उत्तर प्रदेश यूपी का मुख्यमंत्री कौन हैं

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उत्तर प्रदेश हमारे भारत का सबसे बड़ा राज्य है इसलिए उत्तर प्रदेश यूपी का मुख्यमंत्री जिस पार्टी का होता हैं उस पार्टी को केंद्र में सरकार बनानें में बहुत मद्त मिलती हैं क्योंकि यह सबसे अधिक सीटों वाला राज्य हैं।

जहां पर वर्तमान में तकरीबन 20 करोड़ की आबादी निवास करती है इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 5 करोड लोग देश के विभिन्न राज्यों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, गुजरात, पश्चिम बंगाल तथा हरियाणा में रह रहे हैं इस तरह उत्तर प्रदेश की टोटल आबादी 25 करोड़ के आसपास होती है।

uttar pradesh UP ka mukhymantri kaun hai

उत्तर प्रदेश राज्य की स्थापना जब हमारा भारत देश आजाद हुआ तो उसके बाद साल 1956 में 1 नवंबर को हुई थी लेकिन उत्तर प्रदेश को पहले यूनाइटेड प्रोविंस कहा जाता था और बाद में इसका नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया जिसे शार्ट में यूपी कहा जाता है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी नवाबों की नगरी लखनऊ है और उत्तर प्रदेश का टोटल क्षेत्रफल 240228 है जिसमें सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है इसके अलावा भी उत्तर प्रदेश में विभिन्न भाषाएं बोली जाती है जैसे की अवधी,भोजपुरी, गुज्जरी भाषा, खड़ी हिंदी, अंग्रेजी इत्यादि।

उत्तर प्रदेश की स्थापना 1956 में की गई थी और जब भारत देश आजाद हुआ तब से ही भारत के विभिन्न राज्यों को संभालने के लिए हर 5 सालों में मुख्यमंत्री का चुनाव होता है और ऐसे में यह बात लाजमी है कि उत्तर प्रदेश में भी आजादी से लेकर अभी तक विभिन्न लोग मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान हुए होंगे।

तो ऐसे में क्या आप यह जानते हैं कि आखिर अभी तक उत्तर प्रदेश में कितने मुख्य मंत्री हुए हैं और उनके नाम क्या है व उन्हें कब तक पद को सँभाल इत्यादि इसलिए आज हम आपकों वर्तमान से लेकर आज़ादी के बाद के सभी मुख्यमंत्रियों की जानकारी प्रदान करने वाले हैं तो चलिए जानते हैं।

उत्तर प्रदेश यूपी का मुख्यमंत्री कौन है

योगी आदित्यनाथ जी वर्तमान में यूपी के मुख्यमंत्री हैं तथा साल 2017 में 19 मार्च को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे योगी आदित्यनाथ सिविल सप्लाई, कमेटी ऑफ फूड, डिपार्टमेंट ऑफ शुगर एंड एडिबल ऑयल, मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स जैसे पदों पर काम कर चुके हैं।

योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखते हैं और इनका जन्म 1972 में 5 जून को उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के एक क्षत्रिय परिवार में हुआ था इनका बचपन का नाम अजय सिंह बिष्ट था और इनके पिता का नाम महंत अवैद्यनाथ था जोकि गुरु गोरखनाथ मंदिर के महंत थे।

योगी आदित्यनाथ ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से एचएनबी में ग्रेजुएशन पूरा किया है इसके अलावा उन्होंने गोरखपुर में कट्टर हिंदुओं के एक समूह का निर्माण किया है जिसका नाम हिंदू युवा वाहिनी है योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से 26 साल की उम्र में ही सांसद बन गए थे।

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अखिलेश यादव (2012-2017)

अखिलेश यादव का जन्म साल 1973 में 1 जुलाई को उत्तर प्रदेश के इटावा शहर के सैफई में हुआ था। यह समाजवादी पार्टी से संबंध रखते हैं।अखिलेश यादव ने मैसूर यूनिवर्सिटी से सिविल एनवायरनमेंट की डिग्री तथा सिडनी से एनवायरमेंट की डिग्री हासिल की है।

