राजस्थान में अनेक खुबसूरत पर्यटन स्थल हैं व यहाँ की राजधानी जयपुर को भारत का पेरिस कहा जाता हैं और प्रत्येक राज्य की तरह यहाँ हर पांच साल के बाद चुनाव के जरिये मुख्यमंत्री चुना जाता है इसलिए कई महापुरुष राजस्थान के मुख्यमंत्री बन चुके है लेक़िन क्या आप जानते हैं वर्तमान में राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन हैं?
राजस्थान की राजधानी जयपुर गुलाबी शहर के नाम से भी विख्यात हैं यहाँ की अरावली पहाड़िया विश्व की सबसे पुरानी पहाडियों में से एक है साथ ही यहाँ माउंट आबू, दिलवाडा मंदिर और बाघ अभयारण्य आदि दर्शनीय स्थल हैं यहाँ पर भी एक समय पर राजाओ जैसे महाराणा प्रताप, महाराजा राणा सांगा, सूरजमल आदि का राज हुआ करता था।
क्योंकि अक़्सर सरकारी नौकरीयों की परीक्षाओं में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम पूछें जाते हैं चूँकि हर पांच साल के बाद चुनाव के द्वारा राज्य का मुख्यमंत्री चुना जाता हैं इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री बदलतें रहते हैं जिसे अपडेट रहना पड़ता हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में अलग-अलग समय पर अलग-अलग लोग विराजमान हुए हैं इसलिए आज हम आपको राजस्थान के वर्तमान समय के मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं जैसे अभी तक राजस्थान में कितने मुख्यमंत्री हुए हैं और उनके नाम क्या हैं व उन्होंने कब से कब तक पद को संभाला है इत्यादि तो चलिए जानते हैं की आज राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन हैं?
राजस्थान | |
राज्य की राजधानी | जयपुर |
गठन | 1 नवम्बर 1956 |
क्षेत्रफल | 3,42,239.74 |
जनसंख्या | 6,85,48,437 |
सबसे बड़ा शहर | जयपुर |
राज्य भाषा | हिंदी |
राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन हैं
वर्तमान समय में मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी हैं यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से हैं इन्होने राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसम्बर 2018 को शपथ ली इससे पहले भी यह राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री पद पर रहे जो निम्न प्रकार है:-
-1 दिसम्बर 1998– 8 दिसम्बर 2003
-13 दिसम्बर 2008– 12 दिसम्बर 2013
नाम | अशोक गहलोत |
जन्म | 3 मई 1951 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
अशोक गहलोत का जन्म राजस्थान के जोधपुर में 3 मई 1951 को हुआ था इनके पिता का नाम श्री बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत था जोकि देश के प्रसिद्ध जादूगर थे। इन्होने जय नरेन व्यास विश्वविद्यालय से विज्ञान और कानून में स्नातक की उपाधि ली हैं और इसके साथ अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की भी उपाधि ली हुई हैं इनकी जीवनसाथी श्रीमती सुनीता गहलोत हैं इनका एक पुत्र वैभव गहलोत और पुत्री सोनिया गहलोत है।
अशोक गहलोत जी 7 फरवरी 1984 से 31 अक्टूबर 1984 तक खेल मंत्री पद पर रहे उसके बाद 13 दिसम्बर 1984 से 26 सितम्बर 1985 तक पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे तथा जून 1989 से नवम्बर 1989 तक राजस्थान सरकार में गृह और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री भी बने।
इसके बाद वर्ष 1982, 1985 से 1989 और 1994 से 1999 में उन्होंने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति में जनरल सेक्रेटरी का पद संभाला और वह 21 जून 1991 से 18 जनवरी 1993 तक केन्द्रीय कपडा राज्य मंत्री पद पर भी रहे और 2004 से 2008 और 2017 से 2019 तक उन्होंने आल इंडिया कांग्रेस कमिटी के जनरल सेक्रेटरी पद पर कार्य किया।
वसुंधरा राजे सिंधिया
