भारत में हर साल कितने त्योहार आते-जाते है उनमें से एक छठ पूजा ऐतिहासिक रूप से एक प्राचीन हिंदू वैदिक त्योहार है। दीपावली के पाच दिन के बाद छठे दिन एक नये त्योहार की शुरुआत होती है जिसे छठ पूजा(Chhath Puja) के नाम से जानना जाता है।
छठ पूजा के बारे में आपको टीवी चैनलों पर ख़ूब दिखाया जाता हैं क्योंकि इस त्योहार को बड़ी संख्या में लोग मानते हैं और खासतौर पर यह त्योहार भारत के पूर्वी क्षेत्रों में मनाया जाता हैं जिसमें सूर्यपासना की जाती हैं।
छठ पूजा(Chhath Puja) को वैसे तो भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है लेक़िन उत्तर प्रदेश और बिहार में इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं औऱ यह उनके लिए एक अहम पूर्व माना जाता हैं।
छठ पूजा का विवरण कई प्राचीन ऐतिहासिक कहानियों में मिलता हैं जिसके कारण अलग-अलग मान्यताओं के कारण इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और यह त्योहार चार दिनों तक चलता हैं।
लेक़िन क्या आप जानते है कि छठ पूजा क्या है? छठ पूजा क्यों मनाई जाती हैं? कैसे मनाई जाती है? और छठी मैया कोन है?अगर नहीं जानते है तो आप सही जगह पर आए है क्योकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको छठ पर्व से जुड़ी सभी जानकारी देने वाले हैं।
इसलिए अगर आप भी छठ पूजा(Chhath Puja) के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो आपको यह आर्टिकल एक बार पढ़ने की आवश्यकता है जिसके बाद आप छठ पूजा से अच्छी तरह रूबरू हो जायेगें।
Highlights
छठ पूजा(Chhath Puja) क्या हैं
सूर्य षष्ठी व्रत होने कि वजह से इसे छठ पूजा कहा गया है यह त्योहार चार दिन तक चलता है जोकि कठिन व्रतो में से एक है। भारत में ज्यादातर बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, और पूर्वी राज्यो में इस त्योहार को ज्यादा महत्व दिया जाता है और धामधुम से लोग मनाते भी है।
छठ पूजा(Chhath Puja) सूर्य और उसकी बहन छठी मैया को समर्पित है इनकी वजह से ही आज पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है और वही छठी मैया बच्चो की रक्षा करने वाली देवी मानी जाती है इसी वजह से लोग छठ पर्व पर उनकी पूजा करते है।
यह पर्व चार दिनों तक चलता है औऱ इसे अन्य कई नामों से भी जानना जाता है जैसे छठ पूजा, डाला पूजा, छ्ठी माई, छठ माई पूजा इत्यादी छठ पूजा मनाने के पीछे की मानता हैं कि इसे सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं इसलिए यह छठ पूजा पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
छठी मैया कौन है
छठ पूजा(Chhath Puja) भगवान सूर्य और पत्नी-बहन को अर्पित की जाती है। लेकिन यहां छठी मैया सूर्य देव की बहन है। पुराणों में इसका उल्लेख मिलता है की प्रकुती देवी ने अपने आप को छह भागो में विभाजित किया था और इनके छठे भाग को षष्ठी देवी के नाम से जाना जाता है और वे ब्रह्मा की मानस पुत्री और बच्चो की रक्षा करने वाली देवी है। जो स्थानीय जगहों पर छठी मैया के नाम से भी जानी जाती हैं।
छठ पूजा(Chhath Puja) का इतिहास क्या है?
