भारत मे हर साल नवरात्र साल में दो बार मनाये जाते हैं और Navratri-नवरात्रि के आगमन पर सम्पूर्ण भारत में पूजा-अर्चना और आस्था का वातावरण बन जाता हैं जिसमें माँ दुर्गा के अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती हैं।
यह त्यौहार 9 दिन का होता है इसलिए इसे नवरात्रि कहते हैं जिसमें माँ दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है और व्रत रखें जाते हैं जिससे मन चाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर मे सुख-सम्रद्धि व शान्ति का आगमन होता है।
इसलिए आज हम आपको Navratri-नवरात्रि की जानकारी प्रदान करने वाले है औऱ साथ ही नवरात्रि पर छोटा, मीडियम औऱ लंबा हर तरह की लम्बाई के निबंध प्रदान करने वाले हैं क्योंकि अक़्सर हमें स्कूलों व कॉलेजों में निबंध व भाषण-कविता लिखने के लिए दिए जाते है उम्मीद है आपको हमारे द्वारा लिखे गए निबंध पसंद आयगे
Highlights
- 1 Essay: Navratri Nibandh 10 line Hindi
- 2 Essay: Navratri Nibandh 10 line Hindi
- 3 Essay: Navratri Nibandh 10 line Hindi
- 4 Essay: Navratri Nibandh 10 line Hindi
- 5 Essay: Navratri Nibandh 100 Word Hindi
- 6 Essay: Navratri Nibandh 150 Word Hindi
- 7 Essay: Navratri Nibandh 300 Word Hindi
- 8 Essay: Navratri Nibandh 500 Word Hindi
1. नवरात्रि हिंदू समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है।
2. नवरात्रि 9 दिनों तक चलने वाला सबसे लंबा त्यौहार है।
3. नवरात्रि का त्यौहार साल में दो बार मनाया जाता है।
4. पहली बार नवरात्रि हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास में तथा दूसरी बार हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्विन माह में मनाये जाते है।
5. 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है।
6. मां के नौ रूप इस प्रकार हैं- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा,कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री।
7. इन 9 दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।
8. नवरात्रि का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।
9. संपूर्ण देश में सभी राज्यों में इस त्यौहार को अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है।
10. नवरात्रि के त्यौहार का समापन दशहरे के त्यौहार पर होता है।
1. नवरात्रि मार्च/अप्रैल एवं सितंबर/ अक्टूबर माह में मनाया जाने वाला पारंपारिक त्यौहार है।
2. नवरात्रि के 9 दिनों में रोजाना अच्छे-अच्छे पकवान बनाकर मां के अलग-अलग रूपों को भोग लगाया जाता है।
3. मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस से 9 दिनों तक लगातार युद्ध करके दसवें दिन उसका नाश किया इन 9 दिनों को याद करने के लिए नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है।
4. मान्यता है कि इन 9 दिनों में जो मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करता है मां उसके सभी कष्टों का नाश करती है।
5. इन 9 दिनों में भक्त जनों द्वारा व्रत रखे जाते हैं जिसमें भक्त जनों द्वारा फलाहारी भोजन ग्रहण किया जाता है।
6. नवरात्रि के अंत में कन्या पूजन किया जाता है।
7. कन्या पूजन में छोटी-छोटी नौ कन्याओं का पूजन किया जाता है।
8. कन्या पूजन में उन कन्याओं को हलवा, पूरी ,चने तथा खीर का प्रसाद दिया जाता है।
9. नवरात्रि पर गरबा खेलने के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
10. सितंबर अक्टूबर माह में आने वाले नवरात्रों के अंत में दशहरा नामक त्यौहार मना कर नवरात्रि का समापन किया जाता है।
1. नवरात्रि का अर्थ है- नौ रातें।
2. नवरात्रि शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है।
3. नवरात्रि पर मां दुर्गा की आराधना होती है और दुर्गा मां का अर्थ होता है दुख नष्ट करने वाली।
