Holi- होली पर निबंध (200 शब्द से 1000 शब्द में)

Holi-रगों का त्योहार हैं जिसे भारत वर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं क्योंकि यह भारत वर्ष के प्रमुख त्योहार में से एक हैं जो आपसी मतभेद को बुलाकर भाईचारे के पर्व में रूप में मनाया जाता हैं।

होली वसंत ऋतु में मनाया जाता है जो हिन्दू पंचाग के अनुसार फ़ाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं जिसके मनाने के पीछे कई सारी कहानियां जुड़ी हुई हैं लेक़िन यह मुख्य रूप से प्रहलाद की विष्णु भक्ति पर आधारित है।

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अक़्सर हमें स्कूलों व कॉलेजों में निबंध व भाषण लिखने के लिए दिए जाते है इसलिए आज हम आपको Holi-होली की जानकारी प्रदान करने वाले है औऱ साथ ही Holi-होली पर छोटा, मीडियम औऱ लंबा हर तरह की लम्बाई के निबंध प्रदान करने वाले हैं उम्मीद है आपको हमारे द्वारा लिखे गए निबंध पसंद आयगे।

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होली पर निबंध
Holi Essay Hindi Word 300

Holi-होली के त्यौहार का नाम सुनते ही मन में एक गुदगुदी होने लगती है और आंखों के सामने विभिन्न पिचकारियो, रंगों, गुब्बारों के दृश्य घूमने लगते हैं जब यह त्योहार मनाना शुरू किया गया तब इसे होलाका का नाम से भी जाना जाता था।

इस त्यौहार के बारे में कई ग्रंथों में बताया गया है। मुगल शासक शाहजहां के काल में भी होली बहुत उत्साह के साथ मनाते थे उस समय में इसे ईद-ए- गुलाबी के नाम से जानते थे।

होली मनाने से जुड़ी विभिन्न मान्यताएं:-

हिंदू समाज के अन्य त्योहारों की तरह होली भी एक ऐसा त्योहार है जिसको मनाने के बहुत से तर्क हमारे इतिहास में मौजूद हैं जिसमें से एक कहानी राक्षसी पूतना के मारे जाने से भी जुड़ी है।

कहा जाता है कि राक्षसी पूतना एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर बालक कृष्ण के पास आती है और उसे अपना जहरीला दूध पिला कर उसे मारने का प्रयास करती है परंतु वह भी कृष्ण भगवान थे उन्होंने दूध पीने की बजाय उसके प्राण ले लिए और पूतना मृत्यु को प्राप्त हो गई परंतु मृत्यु के पश्चात पूतना का शरीर लुप्त हो गया इसलिए लोगो ने उसका पुतला बनाकर जला दिया तभी से ही मथुरा होली का मुख्य केंद्र हो गया।

होली के त्योहार से जुड़े मुख्य तथ्य:-

1. होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

2. होली का त्योहार मुख्य रूप से 2 दिन का होता है पहले दिन पूरी विधि के साथ पूजा करके होलिका दहन किया जाता है।

3. दूसरे दिन रंगों से, पिचकारिया से, लोग होली का त्योहार मनाते हैं।

4. होली के लिए लोग विभिन्न पकवानों का भी इंतजाम करते हैं जैसे- गुजिया, विभिन्न प्रकार की नमकीन, विशेष रूप से ठंडाई बनाते हैं।

5. भारत में ब्रज की होली का दृश्य देखने वाला होता है पहले सभ्यता के साथ शौक में ठंडाई बनाते थे परंतु आजकल लोग ठंडाई को छोड़कर नशे की ओर बढ़ रहे है।

6. पहले के लोग चंदन और गुलाल से होली खेलते थे लेकिन आजकल लोग केमिकल वाले रंगों का प्रयोग करते हैं जो हानिकारक होते हैं।

7. नशा कर लोग, मित्रों से मिलने निकलते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

रंगों और अपनेपन का त्योहार है यह होली।
जितनी भी कोशिश कर ले बुराई पर अच्छाई की जीत ही होगी।
होली ने भी तो संदेश यही दिया है।
होलिका और हिरण्यकश्यप की बुराई का दहन हुआ है।


होली पर निबंध
Holi Essay Hindi Word 500

कहा जाता है की होली एक त्यौहार है जो दो दुश्मनों को भी दोस्त बनाने की ताकत रखता है क्योंकि इस दिन अगर कोई दुश्मन भी प्यार से रंग लगा दे तो उसमें भी प्यार की जीत होती है इस दिन हर कोई पुराने गिले-शिकवे भुलाकर, खुशी और प्यार के रंग बिखेरता है।

