Chhath Puja- छठ पूजा पर निबंध (200 शब्द से 1000 शब्द में)

छठ पूजा(Chhath Puja) का महापर्व प्राकृतिक से प्रेम का प्रतीक है जिसमें सूर्य देवता की आराधना की जाती है औऱ साथ ही छठ पूजा भारत के मुख्य त्योहारों में से एक है मुख्य रूप से झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे बहुत से राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है।

क्योंकि छठ पूजा भारत के मुख्य त्योहारों में से एक है इसलिए अक़्सर स्कूलों में बच्चों को Chhath Puja Nibandh और Chhath Puja essay लिख़ने के लिए दिए जाते हैं इसलिए आज हम आपको छठ पूजा(Chhath Puja) महापर्व के बारे में निबंध प्रदान करने वाले है।

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हम आपको अलग-अलग लंबाई के साथ Chhath Puja Nibandh और Chhath Puja essay प्रदान करने वाले है हमारे द्वारा लिखे गए छठ पूजा निबंध का आप अपनी आवश्यकताओं अनुसार इस्तेमाल कर सकते है और साथ ही इन्ह आर्टिकल को पढ़कर आप अपने लिए छठ पूजा निबंध लिख सकते हैं।

हमनें आपको पिछले आर्टिकल में बताया था कि छठ पूजा क्या है और क्यों मनाई जाती हैं इसलिए अगर आप छठ पूजा के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो आपको यह आर्टिकल पढ़ना चाहिए और आज हम आपको छठ पूजा के ऊपर निबंध प्रदान करने वाले हैं।

अगर आप छठ पूजा के ऊपर छोटा, मीडियम या फ़िर लंबा किसी भी तरह का निबंध ढूंढ रहे तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि हमनें अलग-अलग लम्बाई के साथ छठ पूजा निबंध(Chhath Puja Nibandh) लिखें हैं जैसे 250 शब्दों में, 450 शब्दों में और 1000 शब्दों में इत्यादि।

छठ पूजा पर निबंध
Chhath Puja Essay Hindi Word 250

छठ पूजा(Chhath Puja) हिंदुओं का एक प्रसिद्ध त्योहार है औऱ भारत के कई हिस्सों जैसे झारखंड, ओडिशा, असम, बिहार और उत्तर प्रदेश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है साथ ही छठ पूजा पर्व को मॉरीशस और नेपाल में भी इसको मनाया जाता है। छठ पूजा पर्व चार दिनों तक चलता है और यह पर्व आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है।

छठ पूजा(Chhath Puja) पर्व को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है औऱ छठ पूजा पर्व पर उगते सूर्य की पूजा की जाती है। यह पवित्रता, सूर्य देव की भक्ति से जुड़ा हुआ त्यौहार है जिसे इस धरती पर जीवन का स्रोत माना जाता है और यह देवता के रूप में माना जाता है जो हमारी सभी इच्छाओं को पूरा करता है।

यह त्यौहार पृथ्वी को ऊर्जा प्रदान करने और जीवन देने के लिए सूर्य देव का धन्यवाद व्यक्त करने के उद्देश्य से मनाया जाता हैं ताकि लोगों को रहने के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध हो सके और यह त्यौहार इस विश्वास के साथ मनाया जाता है कि सूर्य देव इच्छाओं को पूरा करते हैं।

सूर्य देव के साथ ही लोग इस दिन “छठी मैया” की पूजा करते हैं क्योंकि छठी मैया सूर्य देव की बहन है जो बच्चो कि रक्षा करने वाली देवी के नाम से जानी जाती है इसलिए इस दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के साथ-साथ लोग छठी मैया की भी पूजा करते है। इस त्योहार पर भक्त नदियों और तालाबों में घाटों पर इकट्ठा होते हैं और पवित्र स्नान करते हैं उसके बाद प्रसाद तैयार करते है और सूर्य भगवान और छठी मैया को अर्पित करते है।


छठ पूजा पर निबंध
Chhath Puja Essay Hindi Word 450

जैसा कि आप जानते हैं की भारत में अनगिनत त्यौहार मनायें जाते हैं उनमें से सबसे पॉपुलर त्यौहार दीपावली हैं जोकि हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है औऱ दीपावली के 5 दिन बाद एक और त्यौहार मनाया जाता है जिसे छठ पूजा(Chhath Puja) के नाम से जानना जाता हैं।

छठ पूजा भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक त्यौहार है और छठ पूजा भारत में मुख्य रूप से झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राज्यों में ज्यादा मनाया जाता है। छठ पूजा को भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल में भी इसको मनाया जाता है।

