मनाने की प्रथा भी शुरू हुई जो भाई बहनों द्वारा मनाई जाती है रक्षाबंधन सावन महीने की पूर्णिमा को हर वर्ष मनाया जाता है यह त्योहार श्रावणी नाम से भी जाना जाता है।

रक्षाबंधन मनाने की तैयारियां

1. रक्षाबंधन पर बाजारों में भी चहल-पहल देखी जाती है क्योंकि बहने अपने भाइयों के लिए अलग-अलग तरीके की सुंदर-सुंदर राखियां खरीदना चाहती हैं और भाई अपनी बहनों के लिए विभिन्न प्रकार के उपहार खरीदना चाहते हैं।

2. यह त्यौहार सभी भाई बहनों के लिए एक नया उत्साह और ऊर्जा पैदा करने वाले त्योहारों में से एक है।

रक्षाबंधन बनाने की विधि

1.  रक्षाबंधन पर बहने भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधती हैं और तिलक लगाती हैं।

2. बहने भाई की दीर्घायु आयु की कामना करती है।

3. भाई-बहन की हर हालत में रक्षा करने का संकल्प करते हैं।

4. संकल्प के साथ-साथ भाई उन्हें दक्षिणा के रूप में पैसे या उपहार देते हैं।

5. रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम को और मजबूत करने का एक प्रतीक भी समझा जाता है।

6.  पूरे वर्ष चाहे बहने अपने भाई से ना भी मिले पर रक्षाबंधन पर भाई से मिलने का उत्साह कुछ अलग ही होता है।

रक्षाबंधन के लाभ-

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) सिर्फ राखी बांधने मात्र का नहीं रह गया है बल्कि हमें इस रक्षाबंधन से बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है क्योंकि जिस तरह से हमारे समाज में भ्रूण हत्या का गैर कानूनी काम चल रहा है आने वाले समय में यह सोचने की जरूरत है कि भाई आखिर बहनों से राखी कैसे बंधवाएंगे।

जब इस संसार में बहने आएंगी ही नहीं तो भाई किस से राखी बंधवाएंगे? रक्षाबंधन हमें यह सीख भी देता है कि हमें इस गैरकानूनी कार्य को रोकना चाहिए इस पर प्रतिबंध लगाने की बहुत जरूरत है नहीं तो आने वाले समय में रक्षाबंधन नाम के त्योहार का कोई अस्तित्व ही नहीं रह जाएगा।

रक्षाबंधन हमारे हिंदू समाज में मनाए जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है यह ना सिर्फ हिंदुओं में बल्कि जैन धर्म में भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। आज के समय में लोग रक्षाबंधन पर पर्यावरण सुरक्षा और समाज में और कई प्रकार के होने वाले गलत कामों से समाज की रक्षा करने का भी संकल्प लेते हैं जो हमारे समाज के लिए बहुत जरूरी है।

निष्कर्ष-

इसलिए हमें यह त्यौहार बड़े प्यार, सच्ची भावना और उत्साह के साथ मनाना चाहिए क्योंकि यह छोटे-छोटे पल ही आपसी प्यार को बढ़ावा देते हैं और पुराने गिले-शिकवे को दूर करने के मौके भी देते हैं।

    आया आया सावन आया,
लाया है राखी का त्यौहार।
भूलो सारे गिले शिकवे,
और मिलो सब प्रेम के साथ।


रक्षाबंधन पर निबंध
Raksha Bandhan Essay Hindi Word 1000

रक्षाबंधन हिंदुओं का मुख्य पर्व है रक्षाबंधन भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन मनाने की प्रथा सन 1535 में शुरू हुई जब बहादुर शाह ने रानी कर्णावती पर आक्रमण किया था। तब कर्णावती ने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेज कर अपनी मदद के लिए पुकारा था तब से ही रक्षाबंधन भाई द्वारा बहन की रक्षा करने का वादा करने का पर्व बन गया।