वसुंधरा राजे सिंधिया जी धोलपुर के शाही परिवार से हैं यह राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री थी यह भारतीय जनता पार्टी से सम्बंध रखती हैं और दो बार राजस्थान राज्य की मुख्यमंत्री पद पर रही इनका पहला कार्यकाल 8 दिसम्बर 2003 से 11 दिसम्बर 2008 और दूसरा कार्यकाल 12 दिसम्बर 2013 से 16 दिसम्बर 2018 तक रहा था।
नाम | वसुंधरा राजे सिंधिया |
जन्म | 8 मार्च 1953 |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
कार्यकाल | 2003 – 2018 |
इनका जन्म मुंबई में 8 मार्च 1953 को हुआ था इनके पिता का नाम श्री जीवाजीराव सिंधिया और माता का नाम श्रीमती विजयाराज सिंधिया था तथा इनके जीवनसाथी श्री हेमंत सिंह हैं वसुंधरा राजे सिंधिया के राजनितिक जीवन के ऊपर एक पुस्तक “वसुंधरा राजे और विकसित राजस्थान” लिखी गयी है।
यह वर्ष 1985 से 1987 तक भाजपा युवा मोर्चा राजस्थान की उपाध्यक्ष पद पर रही और वर्ष 1989 से 2003 तक लोकसभा की संसद रही उसके बाद 19 मार्च 1998 से 12 अक्टूबर 1999 तक विदेश राज्यमंत्री पद पर रही और वर्ष 2007 में इन्हें यूएनओ के द्वारा विमेन टूगेदर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
हीरालाल देवपुरा
हीरालाल देवपुरा जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से थे इन्होने 23 फरवरी 1985 से 10 मार्च 1985 तक राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभाला था और यह राजस्थान के केवल 17 दिनों के मुख्यमंत्री थे।
नाम | हीरालाल देवपुरा |
जन्म | 15 अक्टूबर 1925 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1985 |
मृत्यु | 2004 |
शिवचरण माथुर
शिवचरण माथुर जी भारतीय राजनीतिज्ञ थे जोकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से थे और इन्होने राजस्थान का मुख्यमंत्री पद दो बार संभाला था इनका पहला कार्यकाल 14 जुलाई 1981 से 23 फरवरी 1985 और दूसरा कार्यकाल 20 जनवरी 1988 से 4 दिसम्बर 1989 तक रहा था।
नाम | शिवचरण माथुर |
जन्म | 14 फरवरी 1926 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1981 – 1989 |
मृत्यु | 25 जून 2009 |
इनका जन्म गुना में 14 फरवरी 1926 को हुआ था व माथुर जी वर्ष 1967 से 1972 तक राजनितिक मंत्रिमंडल में शिक्षा, विद्युत, पीडब्ल्युड़ी, जनसंपर्क मंत्री रहे और यह वर्ष 1987 से 1988 तक राजस्थान विधान सभा की अधीनस्थ विधान समिति के अध्यक्ष पद पर भी रहे इसके बाद यह 4 जुलाई 2008 से 25 जून 2009 तक असम के गवर्नर पद पर रहे थे इनका निधन 25 जून 2009 को नयी दिल्ली में हुआ था।
जगन्नाथ पहाड़िया
जगन्नाथ पहाड़िया जी राजस्थान के पहले व्यक्ति थे जो दलित समाज से मुख्यमंत्री चुने गए थे यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से सम्बंध रखते थे और इन्होने 6 जून 1980 से 13 जुलाई 1981 तक राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभाला था।
नाम | जगन्नाथ पहाड़िया |
जन्म | 15 जनवरी 1932 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1980 – 1981 |
इनका जन्म राजस्थान के भुसावर में 15 जनवरी 1932 को हुआ था इनके पिता का नाम श्री नाथिलाल पहाडिया और माता का नाम श्रीमती चंदा देवी था इन्होने जयपुर एंड लॉ कॉलेज राजस्थान यूनिवर्सिटी से कानून की उपाधि ली हैं व इनकी जीवनसाथी श्रीमती शांति पहाडिया हैं जोकि लोकसभा की सदस्य हैं।
यह 3 मार्च 1989 से 2 फरवरी 1990 तक बिहार के राज्यपाल पद पर रहे और इसके बाद 27 जुलाई 2009 से 26 जुलाई 2014 तक हरियाणा के राज्यपाल पद पर भी रहे।
भैरो सिंह शेखावत
भैरो सिंह शेखावत जी राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर तीन बार आश्रित रहे थे यह भारतीय जनता पार्टी से थे और इन्होने राजस्थान का मुख्यमंत्री पद सबसे पहले 22 जून 1977 से 16 फरवरी 1980 उसके बाद 4 मार्च 1990 से 15 दिसम्बर 1992 और अंतिम कार्यकाल 4 दिसम्बर 1993 से 29 नवम्बर 1998 तक संभाला था।