Holi-होली हर एक धर्म के लोगों उत्साह और अपनेपन के साथ मनाते हैं या कह सकते हैं कि खराब रिश्तो को सुधारकर एक अच्छा रूप देने का मौका हर वर्ष आता है होली भारत के साथ-साथ विदेशों में भी बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है और इस त्यौहार को हर एक उम्र के लोग खुशी से मनाते हैं।

Holi-होली फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है और अंग्रेजी महीने के हिसाब से यह मार्च के महीने की शुरू में आती है और घरों में बसंत पंचमी से ही इसकी तैयारी शुरू हो जाती है।

होली 2 दिन मनाया जाने वाला त्यौहार है पहले दिन होलिका दहन होता है और दूसरे दिन लोग एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते हैं और इस दिन को धुलेती नाम से भी लोग जानते हैं।

Holi-होली का त्योहार राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी को याद करके भी मनाते हैं कहते हैं कि वसंत ऋतु के इस मनमोहक मौसम में कृष्ण और राधा एक दूसरे पर रंग डालकर लीला किया करते थे इसलिए होली के दिन कृष्ण और राधा की लीला को याद किया जाता है।

होली आपसी प्यार बढ़ाने का मौका:-

• होली के दिन न किसी जात का ख्याल होता है, न बिरादरी और ना हैसियत का यह आपसी प्यार को बढ़ाता है।

• यह त्यौहार जातिवाद, रंग का भेदभाव जैसी सामाजिक बुराई को खत्म कर देता है।

• होली लोगों में सकारात्मक सोच लाती है जो एक बेहतर समाज के गठन की अच्छी नीव है।

• इस दिन हर कोई पुराने गिले-शिकवे भुलाकर एक नई शुरुआत करता है।

• यह त्यौहार पीढियो में आ रहे अंतर को भी खत्म करने का एक मौका देता है।

वैसे तो होली का त्योहार मनाने के पीछे बहुत से तर्क हैं जो कोई देवी-देवताओं से जुड़े हैं तो कोई राजा महाराजाओं के समय से परंतु हर एक तर्क में इसका उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत प्रेम और अपनेपन का प्रतीक है।

मथुरा की होली से जुड़े कुछ तथ्य:-

• भारत में मथुरा और वृंदावन की होली देखने वाली होती है।

• यह उत्सव यहां करीब 25 दिनों तक चलता है।

• यहां की ब्रज की लठमार होली ना केवल भारत में अपितु पूरे विश्व में प्रचलित है।

• जिसमें पुरुष महिलाओं के ऊपर रंग डालते हैं तो महिलाएं उन्हें लाठी से मारती है।

• होली पूर्ण भारत देश में मनाई जाती है।

• इस त्यौहार का उत्साह, जातिवाद और भेदभाव से कई ऊपर होता है।

• यह खुशी और मित्रता का आगमन करने वाला लोकप्रिय त्योहार है।

होली अनेकता में एकता का प्रतीक:-

Holi-होली का त्योहार हमे एकता और भाईचारे का संदेश देता है हमे अपनी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए हमारे त्योहारो को मनाना चाहिए नशे आदि से दूर रहकर मानवता का परिचय देना चाहिए यह रंग बिरंगा त्योहार हमारे तन को ही नही बल्कि मन को भी आस्था, प्रेम और विश्वास के रंग में रंग दे ऐसी हमे ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिये।

यह उत्सव है खुशी का, विश्वास का ,सच्चाई का ,भाईचारे का, प्रेम का हमे इसी उद्देश्य के साथ यह त्योहार मनाना चाहिये। यह हमारी आस्था और संस्कृति का प्रतीक है जो वर्षो से चली आ रही है और सदा रहेगी।

       रंग बिरंगे रंगों का ऐसा है यह त्यौहार।
भूलो जिसपे सारे शिकवे, और मिल जाओ फिर से एक बार ।
जिसमें ना कोई जाति, ना कोई हैसियत की दीवार।
ऐसा है यह रंगों का, होली नाम का त्यौहार।


होली पर निबंध
Holi Essay Hindi Word 700

Holi-होली अत्यंत प्राचीन पर्व है और प्रत्येक वर्ष फाल्गुन के महीने में मनाई जाती है। होली रंगों का त्योहार है औऱ भारतीय त्योहारों में होली को खुशियां बांटने और आपसी बैर खत्म करने का दिन कहा जाता है।