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) को मनाने के तर्क कई पुराणों में भी दिए गए हैं जिसमें से एक तर्क यह भी है कि एक समय की बात है जब राजा बलि ने एक विशाल यज्ञ करके स्वर्ग पर अपना राज करना चाहता था तो देवराज इंद्र ने स्वयं को बचाने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना की तो विष्णु भगवान भी ब्राह्मण बन राजा बलि से भिक्षा लेने चले गए।

भगवान विष्णु के भिक्षा मांगने पर राजा बलि ने तीन पग जमीन उन्हें दान में दे दी तब भगवान विष्णु ने तीन पग में आकाश, पाताल और धरती को नाप कर राजा बलि को रसातल भेज दिया। राजा बलि भी बहुत चतुर था उसने अपने भक्ति के बल पर विष्णु जी से हर समय अपने सामने रहने का वचन ले लिया।

विष्णु जी का दिया वचन सुनकर लक्ष्मी जी चिंतित हो गई तो नारद जी के सलाह देने पर लक्ष्मी जी बलि के पास गई और एक रक्षा सूत्र बांधकर उसे अपना भाई बना लिया औऱ रक्षा सूत्र बांधने के बदले बलि से विष्णु जी को मांग कर अपने साथ वापस ले आई।

उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी इसलिए रक्षाबंधन हर वर्ष हिंदू श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने लगा। सावन मास या सावन में आने के कारण इस त्यौहार को बहुत से लोग श्रावणी और सलोनी भी कहते हैं।

रक्षाबंधन का विभिन्न धर्मों में महत्व

मुख्य रूप से यह त्यौहार हिंदू और जैन धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है जैन धर्म में भी रक्षाबंधन का बहुत महत्व है क्योंकि इस दिन ही जैन धर्म के 1 मुनि ने 700 मुनियों के प्राण बचाए थे इसलिए जैन धर्म से जुड़े लोग इस दिन हाथ में सूत की डोरी बांधते हैं।

सदियों से हमारे समाज में बहुत सी परंपराएं चलती आई है जो परंपराएं समाज को गलत संदेश देती है उन्हें यह समाज अपने से अलग भी करता आया है जैसे बाल विवाह ,सती प्रथा आदि। परंतु रक्षाबंधन मनाने की प्रथा समाज को प्यार और अपनेपन का संदेश देती है इसलिए लोग इसे सदियों से मनाते आ रहे हैं।

रक्षाबंधन से जुड़ी पुरानी धारणाएं-

Raksha Bandhan(रक्षाबंधन) से कुछ पुरानी धारणा भी जुड़ी हुई है जैसे अगर किसी परिवार में रक्षाबंधन के दिन किसी पुरुष की मृत्यु हो जाए तो वह परिवार यह त्योहार मनाना बंद कर देता है और पुनः यह त्यौहार तभी शुरू करते हैं जब रक्षाबंधन के दिन उस परिवार को पुत्र धन की प्राप्ति हो तो।

जब रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने की प्रथा शुरू हुई तो छोटी बेटी द्वारा पिता को राखी बांधी जाती थी परंतु अब बहनें ही भाई की कलाई पर राखी बांधती है। रक्षाबंधन त्योहार मनाने की प्रथा, भारत में ही नहीं यह त्योहार नेपाल और मॉरीशस में भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।

रक्षाबंधन से मिलने वाली शिक्षा

अतः रक्षाबंधन का त्योहार हमारी संस्कृति को दर्शाता है हर भारतीय में यह त्योहार मनाने का एक अलग ही उत्साह देखा जाता है परंतु कई भाइयों को इस दिन उदास भी देखा जाता है क्योंकि उनके माता-पिता दुनिया में उनकी बहन को आने ही नहीं देते हैं।