नाम | भैरो सिंह शेखावत |
जन्म | 23 अक्टूबर 1923 |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
कार्यकाल | 1977 – 1998 |
मृत्यु | 15 मई 2010 |
इनका जन्म राजस्थान के खाचारियाव्स में 23 अक्टूबर 1923 को हुआ था इनके पिता का नाम श्री देवी सिंह और माता का नाम श्रीमती बन्ने कँवर था इन्होने सिर्फ हाई स्कूल तक की शिक्षा ग्रहण की थी और इन्होने पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में कार्य किया था तथा जीवनसाथी श्रीमती सूरज कँवर हैं।
शेखावत जी भारत के उपराष्ट्रपति पद पर 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007 तक रहे इन्हें गरीबो को भोजन करने वाली मुहैया ‘अन्त्योदय अन्न योजना’ प्रदान करने का श्रेय जाता हैं इन्हें वर्ष 2003 में पद्मा भूषण से सम्मानित किया गया था व निधन राजस्थान के जयपुर में 15 मई 2010 को हुआ था।
हरिदेव जोशी
हरिदेव जोशी जी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे यह राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री पद पर रहे थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से थे इनका पहला कार्यकाल 11 अक्टूबर 1973 से 29 अप्रैल 1977 दूसरा कार्यकाल 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 और अंतिम बार 4 दिसम्बर 1989 से 4 मार्च 1990 तक राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभाला था।
नाम | हरिदेव जोशी |
जन्म | 17 दिसम्बर 1920 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1973 – 1990 |
मृत्यु | 28 मार्च 1995 |
इनका जन्म राजस्थान के खान्दू में 17 दिसम्बर 1920 को हुआ था यह मेघालय के राज्यपाल पद पर 11 मई 1989 से 26 जुलाई 1989 तक रहे और उसके बाद 10 मई 1989 से 21 जुलाई 1989 तक असम के राज्यपाल पद पर रहे इनका निधन मुंबई में 28 मार्च 1995 को हुआ था।
बरकतुल्लाह खान
बरकतुल्लाह खान जी राजस्थान के इकलौते मुस्लिम मुख्यमंत्री थे जोकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से थे इन्होने 9 जुलाई 1971 से 11 अक्टूबर 1973 तक राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभाला था।
नाम | बरकतुल्लाह खान |
जन्म | 25 अक्टूबर 1920 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1971 – 1973 |
मृत्यु | 11 अक्टूबर 1973 |
बरकतुल्लाह खान जी का जन्म जोधपुर में 25 अक्टूबर 1920 को हुआ था इनकी जीवनसाथी श्रीमती उषा चतुर्वेदी (उषी खान) थी और इनका निधन 11 अक्टूबर 1973 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था।
मोहन लाल सुखाडिया
मोहन लाल सुखाडिया जी को आधुनिक राजस्थान के संस्थापक के रूप में जाना जाता हैं यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से थे और दो बार राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभाला था। इनका पहला कार्यकाल 13 नवम्बर 1954 से 13 मार्च 1967 तक और अंतिम कार्यकाल 26 अप्रैल 1967 से 9 जुलाई 1971 तक रहा था तथा यह सबसे लम्बे समय 17 वर्ष तक राजस्थान का मुख्यमंत्री रहे।
नाम | मोहन लाल सुखाडिया |
जन्म | 31 जुलाई 1916 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1954 – 1971 |
मृत्यु | 2 फरवरी 1982 |
इनका जन्म झालावार में 31 जुलाई 1916 को हुआ था इनके पिता का नाम श्री पुरषोत्तम लाल सुखाडिया था जोकि बॉम्बे और सौराष्ट्र टीम के जाने माने क्रिकेटर थे व इनकी जीवनसाथी श्रीमती इन्दुबाला सुखाडिया थी।