होली के दिन सभी लोग पुराने शिकवे भुला कर एक नई दोस्ती की शुरुआत करते हैं औऱ लोग आपस में गले मिलते हैं एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते हैं।

यह त्योहार भरपूर उत्साह से भरा हुआ होता है और यह उत्साह लोगों में 1 महीने से ही दिखना शुरू हो जाता है यह एक परंपरा और सांस्कृतिक हिंदू त्योहार है इस त्यौहार से लोगों के बीच में प्रेम बढ़ता है और सभी मिलजुल कर इस दिन का आनंद लेते हैं।

प्यार के रंगों से अपने रिश्तो को सजाओ।
भूलो सारे शिकवे पुराने ,होली का त्यौहार मनाओ।

होली के अपने मायने:-

1. यह त्योहार लोगों में जोश और उमंग भर देता है।

2. लोग इस त्योहार को अपने परिवारजनों और दोस्तों के साथ मिलकर बहुत ही उल्लास से मनाते हैं।

3. आजकल के व्यस्त जीवन में होली के बहाने अपनों के लिए 1 दिन निकाल लिया जाता है।

4. घर की औरतें, परिवार वालों के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाती है।

5. धर्मो तथा जाति का भेदभाव पता ही नहीं लगता सब धर्म के लोग इसे मिलकर मनाते हैं।

होली का त्योहार जुड़ा है विभिन्न तर्को से:-

Holi-होली वैसे तो सभी धर्मों के लोग मनाते हैं मुगल काल के राजा, महाराजा भी इसे बड़ी धूम-धाम से और बहुत तैयारियों के साथ मनाते थे। इतिहास में भी बहुत से चित्र इस बात का सबूत देते हैं कि रानी जोधा और राजा अकबर भी होली से बहुत प्रेम के साथ मनाते थे।

इस त्यौहार से बहुत सी कहानियां जुड़ी हैं जैसे- प्रहलाद और हिरण्यकश्यप की कहानी, जिसे बुराई पर अच्छाई का प्रतीक भी कहते हैं। राक्षसी पूतना के वध की कहानी, राधा कृष्ण के प्रेम को याद करके होली मनाना तथा शिव पार्वती की कथा आदि।

कहा जाता है कि हिमालय पुत्री पार्वती चाहती थी कि उनका विवाह शिव से हो जाए परंतु शिव अपनी तपस्या में लीन थे कामदेव पार्वती की सहायता करते हैं और प्रेम बाण चलाते हैं जिससे भगवान शिव की तपस्या भंग हो जाती है जिसके कारण भगवान शिव को बहुत क्रोध आता है और क्रोध के कारण भगवान शिव की तीसरी आंख खुल जाती है।

उनके क्रोध की ज्वाला से कामदेव भस्म हो जाते हैं परंतु जब शिवजी भगवान पार्वती माता को देखते हैं तो उनके सच्चे प्रेम को स्वीकार करके उनको अपनी पत्नी मान लेते हैं होली की आग में वासना के आकर्षण को प्रतीक रूप से जलाकर सच्चे प्रेम के विजय के उत्सव में मनाते हैं।

होली पर पूजा का भी अलग महत्व:-

• लकड़ी और कंडो की होली के साथ घास लगाकर होलिका खड़ी की जाती है।

• फिर उसका पूजन किया जाता है।

• पूजन के लिए हाथ में असद, फूल, सुपारी, पैसे लेकर पूजन किया जाता है।

• जल के साथ यह सब सामग्री होलिका के पास छोड़ देते हैं।

• अंत में अग्नि देने से पहले होलिका की तीन परिक्रमा की जाती है।

• और नारियल का गोला, गेहूं की बाली तथा चने को इसमें भूंज कर सबको प्रसाद दिया जाता है।

होली के त्योहार को नया रूप देने की आवश्यकता:-

1. होली पर केमिकल वाले रंगों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

2. टेसू के फूलों से बने रंगों को उपयोग करें जो हानिकारक भी नहीं है।

3. फालतू पानी ना बहाएं देखा जाता है कि होली पर बहुत पानी बहाया जाता है।

4. होली को नशा मुक्त त्योहार के रूप में मनाए।

5. किसी की रजामंदी के बिना, जबरदस्ती रंग ना लगाएं क्योंकि जबरदस्ती करने पर यह रंग किसी की आंखो या मुंह में भी जा सकते हैं जो हमारे लिए हानिकारक है।