अखिलेश यादव सबसे पहले साल 2003 में कन्नौज से लोकसभा के लिए चुने गए थे इसके अलावा अखिलेश यादव सिविल सप्लाई तथा खाद्य एवं वितरण के सदस्य भी रह चुके हैं। अखिलेश यादव की ही बदौलत समाजवादी पार्टी को साल 2012 में यूपी की 403 सीटों में से 224 सीटें प्राप्त हुई थी।

अखिलेश यादव यूपी की विधानसभा काउंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं अखिलेश यादव ने ही यूपी के होनहार छात्रों तथा छात्राओं के लिए मुफ्त लैपटॉप की योजना चलाई थी।

मायावती (1995, 1997, 2002-2003, 2007-2012)

मायावती का पूरा नाम मायावती प्रभूदास है इनका जन्म 15 जनवरी साल 1956 में भारत के दिल्ली राज्य में हुआ था यह बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया है जिसे आमतौर पर दलितों की पार्टी कहा जाता है।

मायावती ने कुछ दिनों तक टीचर के पद पर भी काम किया है और साल 1977 में इनकी मुलाकात काशीराम से हुई थी और तब से ही इनकी राजनीति में शुरुआत हुई।

साल 1989 में मायावती पहली बार संसद के सदस्य के रूप में चुनी गई औऱ मायावती भारत की पहली ऐसी दलित महिला है जो किसी राज्य की मुख्यमंत्री बनी है। साल 2003 में काशीराम के निधन के बाद मायावती को बहुजन समाजवादी पार्टी का मुखिया चुना गया तथा मायावती टोटल 4 बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी है।

मुलायम सिंह यादव (1989-1991,1993-1995,2003-2007)

यह समाजवादी पार्टी के संस्थापक है तथा मुलायम सिंह यादव को धरतीपुत्र, नेताजी और लिटिल नेपोलियन जैसे नामों से भी जाना जाता है। 1977 में यह उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री बने 1980 में यह लोक दल के अध्यक्ष बने।

मुलायम सिंह यादव का जन्म 21 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा शहर के सैफई में हुआ था तथा 1967 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए थे औऱ 1996 में यह मैनपुरी से लोकसभा सांसद चुने गए। मुलायम सिंह यादव दो बार भारत के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं साल 2012 में 28 मई को लंदन में इन्हें “जूरी पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।

राजनाथ सिंह (2000-2002)

इनका जन्म साल 1951 में 10 जुलाई को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के भाभौरा गांव में हुआ था। इन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर की डिग्री प्राप्त की है।
राजनाथ सिंह साल 1969 से लेकर 1971 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ऑर्गेनाइजेशनल सेक्रेटरी है।

इसके अलावा यह मिर्जापुर विभाग के जनरल सेक्रेटरी के पद पर भी काम कर चुके हैं। 1977 में यह उत्तर प्रदेश से एमएलए बने इसके अलावा साल 1986 में यह भारतीय जनता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी बने। राजनाथ सिंह शिक्षा मंत्री, रक्षा मंत्री और यूनियन सरफेस ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर जैसे पदों पर काम कर चुके हैं।

राम प्रकाश गुप्त (1999-2000)

राम प्रकाश गुप्ता भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखते हैं औऱ यह 12 नवंबर साल 1999 में यूपी का मुख्यमंत्री बने थे और यह इस पद पर 28 अक्टूबर 2000 तक रहे।

राम प्रकाश गुप्ता का जन्म सन 1923 में 26 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सुखवा डुखवा गांव में हुआ था औऱ 1964 में यह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने। राम प्रकाश गुप्ता शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, हरिजन तथा समाज कल्याण, सांस्कृतिक कार्य और अनुसंधान तथा परिवहन और पर्यटन जैसे विभागों में काम कर चुके थे इनकी मृत्यु 1 मई सन 2004 में हुई।

कल्याण सिंह (1991-1992, 1997-1999)

कल्याण सिंह का जन्म सन 1932 में 5 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक लोधी परिवार में हुआ था जोकि भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखते हैं यह 21 सितंबर साल 1997 में यूपी का मुख्यमंत्री बने थे और यह इस पद पर 12 नवम्बर 1999 तक रहे।