जिसमें लोग भगवान सूर्य देव की और उनकी बहन छठी मैया की पूजा करते हैं। छठ पूजा के पीछे भी बहुत सारे धार्मिक पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है। माना जाता है कि इस छठ पूजा की शुरुआत राजा राम के समय से चली आ रही है जब भगवान राम और सीता मैया 14 साल के वनवास के बाद वापस अयोध्या लौटे थे तब उन्होंने यज्ञ करने की सोची जिसमें महर्षि ऋषि मुनि ने सीता माता को सूर्य देव की पूजा और छठी मैया की आराधना करने के लिए कहा गया। उस दिन सीता मैया ने उपवास रखें और सूर्यदेव की आराधना भी की और तभी से छठ पूजा की शुरुआत हुई है।

छठ पूजा(Chhath Puja) में सिर्फ औरते ही नहीं है बल्कि उसमें पुरुषों भी भाग लेते हैं जिसमें लोग भगवान सूर्य देव की आराधना करते हैं निर्जला उपवास करते हैं और सूर्यदेव को अर्घ्य चढ़ाते हैं। यह त्यौहार मुख्यत वे 4 दिनों तक चलता है। इस त्यौहार को मनाने के सबसे बड़ा दो कारण है। पहला है सूर्य देव ने हमारी धरती पर यह जो जीवन दिया है उसका धन्यवाद करते हैं और साथ ही साथ छठी मैया जो बच्चों की रक्षा करने वाली देवी के नाम से जानी जाती है तो लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिए उनकी पूजा करते हैं।

छठ पूजा(Chhath Puja) साल में दो बार मनाई जाती है पहली बार चैत्री छठ पूजा और दूसरी बार कार्तिकी छठ पूजा। चैत्री छठ पूजा चैत्र मास के छठे दिन मनाई जाती है और दूसरी जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की छठी को मनाई जाती है। छठ पूजा मनाने के पीछे धार्मिक कारण ही नहीं है बल्की उसके पीछे कुछ वैज्ञानिक सिद्धांत भी है और बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने भी माना है कि छठ पूजा इंसानों के लिए अच्छी है और सेहतमंद है तो आप सब को छठ पूजा की खूब-खूब हार्दिक शुभकामनाएं।


छठ पूजा पर निबंध
Chhath Puja Essay Hindi Full Details

भारत में अनेक पर्व धामधूम से मनाए जाते है औऱ भारत में सबसे बड़े त्योहार दीपावली के पांच दिन बाद एक और बड़े त्योहार की शरुवात होती है वह है छठ पूजा जिसे डाली छठ के नाम से भी जाना जाता है। बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पूर्वी भारत में यह त्योहार जोरो-शोरो से मनाया जाता है जिसका मुख्य केंद्र बिहार है। लेकिन आज छठ पूजा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्की विदेश में भी मनाया जाता है जोकि हमारे लिए बड़े गर्व की बात है।

छठ पूजा(Chhath Puja) कार्तिकी मास की शुक्ल पक्ष के छठ कि तिथि पर मनाया जाता है। ये त्योहार चार दिन तक चलता है। जिसमे सिर्फ औरते ही नहीं बल्कि पुरुष भी हिस्सा लेते है। चार दिन तक चलने वाले इस त्योहार पर पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है और इसे धूमधाम से मनाता है।

छठ पर्व में सूर्य उपासना के साथ-साथ छठी मैया जो सूर्य देव की मानस बहन के रूप में जानी जाती है उनकी भी पूजा होती है। छठी मैया बच्चों की रक्षा करने वाली और परिवार में आरोग्य देने वाली देवी के नाम से जानी जाती है इसी वजह से सूर्य देव को खुश करने के साथ-साथ छठी मैया की भी पूजा होती है।

छठ पर्व की शुरुआत कब हुई इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है लेकिन ग्रंथो में उसके बारे में बहुत सी पौराणिक कथाएं मिलती है उनमें से सबसे प्रचलित कथा रामायण से जुड़ी है ऐसा कहा जाता है कि लंका विजय के बाद राम और सीता 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे तो उन्होंने पश्चाताप के लिए एक यज्ञ किया और सूर्य उपासना भी की थी जिसमे भगवान राम और माता सीता ने विधिवत उपवास भी किए और सूर्य देव की आराधना भी की और तब से छठ पूजा की शुरुआत हुई है।

यही नहीं दूसरी कहानी जुड़ी है महाभारत से जब पांडव अपना राज पाठ सब कुछ हार चुके थे और उन्हें वनवास हुआ था तब द्रोपदी ने कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष के छठ से लेकर चार दिन तक सूर्य उपासना की और उपवास किये। उसके बाद उन्हें अपना राजपथ वापस मिला और तब से लेकर आज तक छठ पूजा चली आ रही है अगर पौराणिक कथाएं की बात करेगे तो बहुत सी कथाएं छठ पूजा(Chhath Puja) से जुड़ी हुई है।