6. कई लोग होली की मस्ती में राह चलते लोगों पर कीचड़ भी उछाल देते हैं और दुश्मनी पैदा करते हैं।

7. इन गलत हरकतों के कारण होली का त्यौहार लोगों के दिल से उतरता जा रहा है इसलिए होली के त्योहार को प्रेम भाव के रूप मनाया जाना चाहिए।

  प्यार का त्योहार है,
प्यार से मनाओ।
गलत हरकतों के कारण,
दुश्मनी ना बढ़ाओ।


होली पर निबंध
Holi Essay Hindi Word 1000

प्रस्तावना:-

Holi-होली रंगो का तथा हंसी खुशी का त्योहार है जो विश्वभर में मनाया जाता है तथा विशेष रूप से भारत और नेपाल में मनाते हैं। यह त्योहार हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले, त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार है।

संपूर्ण भारत देश में होली मनाने का उत्साह कुछ अलग ही होता है यह दिन रिश्तो में प्रेम और अपनेपन का रंग भरता है हमारी भारतीय संस्कृति का सबसे खूबसूरत रंग होली के त्यौहार को माना जाता है। क्योंकि इस दिन सभी लोग अपने सारे पुराने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं तो प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाईचारे का संदेश देता है।

होली की तैयारियां मन व दिल में उत्साह भर्ती हैं:-

इस दिन लोग सुबह-सुबह समय से उठकर रंगों को लेकर, अपने नाते रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाकर उनके साथ मिलकर होली खेलते हैं औऱ बाजार में तो इस त्यौहार की रौनक 15 दिन पहले से ही दिखनी शुरू हो जाती है।

जगह-जगह पर रंग-बिरंगी पिचकारिया, तरह-तरह के रंग, गुब्बारे, बिकते नजर आते हैं आजकल तो होली पर अलग-अलग तरह के चश्मे और रंग-बिरंगे नकली बालों को भी लोग बहुत शौक से खरीद कर होली के दिन मस्ती करते हुए पहनते हैं।

ना सिर्फ होली वाले दिन की तैयारियां, बल्कि होलिका दहन की तैयारियां भी लोग 5- 6 दिन पहले ही शुरू कर देते हैं तथा होलिका दहन के लिए लकड़ियां सजानी शुरू कर देते हैं क्योंकि यह होलिका दहन नकारात्मक सोच को जलाकर सकारात्मक विचारों की शुरुआत होती है।

फाल्गुन का महीना आया,
रंगों का त्योहार है लाया।
कर लो कर लो इसकी तैयारी,
किसकी पिचकारी, पड़ेगी किस पर भारी।

होली फाल्गुन मास का मुख्य त्योहार:-

Holi-होली हिंदू वर्ष के अनुसार फाल्गुन महीने, की पूर्णिमा को मनाते हैं इसकी तैयारी तो बसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाती है जो अंग्रेजी महीने के अनुसार होली का त्योहार मार्च के महीने में पूर्ण चंद्रमा के दिन होता है।

होली के दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक समझ कर भी मनाया जाता है। फाल्गुन मास में मनाए जाने के कारण, इसे फाल्गुनी भी कहते हैं जब बसंत पंचमी पर इस त्योहार का आरंभ होता है उस दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है कहते हैं तब से ही खेतों में सरसों खिल उठती है औऱ बाग बगीचों में रंग-बिरंगे फूलों के दृश्य दिखने लगते हैं।

होली 2 दिन मनाया जाने वाला त्यौहार है:-

Holi-होली का त्योहार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है होली मुख्य रूप से 2 दिन मनाई जाती है पहले दिन तो होलिका जलाई जाती है जिसे होलिका दहन कहते हैं और दूसरे दिन लोग एक दूसरे को रंग, अबीर ,गुलाल लगाते हैं नाच गाना होता है, ढोल बजाकर होली के गीत गाए जाते हैं।

दूसरे दिन को धुलेंडी नाम से भी जाना जाता है एक-दूसरे को रंग लगाने तथा गाने बजाने का कार्यक्रम दोपहर तक चलता है इसके बाद स्नान करके लोग विश्राम करना पसंद करते हैं तथा फिर शाम को नए कपड़े पहन कर एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं।