कल्याण सिंह राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं इन्हें हिंदू हृदय सम्राट भी कहा जाता था कल्याण सिंह साल 2009 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे और फिर साल 2013 में वापस भाजपा में आ गए।

नारायण दत्त तिवारी (1976-1977,1984-1985,1988-1989)

नारायण दत्त तिवारी भारतीय कांग्रेस पार्टी से संबंध रखते थे और 1952 में यह पहली बार उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष बने थे यह अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो भारत के 2 राज्यों के मुख्यमंत्री बने हैं।

इनका जन्म साल 1925 में 18 अक्टूबर को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हुआ था यह 25 जून साल 1988 में तीसरी बार यूपी का मुख्यमंत्री बने थे और यह इस पद पर 5 दिसम्बर साल 1989 तक रहे।

नारायण दत्त तिवारी साल 2007 में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके थे नारायण दत्त तिवारी एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं इनकी मृत्यु साल 2018 में 18 अक्टूबर को दिल्ली में हुई।

वीर बहादुर सिंह(1985-1988)

वीर बहादुर सिंह 24 सितंबर 1985 से लेकर 24 जून 1988 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर रहे इनका जन्म साल 1935 में 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुआ था जोकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से संबंध रखते थे।

यह पांच बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के तौर पर चुने गए थे इसके अलावा 1989 में यह राज्यसभा के सदस्य भी चुने गए और यह उप मंत्री भी चुने गए इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय संचार मंत्री के पद पर भी काम किया इनकी मृत्यु 30 मई 1989 को फ्रांस में हुई इनके नाम पर एक विश्वविद्यालय भी है जिसका नाम वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय है।

श्रीपति मिश्रा (1982-1984)

श्रीपति मिश्रा का जन्म साल 1924 में 20 फरवरी के दिन उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में हुआ था श्रीपति मिश्रा धार्मिक प्रवृत्ति के थे यह 19 जुलाई 1982 को यूपी का मुख्यमंत्री बने थे और यह इस पद पर 1984 में 2 अगस्त तक रहे थे।

श्रीपति मिश्रा इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी से संबंध रखते थे तथा 1962 में श्रीपति मिश्रा को तीसरी बार विधानसभा सदस्य के रूप में चुना गया औऱ 1969 में लोकसभा के सदस्य बने इसके अलावा चौधरी चरण सिंह की सरकार में उनके पास खाद्य एवं रसद, राजस्‍व अभाव, समाज कल्‍याण, हरिजन सहायक, शिक्षा, खेलकूद, श्रम, सहायता और पुनर्वास का कार्यभार था इनकी मृत्यु 8 दिसंबर सन 2002 में लखनऊ में हुई।

विश्वनाथ प्रताप सिंह(1980-1982)

बीपी सिंह यानी विश्वनाथ प्रताप सिंह हमारे भारत के प्रधानमंत्री भी रह चुके थे उन्होंने साल 1969 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म सन 1931 में 25 जून के दिन भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज शहर में हुआ था।

विश्वनाथ प्रताप सिंह 1980 में 9 जून को यूपी का मुख्यमंत्री बने थे और यह 18 जुलाई 1982 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर रहे तथा जय इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे।

साल 1969 में ही यह उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बने तथा 1974 में यह केंद्रीय वाणिज्य उप मंत्री बने व 1980 में यह लोकसभा के सदस्य बने। बीपी सिंह के कार्यकाल में ही दलितों और पिछड़ों को मंडल कमीशन के तहत आरक्षण देने के लिए प्रावधान पास किया गया था इनकी मृत्यु 27 नवंबर सन 2008 में दिल्ली में हुई।

बनारसी दास (1979-1980)

बाबू बनारसी दास का जन्म साल 1912 में 8 जुलाई को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के अतरौली गांव में हुआ था इन्हें बाबू बनारसी दास भी कहा जाता था 28 फरवरी 1979 को यूपी का मुख्यमंत्री बने थे और यह इस पद पर 17 फरवरी 1989 तक रहे।