छठ पूजा का इतिहास बहुत लंबा है और यह साल में दो बार मनाया जाता है पहला चैत्र में औऱ दूसरा कार्तिक में और इसके पीछे भी बहुत सारी पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है जो हम आज आपको एक-एक के बारे में विस्तार से बताने वाले है।
रामायण काल मे भगवान राम ने की शरुवात
माना जाता है कि छठ पूजा की शुरुआत भगवान राम ने की थी। जब अयोध्या के राजा राम और माता सीता 14 साल के वनवास के बाद जब आयोध्या वापस लौटे। तब उन्होंने रामराज्य की स्थापना करने के लिए उन्होंने यज्ञ करने का सोचा। तब माता सीता ने शक्ल पक्ष की कार्तिकी में छह दिन तक भगवान सूर्य की उपासना की और उपवास भी किए इसलिए माना जाता है कि तब से छठ पूजा(Chhath Puja) की शुरुआत हुई।
महाभारत काल से हुई शरुवात
दूसरी पौराणिक कथा महाभारत काल से आती है जिसमें कहा जाता है कि माता कुंती जब उनका विवाह भी नहीं हुआ था तब से वे सूर्य देव की पूजा किया करती है। जिसके फलस्वरूप उन्हें पुत्र प्राप्ति हुई थीं।
और वह पुत्र अंगराज कर्ण थे लेकिन तब माता कुंती का विवाह भी नहीं हुआ था इसी वजह से उन्होंने अपने पुत्र को गंगा में बहा दिया था और आगे जाकर अंगराज कर्ण बहुत बड़े योद्धा बने। इसी वजह से आज भी लोग पुत्र की कामना के हेतु लोग छठ पूजा करते है।
कहा तो ये भी जाता है कि अंगराज कर्ण घंटो तक पानी में रहकर सूर्य देव की पूजा किए करते थे और इसी वजह से उनपर सूर्य देव की असीम कृपा बनी रहती थी इस मानता को भी छठ पूजा(Chhath Puja) करने की एक मुख्य वजह माना जाता है।
छठ पूजा(Chhath Puja) अन्य मानता के अनुसार
छठ पूजा(Chhath Puja) के पीछे एक और धार्मिक कथा है वह है कि एक राजा और रानी थे लेकिन उन राजा और रानी की कोई संतान नहीं थीं इसी वजह से दोनों बहुत दुखी रहते थे और उन्हें बहुत से उपाय किए लेकिन उन्हें सन्तान की प्राप्ति नहीं हुई।
एक दिन महर्षि कश्यप उनके राज्य में आते है और उनके आशीर्वाद से उन्हें पुत्र प्राप्ति होती हैं लेकिन वह पुत्र मृत पैदा होता है और वे दोनों दुखी हो जाते है।
राजा और रानी फिर आत्महत्या करने के लिए नदी में कूदने जाते है। फिर वही पर उन्हें छठी मैया दर्शन देती है और उन्हें उनकी पूजा करने और लोगो से उनकी पूजा करने को कहती है। फिर राजा और रानी को एक पुत्र प्राप्ति होती है और तब से छठी मैया की पूजा होती आए रही है।
छठ पूजा(Chhath Puja) क्यो मनाई जाती हैं?
छठ पूजा क्यों मनाई जाती है ये तो हर कोई जानता होगा क्योंकि जैसे की उपर पहले ही हमनें आपको कुछ पौराणिक और धार्मिक कथाएं बताई जिसमे पारिवारिक सुख शांति और सुख समृद्धि पाने के लिए छठ पर्व को मनाया जाता है।
अगर किसी को पुत्र प्राप्ति नहीं है तो पुत्र प्राप्ति के लिए भी छठ पर्व मनाया जाता है कहा जाता है छठ पर्व के पीछे बहुत सी पौराणिक धार्मिक कथाएं प्रचलित है।
लेकिन छठ पूजा(Chhath Puja) सिर्फ धार्मिक और पौराणिक त्योहार नहीं है। बल्कि कुछ लोग कहते हैं कि छठ पूजा की जड़ें विज्ञान में भी हैं क्योंकि यह मानव शरीर को Toxicity से छुटकारा पाने में मदद करती है और कुछ का यह भी मानना है कि छठ पूजा शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करने में मदद करती है।
छठ पूजा(Chhath Puja) कैसे मनाई जाती हैं
वैसे तो दीपावली के पांचवे दिन के बाद छठ पर्व की शुरुआत हो जाती है जो चार दिन तक चलती है और इन चार दिनों में गंगा स्नान का बड़ा महत्व होता है। छठ पूजा सिर्फ महिला या सिर्फ पुरुष नहीं करते बल्कि दोनों करते है आईये जानते है कि छठ पूजा कैसे मनाई जाती है।
Chhath Puja पहला दिन 1:- नहाय खाय
यह छठ पूजा का पहला दिन होता है इस दिन भक्त स्नान करने से पहले भोजन का सेवन नहीं करते हैं और नदी में स्नान करने बाद वे भोजन लेते है। इन सबके बाद अपने लिए मिट्टी के चुले पर सबके लिए खाना तैयार किया जाता है।
Chhath Puja दूसरा दिन 2:- खरना
यह छठ पूजा का दूसरा दिन हौ और इस दिन लोग पूरे दिन उपवास रखते है और शाम को सूर्यदेव को गुड़ से बनी खीर और पूरियों का प्रसाद अर्पित किया जाता है और व्रत रखने वालों में बांटा जाता है।
Chhath Puja तीसरा दिन 3:- संध्या अर्घ्य
छठ पूजा(Chhath Puja) का तीसरा दिन सबसे कठिन होता हैं – इसमें लोग और ज्यादातर महिलाएं – एक पूरे दिन उपवास करती हैं जहां वे न तो पानी का सेवन करते हैं और न ही भोजन का। इस दिन ढलते सूर्य को अर्घ्य की जाती है। इस दिन दान का भी बहुत महत्व होता है। छ्ठ के तीसरे दिन लड्डू का भी बहुत महत्व होता है।
Chhath Puja चौथा दिन 4:- उषा अर्घ्य
यह छठ पूजा का चौथा दिन होता है जिसे उषा अर्घ्य कहते है इस दिन को भक्त उगते सूर्य को प्रार्थना अर्पित करने के बाद भक्त अपना लंबा उपवास तोड़ते हैं और सूर्य देव को अर्ध्य चढ़ाते है यह चार दिन तक ये छठ पर्व चलता है। लेकिन ये सबसे कठिन पर्व में से एक है।
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छठ पूजा(Chhath Puja) कब आती हैं?