होली विभिन्न पकवानों का भी त्योहार है:-

1. होली में सिर्फ रंगों से खेलने का उत्साह ही नहीं बल्कि पकवान बनाने का भी उत्साह देखा जाता है।

2. होली के दिन अधिकतर सभी घरों में कुछ ना कुछ मीठा जरूर बनता है।

3. गुजिया इस मीठे में एक विशेष पकवान है जो मावे से बनाई जाती है।

4. विभिन्न प्रकार की नमकीन एवं विशेष रूप से पापड़ तैयार किए जाते हैं।

5. पीने के लिए विशेष ठंडाई बनाई जाती है।

होली मनाने के लिए एक नहीं अनेकों तर्क:-

Holi-होली के त्योहार से अनेक कहानियां जुडी हुई है जो अलग-अलग धर्मों के लोगों से जुड़ी हैं यह सामाजिक तथा विशुद्ध रूप से हिंदुओं का त्यौहार है किंतु ऐसे प्रमाण मिलते हैं जिनसे पता चलता है कि मुसलमान शासक भी यह रंगों का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाते थे।

होली दहन तथा होली मनाने का मुख्य कारण हिरण्यकश्यप नाम के राजा के शासन से शुरू हुआ। हिरण्यकश्यप नाम का राजा हुआ करता था, जो स्वयं को भगवान समझता था और चाहता था कि सब उसकी ही पूजा करें। हिरण्यकश्यप का प्रहलाद नामक पुत्र था जो विष्णु भगवान का बहुत बड़ा भक्त था वह हमेशा प्रह्लाद को अपनी पूजा करने को कहता।

मगर प्रहलाद उसकी नहीं सुनता था वह तो श्रीहरि का भगत था और उनका ही जाप किया करता था हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को जान से मारने के बहुत प्रयास किए परंतु सब असफल रहे अंत में आकर हिरण्यकश्यप को अपनी बहन और उसको मिले वरदान की याद आई।

हिरण्यकश्यप के कहने पर होलिका ने प्रहलाद को अपनी गोद में लिया और अग्नि में बैठ गई होलिका को तो भगवान शिव जी का वरदान था कि उसे कोई भी अग्नि नुकसान नहीं पहुंचा सकती औऱ इसी वरदान के बल पर होलिका प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई।

परंतु भगवान विष्णु जी ने होलिका का वरदान उठा कर प्रहलाद के सर पर रख दिया और प्रहलाद अग्नि से बच कर वापस आ गया और होलिका का अग्नि में सर्वनाश हो गया तभी से ये बुराई पर अच्छाई का त्यौहार मनाया जाने लगा।

इसके अलावा और भी कई कहानियां हैं जो इस त्यौहार से जुड़ी है जैसे -शिव पार्वती की कहानी ,राक्षसी पूतना के मरने के बाद भी होली मनाई गई तथा सोलवीं सदी के मंदिरों में भी होली मनाने के कई प्रमाण मिले हैं।

होली का महत्व:-

1. होली रंगों और प्रेम का त्यौहार है।

2. इस दिन को लगभग पूरे भारत में लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते है।

3. इससे लोगों के बीच की दूरियां खत्म होती है।

4. इस दिन लोग लाल गुलाल को प्यार और लगाव का प्रतीक मानते हैं।

5. यह धर्म ,जाति आदि  के बीच का भेदभाव खत्म करने का त्यौहार है।

उपसंहार:- अतः यह एक अपनेपन का रंग फैलाने का त्यौहार है जिसे हमें बहुत सभ्यता के साथ मनाना चाहिए और गलत तरीके तथा खराब रंगों का इस्तेमाल करके किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। बहुत से लोग इस दिन शराब पीकर लड़ाई झगड़ा या कोई गलत काम करते हैं ऐसा नहीं करना चाहिए, जिससे किसी की खुशी, गम या दुख में बदले।

रंग बिरंगे रंगों का आया है यह त्यौहार।
झूमो नाचो सारे मिलकर, गिरा दो नफरत की दीवार।

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तो दोस्तों हमने आपको Holi-होली के बारे में अलग-अलग लंबाई के निबंध लिखे हैं अगर आपको हमारे यह निबंध पसंद आते हैं तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार स्कूलों में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही आपको भी इसके बारे में लोगों को अवगत करना चाहिए।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया Holi-होली निबंध काफी पसंद आए होंगे तो अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो उसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और आप कोई सवाल है तो हमे कमेंट करें

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HP Jinjholiya
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