यह 1 फरवरी 1972 से 10 अक्टूबर 1975 तक कर्नाटक के राज्यपाल पद पर रहे उसके बाद 10 जनवरी 1976 से 16 जून 1976 तक आंध्र प्रदेश के राज्यपाल का पद संभाला और 16 जून 1977 से 8 अप्रैल 1979 तक तमिलनाडू के राज्यपाल पद पर रहे और इनका निधन बीकानेर में 2 फरवरी 1982 को हुआ था।
टीका राम पालीवाल
टीका राम पालीवाल जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से थे और इनका मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल 3 मार्च 1952 से 31 अक्टूबर 1952 तक रहा।
नाम | टीका राम पालीवाल |
जन्म | 24 अप्रैल 1909 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1952 |
मृत्यु | 8 फरवरी 1995 |
इनका जन्म मंडवार में 24 अप्रैल 1909 को हुआ था यह 26 अप्रैल 1951 से 2 मार्च 1952 तक जय नारायण व्यास जी की सरकार में मंत्री पद पर रहे थे इनका निधन राजस्थान के जयपुर में 8 फरवरी 1995 में हुआ था।
जय नारायण व्यास
जय नारायण व्यास जी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए कई क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया था और अपने देश के लिए जेल भी गए थे यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सम्बंध रखते थे और राजस्थान का मुख्यमंत्री दो बार बने थे इनका पहला कार्यकाल 26 अप्रैल 1951 से 3 मार्च 1952 तक और दूसरा कार्यकाल 1 नवम्बर 1952 से 12 नवम्बर 1954 तक रहा।
नाम | जय नारायण व्यास |
जन्म | 18 फरवरी 1899 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1951 – 1954 |
मृत्यु | 14 मार्च 1963 |
इनका जन्म राजस्थान के जोधपुर में 18 फरवरी 1899 को हुआ था इनकी जीवनसाथी श्रीमती गौरजा देवी व्यास थी इन्होने वर्ष 1927 में “तरुण राजस्थान” पत्र का संपादन किया था और वर्ष 1936 में बम्बई से “अखंड भारत” दैनिक समाचार पत्र प्रसारित किया था।
इसके बाद वर्ष 1948 में वह जोधपूर प्रजा मंडल के प्रधानमंत्री बने और वर्ष 1956 से 1957 तक “प्रान्तीय कांग्रेस कमिटी” के अध्यक्ष पद पर भी रहे इनका निधन नई दिल्ली में 14 मार्च 1963 को हुआ इनके सम्मान में जोधपुर में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय की स्थापना हुई।
सी एस वेंकटाचारी
सी एस वेंकटाचारी जी का पूरा नाम कादम्बी शेषाचार वेंकटाचारी था और यह राजस्थान के दूसरे मुख्यमंत्री थे और यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से थे इन्होने 6 जनवरी 1951 से 25 अप्रैल 1951 तक राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभाला था।
नाम | सी एस वेंकटाचारी |
जन्म | 11 जुलाई 1899 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1951 |
मृत्यु | 16 जून 1999 |
इनका जन्म कोलर में 11 जुलाई 1899 को हुआ था वर्ष 1939 से 1941 तक वह ब्रिटिश मलाया में भारत सरकार के एजेंट थे और इसके बाद उन्हें बर्थ डे ऑनर्स लिस्ट में ओबीई नियुक्त किया गया इसके बाद वर्ष 1942 में वह इलाहबाद के कमीशनर बने थे और वर्ष 1946 में बर्थ डे ऑनर्स लिस्ट में सीआईई नियुक्त हुए थे।
वर्ष 1951 में वह भारत सरकार के राज्यों के मंत्रालय के सचिव बने और 1953 से 1958 तक भारत के राष्ट्रपति राजेंदर प्रसाद के सचिव रहे इसके बाद अगस्त 1958 से अक्टूबर 1960 तक वह कनाडा के उच्चायुक्त रहे इनका निधन 16 जून 1999 को हुआ था।
हीरा लाल शास्त्री
हीरा लाल शास्त्री जी राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले प्रथम व्यक्ति थे जोकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से थे इन्होने 7 अप्रैल 1949 से 5 जनवरी 1951 तक राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभाला था।
नाम | हीरा लाल शास्त्री |
जन्म | 24 नवम्बर 1899 |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
कार्यकाल | 1949 – 1951 |
मृत्यु | 28 दिसम्बर 1974 |