4. बंगाल में यह त्यौहार दुर्गा पूजा के नाम से जाना जाता है।
5. दुर्गा पूजा में नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है।
6. 9 दिन मां दुर्गा की आराधना कर अंत में मां की मूर्ति को खूब नाचते झूमते विसर्जित कर दिया जाता है।
7. मान्यताओं के अनुसार सीता जी को रावण से मुक्त कराने के लिए श्रीराम ने 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना की तब मां दुर्गा के आशीर्वाद से युद्ध के दसवें दिन श्री राम ने रावण का वध किया था।
8. बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देने के लिए यह त्यौहार मनाया जाता है।
9. नवरात्रि का त्यौहार हमें तप करके हमारे अंदर बसी शक्तियों तक पहुंचने की राह दिखाता है।
10. नवरात्रि हमें संदेश देती है कि स्वयं के अंदर की शक्तियां जरूर खोजो परंतु उन शक्तियों पर कभी घमंड मत करो क्योंकि घमंड हमारे नाश का कारण बनता है।
1. नवरात्रि लोगों के अंदर भक्ति की भावना जागृत करने का त्यौहार है।
2. हिंदू धर्म मे बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं परंतु 9 दिनों तक चलने वाला नवरात्रि नाम का त्यौहार खूब मस्ती माहौल के साथ-साथ भक्ति की भावना भी जागृत करता है।
3. बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी इस त्यौहार का खूब उत्साह देखा जाता है।
4. इन 9 दिनों में लोग मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की अराधना कर दुर्गा मां को प्रसन्न करते हैं।
5. संपूर्ण देश में जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है।
6. गुजरात व बंगाल दो ऐसे राज्य हैं जहां नवरात्रि का रंग कुछ अलग ही दिखाई पड़ता है।
7. मंदिरों को बहुत सुंदर सजाया जाता है।
8. कई लोग इन 9 दिनों में अखंड ज्योति जलाते हैं जो पूरे 9 दिनों तक लगातार जलती रहती है।
9. नवरात्रि के नौवें दिन को रामनवमी के नाम से भी जाना जाता है जो श्री राम के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
10. नवरात्रि को परम शक्ति की साधना का पर्व भी कहा जाता है।
नवरात्रि हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाए जाने वाले त्यौहार में से एक प्रमुख त्यौहार है जो असत्य पर सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
नवरात्रि नौ दिन चलने वाला एक सबसे लंबा त्यौहार है इन 9 दिनों में मां के भक्त मां के नौ अलग-अलग रूपों की आराधना करते हैं तथा दसवें दिन दशहरा मना कर नवरात्रि का अंत होता है परंतु दशहरा नाम त्यौहार सिर्फ अश्विन माह में आने वाले नवरात्रि के अंत में ही मनाया जाता है।
नवरात्रि, भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से मनाई जाती है व मां दुर्गा ने 9 दिनों तक महिषासुर नामक राक्षस से युद्ध करके दसवें दिन उसका वध किया इसलिए इस बुराई की हार को हर वर्ष याद करने के लिए तथा संपूर्ण समाज में बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देने के लिए यह त्यौहार मनाया जाता है।
नवरात्रि का त्यौहार गुजरात व बंगाल में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है औऱ नवरात्रि का त्यौहार मनाने के पीछे बहुत सी कथाएं जुड़ी हैं कहने को तो यह सब कथाएं अलग-अलग हैं परंतु यह सब कथाएं हमें एक ही सीख देती है कि अच्छाई के सामने बुराई ज्यादा समय तक टिक नहीं सकती उसका अंत निश्चित रूप से होता ही है।
कन्या पूजन करना, मां दुर्गा की मूर्ति को स्थापित करने से लेकर विसर्जित करने तक सभी कुछ अपने आप में विशेष उत्साह पैदा करने वाली क्रियाएं हैं नवरात्रि का त्यौहार हमें हमारे अंदर की शक्तियों तक पहुंचने का रास्ता दिखाता है।
नवरात्रि नाम का त्यौहार भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है यह त्यौहार संपूर्ण भारत में साल में दो बार 9-9 दिनों के लिए मनाया जाता है जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाती है।