यह त्यौहार हमें एक बहुत बड़ी सीख देता है कि हमें लड़कियों को गर्भ में ही नहीं मारना चाहिए क्योंकि बेटियों का महत्व हमें रक्षाबंधन पर पता लगता है और मनुष्य तो क्या यह त्यौहार तो, देवी देवताओं के समय से हमें कुछ न कुछ सिखाता चला आ रहा है। तो हमें इस पवित्र त्यौहार को सच्चे दिल और अच्छी भावनाओं के साथ मनाना चाहिए रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ पंक्तियां-

भाई बहन का रिश्ता प्यारा,
कितने रंग दिखाता है।
इस रिश्ते को मजबूत करने,
हर वर्ष रक्षाबंधन आता है।
स्नेह और अपनेपन का,
प्रतीक है यह त्योहार।
कभी न टूटे कभी न छूटे,
बना रहे सभी भाई बहनों का प्यार।

रक्षाबंधन भाई बहन के प्यार का बंधन

– रक्षाबंधन हिंदू समाज में मनाए जाने वाला भाई बहन का मुख्य त्यौहार है।

– रक्षाबंधन के त्यौहार को राखी के नाम से भी जाना जाता है।

– राखी के धागों में भाई-बहन के स्नेह की भावना भरी होती है।

– यह त्योहार प्राचीन समय से चलता आ रहा है।

– प्राचीन समय में इस दिन लोग जनेऊ बदलते थे और यज्ञ करते थे।

– वैसे तो भाई बहन का प्यार किसी एक दिन का मोहताज नहीं होता परंतु इस दिन भाई बहन के प्यार का कुछ अलग ही एहसास होता है।

– रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर पूरी जिंदगी इस रिश्ते को इतने ही प्यार और साहस से निभाने का वचन याद दिलाती है और भाई की दीर्घायु की कामना करती है।

– इस त्यौहार पर बहनें अपने भाइयों के लिए राखी और मिठाई लेकर जाती है।

– बहन द्वारा भाई को राखी बांधे जाने के बाद बहन को दक्षिणा स्वरूप भाई रुपए और उपहार देते हैं।

– यह राखी और उपहार का आदान-प्रदान भाई बहन के रिश्ते में एक नई उमंग पैदा करता है।

– इस उत्साह के कारण साल भर फिर से राखी आने का इंतजार रहता है।

भाई बहन के प्यारे रक्षाबंधन पर कविता –

भाई बहन का रिश्ता प्यारा, कितने रंग दिखाता है।

भाई छोटा हो या बड़ा,हमेशा बड़ा ही कहलाता है।
खुद चाहे जितना लड़ ले बहन से पर ,किसी के कुछ कहते ही बहन को सबसे पहले गले लगाता है।

अलग-अलग नामों से बहन को ,भाई ही चिढाता है।
भाई बहन का रिश्ता प्यारा कितने रंग दिखाता है ।

बहन की चोटी खींच खींच कर ,उसको बहुत सताता है।
पर जरूरत पड़ने पर ,बहन के सिर को प्यार से भी सहलाता है।

भाई बहन का रिश्ता प्यारा कितने रंग दिखाता है।
अंदर से होता है चीनी सा मीठा,पर बाहर से खुद को करेला दिखाता है ।

चाहे जैसा भी हो भाई पर बहन के लिए सुपर हीरो भी बन जाता है।
भाई बहन का रिश्ता प्यारा कितने रंग दिखाता है ।

मां मुझे करती ज्यादा प्यार, यह बोलकर बहन को बचपन में बहुत रुलाता है।
फिर उसको चुप कराने को चॉकलेट भी लेकर आता है।

भाई बहन का रिश्ता प्यारा कितने रंग दिखाता है।
भाई बहन का रिश्ता प्यारा ।
भाई बहन का रिश्ता प्यारा ।

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तो दोस्तों हमने आपको Raksha Bandhan- रक्षाबंधन के बारे में अलग-अलग लंबाई के निबंध लिखे हैं अगर आपको हमारे यह निबंध पसंद आते हैं तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार स्कूलों में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही आपको भी इसके बारे में लोगों को अवगत करना चाहिए।

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HP Jinjholiya
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