हीरा लाल शास्त्री जी का जन्म जयपूर के जोबनेर में 24 नवम्बर 1899 को हुआ था इन्होने महाराजा कॉलेज जयपुर से स्नातक की उपाधि ली थी यह वर्ष 1921 में जयपुर राज्य सेवा में शामिल हुए थे और गृह और विदेश विभाग के सचिव भी बने इनकी जीवनसाथी श्रीमती रतन शास्त्री थी।
वर्ष 1947 में यह आल इंडिया स्टेट्स पीपल्स कांफ्रेंस के जनरल सेक्रेटरी पद पर भी रहे और जयपुर में प्रतिनिधि सरकार की स्थापना पर 27 मार्च 1948 को राज्य के प्रधानमंत्री बने थे इनका निधन 28 दिसम्बर 1974 को हुआ था पंडित जी के सम्मान में भारतीय डाक और टेलीग्राम विभाग ने नवम्बर 1976 में एक स्मारक डाक टिकेट जारी किया था।
>भारत का प्रधानमंत्री कौन हैं |
>भारत के राष्ट्रपति कौन हैं |
>भारत के सबसे अमीर आदमीं की लिस्ट |
>भारत में कुल कितने राज्य है |
>दुनिया मे कितने देश है |
तो दोस्तों आज हमनें आपकों राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन हैं औऱ अब से कब तक राजस्थान में कौन-कौन मुख्यमंत्री रहें है उन सबकी जानकारी प्रदान की गई हैं जोकि सामान्य ज्ञान व सरकारी नौकरीयों की परीक्षाओं रखने वाले लोगों के लिए बेहद मदतगार रही होंगी।
क्योंकि हमनें आपको राजस्थान राज्य के आज तक के सभी मुख्यमंत्रियों के नाम तथा उनका कार्यकाल कितने समय का था सभी की जानकारी प्रदान की हैं चलिये एक नज़र राजस्थान के मुख्यमंत्रियों की लिस्ट पर डालते हैं।
All Rajasthan CM List |
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मुख्यमंत्री | कब से कब तक |
हीरा लाल शास्त्री | 1949 – 1951 |
सी एस वेंकटाचारी | 1951 |
जय नारायण व्यास | 1951 – 1954 |
टीका राम पालीवाल | 1952 |
मोहन लाल सुखाडिया | 1954 – 1971 |
बरकतुल्लाह खान | 1971 – 1973 |
हरिदेव जोशी | 1973 – 1990 |
भैरो सिंह शेखावत | 1977 – 1998 |
जगन्नाथ पहाड़िया | 1980 – 1981 |
शिवचरण माथुर | 1981 – 1989 |
हीरालाल देवपुरा | 1985 ( 17 दिन ) |
वसुंधरा राजे सिंधिया | 2003 – 2018 |
अशोक गहलोत | वर्तमान |
सवाल-जवाब राजस्थान मुख्यमंत्री
Q- राजस्थान का वर्तमान मुख्यमंत्री कौन हैं?
Ans- अशोक गहलोत
Q- राजस्थान का पहला मुख्यमंत्री कौन था?
Ans- हीरा लाल शास्त्री
Q- राजस्थान में कौन केवल 17 दिनों तक मुख्यमंत्री पद पर रहा?
Ans- हीरालाल देवपुरा
Q- राजस्थान के कौन से मुख्यमंत्री उपराष्ट्रपति के पद पर भी रहे थे?
Ans- भैरो सिंह शेखावत
Q- राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री कौन थी?
Ans- वसुंधरा राजे सिंधिया
Q- राजस्थान का पहला दलित मुख्यमंत्री कौन था?
Ans- जगन्नाथ पहाडिया
Q- राजस्थान का पहला मुस्लिम मुख्यमंत्री कौन था?
Ans- बरकतुल्लाह खान
Q- राजस्थान के 17 वर्षो तक कौन मुख्यमंत्री रहे थे?
Ans- मोहन लाल सुखाडिया
Q- राजस्थान के कौन से मुख्यमंत्री बिहार और हरियाणा के राज्यपाल भी रहे थे?
Ans- जगन्नाथ पहाड़िया
Q- राजस्थान में किस मुख्यमंत्री को आधुनिक राजस्थान के संस्थापक के रूप में जाना जाता हैं?
Ans- मोहन लाल सुखाडिया
Q- राजस्थान के कौन से मुख्यमंत्री असम और मेघालय के राज्यपाल भी रहे थे?
Ans- हरिदेव जोशी
Q- राजस्थान के किस मुख्यमंत्री के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकेट जारी हुआ था?
Ans- हीरा लाल शास्त्री
Q- राजस्थान के कौन से मुख्यमंत्री को पद्मा भूषण से सम्मानित किया गया था?
Ans- भैरो सिंह शेखावत
Q- राजस्थान का सीएम कौन हैं?
Ans- अशोक गहलोत
हम उमीद करते है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा औऱ अगर पसंद आया है तो इसे अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर Share करें तथा आपके कोई सवाल जवाब है तो हमने कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बतायें।
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