नवरात्रि शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है यह दो शब्दों ‘नव’ तथा ‘रात्रि’ शब्दों से मिलकर बना है जिसमें ‘नव’ का अर्थ है 9 दिन तथा ‘रात्रि’ का अर्थ है रात।
यह त्यौहार चैत्र तथा अश्विन माह में मनाया जाता है इस त्यौहार का समापन दसवें दिन विजयदशमी मना कर दिया जाता है जिसे दशहरे के नाम से भी जाना जाता है इस दिन रावण का पुतला जलाया जाता है जो बुराई के नाश का प्रतीक है।
नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूप- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यानी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री आदि की पूजा अर्चना की जाती है।
गुजरात व बंगाल में नवरात्रि का त्यौहार अलग ही उत्साह के साथ मनाया जाता है तथा नृत्य में गरबा इन 9 दिनों की विशेषता है औऱ गरबा तथा डांडिया खेलने के बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
नवरात्रि के 9 दिनों में भक्तगण दिन में एक बार फलाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत रखते हैं औऱ संपूर्ण देश में हर शहर में इन 9 दिनों की रौनक अलग-अलग दिखाई देती है। इन नवरात्रि के अंत में कन्या पूजन किया जाता है जिसमें 9 छोटी-छोटी कन्याओं का पूजन कर उनको प्रसाद के रूप में हलवा, पूरी, चने तथा उपहार एवं दक्षिणा स्वरूप पैसे दिए जाते हैं।
इन 9 दिनों में हर कोई मां की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करके अपने व अपने परिवार की कामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करता है तथा मां से प्रार्थना करता है कि वह हमें सद्बुद्धि दें जिससे हम अपने अंदर की बुराइयों का अंत कर सकें।
वैसे तो माता रानी की पूजा अर्चना हिंदू धर्म के लोगों द्वारा रोजाना ही की जाती है परंतु नवरात्रि के 9 दिन इस पूजा का अपना अलग ही महत्व होता है नवरात्रि प्रारंभ होने से 10-15 दिन पहले ही बाजारों में इस त्यौहार की रौनक दिखने लगती है।
नवरात्रि मनाने का तर्क क्या है-
जिस प्रकार हर त्यौहार को मनाने के पीछे कोई न कोई कथा (कहानी) होती है वैसे ही नवरात्रि मनाने के पीछे भी कई कहानियां प्रचलित हैं जिसमें से एक कहानी महिषासुर नाम के राक्षस से जुड़ी हुई।
महिषासुर नाम का राक्षस था जिसने सूर्य ,अग्नि, वायु व विभिन्न देवताओं पर आक्रमण कर उन सबके सिंहासन छीन लिए थे महिषासुर के अत्याचारों से परेशान होकर सभी देवताओं ने मां दुर्गा से प्रार्थना कि मां दुर्गा उनको महिषासुर नाम के राक्षस के प्रकोप से बचाएं।
अतः देवताओं की पुकार सुन मां दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध करना शुरू किया यह युद्ध 9 दिनों तक चला अंत में महिषासुर नामक बुराई की हार हुई तथा मां दुर्गा नामक अच्छाई की जीत।
कैसे व कब मनाते हैं नवरात्रि-
• नवरात्रि का त्यौहार हिंदू माह के कैलेंडर के अनुसार चैत्र और अश्विन माह में मनाया जाता है।
• नवरात्रि अंग्रेजी माह के कैलेंडर के अनुसार मार्च/ अप्रैल व सितंबर /अक्टूबर माह में आते हैं।
• मंदिरों को खूब सुंदर सजाया जाता है चाहे वह सार्वजनिक मंदिर हो अथवा हमारे घरों के मंदिर।
• बाजारों में भी खरीदारों की भीड़ दिखाई देती है।
• लोग माता रानी के लिए सुंदर सुंदर वस्त्र खरीदते हैं व माता को चढ़ाने के लिए लाल चुनरी खरीदते हैं।
• 9 दिन व्रत किए जाते हैं इन 9 दिनों में लोग अपनी सामर्थ्य के अनुसार व्रत रखते हैं जिसमें सिर्फ फलाहारी भोजन ग्रहण किया जाता है।
• बड़े-बड़े शहरों में गरबा खेलने के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
• गरबा इन 9 दिनों में सभी का लोकप्रिय नृत्य होता है।
• कुछ लोग मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज गीली मिट्टी में डालते हैं और कहा जाता है कि इन 9 दिनों में जौ से जितनी ज्यादा हरियाली उगती है माता रानी उतनी ही ज्यादा खुशियां हमारे घरों में बिखेरती हैं।