यह जनसंघ पार्टी से जुड़े हुए थे 1952 में इन्हें उत्तर प्रदेश का सभा सचिव चुना गया था साथ ही साल 1962 में इन्हें राज्य मंत्री, सूचना एवं संसदीय कार्य मंत्री भी बनाया गया था इन्होंने खादी ग्रामोद्योग चिकन संस्थान की स्थापना की थी। बनारसी दास ने साल 1984 में राजनीति से संयास ले लिया था इनकी मृत्यु 3 अगस्त 1985 में हुई।

राम नरेश यादव (1977-1979)

राम नरेश यादव का जन्म साल 1928 में 1 जुलाई के दिन उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के अंबारी गांव में हुआ था यह 23 जून 1977 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे और यह 27 फरवरी 1979 तक इस पद पर रहे।

यह जनसंघ पार्टी से संबंध रखते थे औऱ 1988 में राज्यसभा सदस्य बने थे राम नरेश यादव महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और राम अवध लोहिया की विचारधारा से प्रभावित थे उन्हें साल 2016 में मध्य प्रदेश का राज्यपाल भी बनाया गया था इनकी मृत्यु 22 नवंबर सन 2016 में बंगाल में हुई।

हेमवती नंदन बहुगुणा (1974-1975)

हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म 1919 में 23 अप्रैल को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में हुआ था तथा यह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और यह काफी जाने-माने पॉलीटिशियन थे।

हेमवती नंदन बहुगुणा 5 मार्च 1974 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी और यह 29 नवंबर 1975 तक इस पद पर रही और दो बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही है जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई थी।

यह साल 1952 में पहली बार विधानसभा के सदस्य चुने गए थे 1952 में ही यह उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति और 1957 में यह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य रहे। 1958 में इन्हें उद्योग विभाग का उप मंत्री बनाया गया 1971 में यह केंद्रीय संचार मंत्री बने इनकी मृत्यु 17 मार्च 1989 में अमेरिका में हुई।

कमलापति त्रिपाठी (1971-1973)

कमलापति त्रिपाठी का जन्म सन 1905 में 3 सितंबर को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था औऱ कमलापति त्रिपाठी 4 अप्रैल 1971 से लेकर 12 अप्रैल 1973 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर रहे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे।

कमलापति त्रिपाठी भारतीय संविधान सभा के सदस्य भी रह चुके हैं और 1971 में इन्हे यूपी का मुख्यमंत्री चुना गया था इसके अलावा यह भारत के रेल मंत्री भी रह चुके हैं। साल 1921 में इन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया था और कई बार जेल भी गए थे।

कमलापति त्रिपाठी हिंदी और संस्कृत भाषा के विद्वान थे इन्होंने “आज” तथा “संसार” नाम के समाचार पत्रों का संपादन किया था इन्होंने काशी विद्यापीठ से शास्त्री और डि.लीट की उपाधि प्राप्त की थी इनकी मृत्यु 8 अक्टूबर 1990 में वाराणसी मे हुई।

त्रिभुवन नारायण सिंह (1970-1971)

त्रिभुवन नारायण सिंह का जन्म 1904 को 8 अक्टूबर के दिन उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था यह 18 अक्टूबर 1970 से लेकर 3 अप्रैल 1971 तक यूपी का मुख्यमंत्री के पद पर रहे औऱ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से संबंध रखते थे।

यह केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं तथा साल 1952 से लेकर 1957 तक लोकसभा के सदस्य हैं इसके अलावा यह राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके थे औऱ साल 1964 से लेकर 1967 तक केंद्रीय उद्योग और पूर्ति तथा लोहा और इस्पात मंत्री भी रह चुके थे।

इसके अलावा यह बंगाल के राज्यपाल भी बन चुके हैं तथा यह एक अच्छे पत्रकार भी थे और उन्होंने इंडियन डेली टेलीग्राफ, हिंदुस्तान टाइम्स और नेशनल हेराल्ड जैसे अखबारों में अपना योगदान दिया था इनकी मृत्यु 3 अगस्त 1982 में वाराणसी में हुई।

चौधरी चरण सिंह (1967-1968,1970)