आपके मन में सवाल आता होगा कि ये छठ कि पूजा कब मनाई जाती है और छठ पूजा कब आती है तो आपको बता दू की छठ पूजा को साल में दो बार मनाया जाता हैं।
1. कार्तिकी छठ पूजा
2. चैत्री छठ पूजा
कार्तिकी छठ पूजा शुक्ल पक्ष के कार्तिकी छठ के दिन से चार दिन तक मनाया जाता है। कार्तिकी छठ पूजा में भगवान सूर्य देव की, उनकी पत्नी और उनकी बहन की पूजा की जाती है। दूसरी जो चैत्री छठ पूजा है वो चैत्र मास के छठ से मनाई जाती है।
छठ पूजा कब है और आगे कब आएगी?
Chhath Puja 2023 | ||
Chhath Puja | Date | Day |
Day-1 नहाय-खाय | 17 November | शुक्रवार |
Day-2 लोहंडा और खरना | 18 November | शनिवार |
Day-3 संध्या अर्घ्य(छठ पूजा) | 19 November | रविवार |
Day-4 सूर्योदय(ऊषा अर्घ्य) | 20 November | सोमवार |
Chhath Puja 2024 | ||
Chhath Puja | Date | Day |
Day-1 नहाय-खाय | 5 November | मंगलवार |
Day-2 लोहंडा और खरना | 6 November | बुधवार |
Day-3 संध्या अर्घ्य(छठ पूजा) | 7 November | गुरूवार |
Day-4 सूर्योदय(ऊषा अर्घ्य) | 8 November | शुक्रवार |
Chhath Puja 2025 | ||
Chhath Puja | Date | Day |
Day-1 नहाय-खाय | 25 November | शनिवार |
Day-2 लोहंडा और खरना | 26 November | रविवार |
Day-3 संध्या अर्घ्य(छठ पूजा) | 27 November | सोमवार |
Day-4 सूर्योदय(ऊषा अर्घ्य) | 28 November | मंगलवार |
Chhath Puja 2026 | ||
Chhath Puja | Date | Day |
Day-1 नहाय-खाय | 13 November | शुक्रवार |
Day-2 लोहंडा और खरना | 14 November | शनिवार |
Day-3 संध्या अर्घ्य(छठ पूजा) | 15 November | रविवार |
Day-4 सूर्योदय(ऊषा अर्घ्य) | 16 November | सोमवार |
तो दोस्तों हमनें इस आर्टिकल में छठ पूजा(Chhath Puja) के बारे में सभी जानकारी देने की कोशिश की है उमीद है कि आपकों इस आर्टिकल में आपके सभी सवालों के जवाब मिल गए होगें।
भारतवर्ष में अनेक त्योहार मनायें जाते हैं बल्कि अगर ये कहे की भारत एक त्योहार का देश हैं तो यह बिल्कुल सही होगा क्योंकि हर महीनें हमारा कोई न कोई त्योहार आता रहता है जिसकी अपनी अलग-अलग विशेषता होती हैं औऱ हमारी वेबसाइट पर सभी त्योहार के बारे में जानकारी लिखी जाती है इसलिए हमारे साथ जुड़े रहें।
तो हम उमीद है कि आपकों हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और अब आप जान चुके होंगे कि छठ पूजा(Chhath Puja) क्या है औऱ कैसे मनाई जाती हैं तो अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आता है तो इसे अपने उन्ह दोस्तों के साथ शेयर करें जो छठ पूजा मनाते है या फ़िर इसके बारे में जानना चाहतें है।