• नवरात्रि के 9 दिन अलग-अलग नौ देवियों को समर्पित हैं जो मां दुर्गा के ही नौ रूप हैं।
• नवरात्रि के अंत में कन्या पूजन किया जाता है जिसमें पूरी, हलवा, चने की आदि पकवान बनाए जाते हैं।
उपसंहार-
अतः यह त्यौहार खुशियों और भक्ति से जुड़ा त्यौहार है जो हर वर्ष साल में दो बार 9 दिन तक मनाया जाता है यह आपसी भाईचारे व लोगों के अंदर भक्ति भाव को उत्पन्न करता है।
इस त्यौहार को मनाने के लिए ना सिर्फ बड़े अपितु बच्चे भी बहुत उत्साहित रहते हैं अतः हमें साफ व सच्चे दिल से मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए तथा उनसे सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करनी चाहिए।
प्रस्तावना-
नवरात्रि हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला ऐसा त्यौहार है जो वर्ष में दो बार मनाया जाता है 1 वर्ष मे दो बार आने के कारण यह अंग्रेजी माह के अनुसार एक बार यह साल के शुरुआत यानी मार्च या अप्रैल के माह में आता है तथा एक बार यह साल के अंत में सितंबर या अक्टूबर में आता है।
क्यों मनाया जाता है नवरात्रि का त्यौहार-
नवरात्रि का त्यौहार कोई आज से नहीं बल्कि युगो- युगो से मनाया जाता है इस त्यौहार को मनाने की शुरुआत वैदिक युग से भी पहले हो गई थी जो इतने युगों से बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
पुराणों की मानें तो जब रावण ने माता सीता का हरण किया तो सीता माता को रावण से छुड़ाने के लिए राम जी ने मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना की थी।
फिर दसवें दिन भगवान श्रीराम ने रावण को मारकर सीता माता को मुक्त करवाया था तभी से ही दशहरे से पहले 9 दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना करने की रीत शुरू हुई।
नवरात्रि से जुड़े कुछ तथ्य:-
1. नवरात्रि के इन 9 शुभ दिनों को महानवमी भी कहते हैं।
2. नवरात्रि में गरबा नाम का लोकप्रिय नृत्य किया जाता है।
3. हिंदू कैलेंडर के अनुसार पहले नवरात्रि चैत्र मास में मनाए जाते हैं।
4. वहीं दूसरे नवरात्रे हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन माह में मनाए जाते हैं।
5. जब 9 दिन तक मां दुर्गा के यह नवरात्रि चलते हैं तो उन 9 दिनों में संपूर्ण देश में जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है इस रामलीला में नाटक के द्वारा दिखाया जाता है कि किस प्रकार भगवान श्रीराम ने रावण नामक बुराई का अंत किया था।
6. नवरात्रि की विशेषता है इन 9 दिनों में रखे जाने वाले व्रत सभी लोगों द्वारा अपनी शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार व्रत रखे जाते हैं।
7. इन 9 दिनों में व्रत करने वाले लोगों को केवल फलाहारी भोजन ग्रहण करना होता है।
8. बंगाल में नवरात्रि का रंग कुछ अलग ही होता है लोग नवरात्रि के प्रारंभ में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करते हैं तथा 9 दिन उनकी पूजा-अर्चना करके अंत में मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है।
9. नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है।
10. कहा जाता है कि इन 9 रूपों में मां काली का स्थान सबसे ऊंचा होता है।
11. कन्या पूजन नवरात्रि की विशेषता है बच्चों में कन्या पूजन का उत्साह, नवरात्रि प्रारंभ होने से पहले ही दिखना प्रारंभ हो जाता है।
12. कन्या पूजन अष्टमी या नवमी वाले दिन किया जाता है।
13. कन्या पूजन के लिए छोले, हलवा ,खीर, पूरी आदि पकवान बनाए जाते हैं जिनका सर्वप्रथम दुर्गा मां को भोग लगाया जाता है तथा फिर यही सब छोटी-छोटी कन्याओं को खिलाया जाता है।
14. कन्या पूजन में इन कन्याओं को अच्छे-अच्छे उपहार व दक्षिणा स्वरूप पैसे भी दिए जाते हैं।
मां दुर्गा के नौ रूपों का वर्णन-
शैलपुत्री-