छठ पर्व त्योहार में 4 दिन होते है।
1. नहाय-खाय
2. खरना
3. डूबते सूर्य को अर्घ्य
4. पूजा का समापन

1. नहाय-खाय- छठ पूजा का पहला दिन होता है नहाय-खाय इस दिन को नहाकर स्वच्छ कपड़े पहनते हैं और अपने मन को साफ रखकर घर में स्त्रियां परिवार के लिए खाना बनाती है औऱ इस दिन को लौकी का बड़ा महत्व होता है।

2. खरना- इसके बाद दूसरा दिन होता है खरना। इस दिन को पूरे दिन स्त्रियां उपवास रखती है और शाम को घाट पर सूर्य देव की पूजा करती है और छठ पूजा विधि के बाद प्रसाद में खीर बनाई जाती है और उसी खीर को ग्रहण करते है

3. डूबते सूर्य को अर्घ्य- तीसरा दिन होता है डूबते सूर्य को अर्घ्य देना। पूरे भारत में और पूरे हिंदू धर्म में उगते सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है लेकिन छठ पर्व के दौरान उगते सूर्य की नहीं डूबते सूर्य की पूजा की जाती है औऱ पूरे दिन निर्जला उपवास ऱखते है और साथ ही शाम को तालाब किनारे नदी के घाट पर डूबते सूर्य की पूजा और अर्द्य देने के लिए जाते हैं।

4. छठ पूजा(Chhath Puja) समापन- चौथे दिन छठ पूजा का समापन होता है औऱ तीसरे दिन के बाद अगली सुबह उगते सूर्य की पूजा की जाती है और वहां पर छठ पूजा की पूर्णाहुति होती है और वहां पर प्रसाद वितरण किया जाता है।

माना जाता है कि एक बार जब परिवार का कोई सदस्य छठ पूजा करना शुरू कर देता है तो हर साल इसे पूरा करना और आने वाली पीढ़ियों को छठ पूजा करना उनका अनिवार्य कर्तव्य बनता है और अगर किसी कारणवश परिवार में किसी की मृत्यु होती है तभी जेवरत बंद रखा जा सकता है अन्यथा हर साल इसे करना होता है साथ ही अगर एक बार परिवार में इस व्रत को बंद करते हैं तो फिर से कोई इसकी शुरुआत नहीं कर सकता है यह एक मान्यता है।

छठ पूजा(Chhath Puja) व्रत बहुत कठिन व्रतों में से एक हैं और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार सच्चे मन और श्रद्धा के साथ छठ पूजा व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं इसलिए अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए स्त्री और पुरुषों दोनो के द्वारा छठ पूजा व्रत किया जाता हैं।

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छठ पूजा(Chhath Puja) पर्व की मुख्य बातें

-छठ पूजा(Chhath Puja) पर्व हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार दीपावली के पांच दिन बाद आता है जिसे डाली छठ के नाम से भी जाना जाता है।

-छठ पूजा(Chhath Puja) का महापर्व प्राकृतिक से प्रेम का प्रतीक है जिसमें सूर्य देवता की आराधना की जाती है

-छठ पूजा भारत में मुख्य रूप से झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे बहुत से राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है जिसका मुख्य केंद्र बिहार है।

-छठ पूजा भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों में भी मनाया जाने लगा हैं

-छठ पूजा(Chhath Puja) साल में दो बार मनाई जाती है पहली बार चैत्री छठ पूजा और दूसरी बार कार्तिकी छठ पूजा।

-छठ पूजा पर्व चार दिनों तक चलने वाला त्योहार हैं जिसमें नहाय-खाय, खरना, डूबते सूर्य को अर्घ्य, पूजा का समापन दिनों का विशेष महत्व है।

-सच्चे मन और श्रद्धा के साथ छठ पूजा व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं इसलिए अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए स्त्री और पुरुषों दोनो के द्वारा छठ पूजा(Chhath Puja) व्रत किया जाता हैं

तो दोस्तों हमने आपको छठ पूजा(Chhath Puja) के बारे में अलग-अलग लंबाई के निबंध लिखे हैं अगर आपको हमारे यह निबंध पसंद आते हैं तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही कुछ उलटफेर करके भी आप इन सोशल मीडिया निबंध का इस्तेमाल कर सकते हैं

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया छठ पूजा(Chhath Puja) निबंध काफी पसंद आए होंगे तो आप इसे अपने उन दोस्तों के साथ शेयर करें जो छठ पूजा के बारे में जानना चाहते है यह फ़िर आप जिन्हें छठ पूजा के बारे में अवगत करना चाहते है।

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HP Jinjholiya
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