चौधरी चरण सिंह का जन्म सन 1902 में 23 दिसम्बर को उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में हुआ था यह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं जिसमें आखरी बार यह 18 फरवरी 1970 से लेकर 1 अक्टूबर 1970 तक यूपी का मुख्यमंत्री रहे।

यह भारतीय क्रांति दल पार्टी से संबंध रखते थे औऱ 1929 में उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया तथा 1937 में चौधरी चरण सिंह को विधानसभा के लिए चुना गया इन्हें किसानों का मसीहा भी कहा जाता था।

1952 में यह उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री बने थे औऱ 1952 में ही इन्होंने जमीदारी उन्मूलन विधेयक विधेयक पारित किया था इनकी अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ थी और इन्होंने कई किताबें भी लिखी थी इनकी मृत्यु 29 मई 1987 में दिल्ली में हुई।

चंद्र भानु गुप्ता( 1960-1963, 1967, 1969-1970)

चंद्र भानु गुप्ता तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं आखिरी बार यह सन 1969 में 26 फरवरी से लेकर 17 फरवरी सन 1970 तक यूपी का मुख्यमंत्री के पद पर रहे औऱ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे।

इनका जन्म सन 1902 में 4 जुलाई को यूपी के अलीगढ़ में हुआ था और पेशे से एक अच्छे वकील थे। 1946 में यह गोविंद बल्लभ पंत के मंत्रिमंडल में पारलियामेंटरी सेक्रेटरी बने यह 1960 में पहली बार यूपी का मुख्यमंत्री बने थे इनकी मृत्यु 11 मार्च 1980 में दिल्ली में हुई।

सुचेता कृपलानी(1963-1967)

यह आजाद भारत की पहली मुख्य महिला मुख्यमंत्री थी औऱ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई थी तथा भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और पॉलिटिशियन थी साथ ही एक अच्छी लेक्चरर भी थी।

25 जून साल 1908 में सुचेता कृपलानी का जन्म अंबाला में हुआ था। सुचेता कृपलानी 2 अक्टूबर सन 1963 से लेकर 13 मार्च सन 1967 तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही।

1941 में इन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महिला विभाग की जिम्मेदारी दी गई इसके अलावा 1946 में यह केंद्रीय विधानसभा की सदस्य भी रही और इनकी मृत्यु 1 दिसंबर सन 1974 में दिल्ली में हुई।

संपूर्णानंद (1954-1957,1957-1960)

संपूर्णानंद का जन्म 1 जनवरी सन 1891 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ था औऱ संपूर्णानंद दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके थे आखिरी बार यह 10 अप्रैल 1957 से लेकर 6 दिसंबर 1960 तक यूपी का मुख्यमंत्री रहे।

यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे औऱ यह स्वतंत्रता सेनानी, पॉलिटिशन और एक अच्छे लेखक थे तथा यह राजस्थान के राज्यपाल भी रह चुके हैं इन्होंने संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी की स्थापना में विशेष योगदान दिया था इनकी मृत्यु 10 जनवरी 1969 में वाराणसी में हुई।

गोविंद बल्लभ पंत(1950-1952,1952-1954)

यह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं जिसमें आखरी बार यह 20 मई 1952 से लेकर 27 दिसंबर 1954 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर रहे औऱ यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से थे।

इनका जन्म साल 1887 में 30 अगस्त को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था औऱ साल 1905 में यह स्वयंसेवक के रूप में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए इन्होंने ही कुमाऊं परिषद की स्थापना की थी तथा1937 में यह प्रदेश की विधानसभा में सदस्य बने।

26 जनवरी साल 1957 में भारत सरकार ने इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। इन्होंने 1928 के साइमन कमीशन के विरोध और 1930 के नमक तोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया इनकी मृत्यु 7 मार्च 1961 में नई दिल्ली में हुई।

तो दोस्तों आज हमनें आपकों उत्तर प्रदेश यूपी का मुख्यमंत्री कौन हैं औऱ अब तक यूपी मे कितने औऱ कौन-कौन मुख्यमंत्री रहें है उन सबकी जानकारी प्रदान की गई हैं जोकि सामान्य ज्ञान रखने वाले लोगों के लिए बेहद मदतगार हैं।

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