मां दुर्गा का प्रथम रूप शैलपुत्री है कहा जाता है कि मां दुर्गा पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री बनकर उत्पन्न हुई थी इसलिए उनको शैलपुत्री नाम से पुकारा गया इन नवरात्रि के दिनों में जो लोग साधना करते हैं यह साधना का पहला दिन होता है।
शैलपुत्री के पूजन की शुरुआत से ही यह नौ शुभ दिन प्रारंभ होते हैं मां शैलपुत्री ने अपने दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प धारण किया हुआ है।
ब्रह्मचारिणी-
मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप, मां ब्रह्मचारिणी है औऱ ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है तप का आचरण करने वाली। नवरात्रि के दूसरे दिन उनकी आराधना की जाती है मां ब्रह्मचारिणी ने बाएं हाथ में कमंडल व दाएं हाथ में जप की माला धारण की हुई है।
चंद्रघंटा-
तीसरी चंद्रघंटा है जो मां दुर्गा का स्वरुप है मां चंद्रघंटा शांति प्रदान करने वाली व कल्याण करने वाली हैं तथा मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है इसलिए उन्हें चंद्रघंटा नाम दिया गया है।
कुष्मांडा-
दुर्गा मां का चौथा स्वरूप कूष्मांडा है नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा मां की आराधना की जाती है। माता कुष्मांडा की आराधना करने से हमें सुख ,समृद्धि व उन्नति प्राप्त होती है।
स्कंदमाता-
स्कंदमाता, दुर्गा मां का पांचवा स्वरूप है जिनकी नवरात्रि में पांचवें दिन आराधना की जाती है स्कंदमाता कमल के फूल पर विराजित है औऱ सिंह स्कंदमाता का वाहन है।
कात्यायनी-
मां दुर्गा का छठा स्वरूप मां कात्यायनी है जो महर्षि कात्यायन की कड़ी तपस्या के पश्चात उनकी पुत्री के रूप में उत्पन्न हुई थी।
कालरात्रि-
सातवी कालरात्रि है जो मां दुर्गा का स्वरूप है देखने में माता कालरात्रि का स्वरूप भयभीत कर देने वाला है परंतु मां कालरात्रि अपने भक्तों पर सदैव शुभ फल देती हैं मां कालरात्रि हमारे ग्रहों का सुधार करती है।
महागौरी-
महागौरी दुर्गा मां का आठवां स्वरूप है जिसकी नवरात्रि के आठवें दिन आराधना की जाती है इस दिन को अष्टमी नाम से भी जाना जाता है।
सिद्धिदात्री-
सिद्धिदात्री को मां दुर्गा का नौवा स्वरूप कहा गया है यह अपनी आराधना करने वाले को सिद्धियां प्रदान करती हैं यह नवरात्रि का अंतिम दिन होता है।
निष्कर्ष-
अतः यह त्यौहार संपूर्ण संसार की सुख-समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है जिस प्रकार श्री राम ने रावण नामक बुराई का अंत किया उसी प्रकार मां दुर्गा ने महिषासुर बुराई का अंत किया।
सीख-
नवरात्रि का त्यौहार हमें यह सीख देता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली हो परंतु अच्छाई की विजय होती है चाहे कुछ समय लगे जिस प्रकार 9 दिन लगातार श्री राम ने रावण से युद्ध करते-करते मां दुर्गा की अराधना की और उनकी सच्ची आराधना रंग लाई तथा मां दुर्गा के आशीर्वाद से रावण का वध हुआ।
संदेश-
नवरात्रि का पावन त्यौहार हमें संदेश देता है कि हमें अपनी शक्ति पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि घमंड हमें सदैव नाश की ओर अग्रसर करता है जिस प्रकार महिषासुर का घमंड उसके नाश का कारण बना।
तो दोस्तों हमने आपको Navratri-नवरात्रि के बारे में अलग-अलग लंबाई के निबंध लिखे हैं अगर आपको हमारे यह निबंध पसंद आते हैं तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार स्कूलों में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही आपको भी इसके बारे में लोगों को अवगत करना चाहिए।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया Navratri-नवरात्रि पर निबंध काफी पसंद आए होंगे तो अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो उसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और अगर आपका कोई सवाल है तो हमे कमेंट करें
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