“MBBS” यह शब्द तो आपने जरूर सुना होगा परंतु क्या आप जानते हैं MBBS का Full Form क्या है और एमबीबीएस कौन कर सकता है क्योंकि बहुत सारे लोगों का सपना डॉक्टर बनना होता है और डॉक्टर बनने के लिए आपको एमबीबीएस का कोर्स करना पड़ता है।
जब हम स्कूल जाया करते थे तब कैरियर के बारे में इतनी चर्चाएं नहीं होती थीं जितनी की आज होती हैं उस समय कोई नहीं पूछता था कि आगे क्या करना है? जब कभी – कभार बात होती थी तो अधिकतर कक्षा के बच्चों का यही कहना होता था कि हमें तो डॉक्टर बनना है।
और अगर कोई उनसे पूछता कि डाक्टर बनने के लिए तुम्हें क्या सब्जेक्ट लेने चाहिए या इसके लिए तुम्हें क्या करना होगा? तो वहाँ उनकी जानकारी बहुत अल्प होती थी लेक़िन वह तो समय ही कुछ और था परन्तु आज सब-कुछ बदल चुका है शिक्षा प्राप्त करना अर्थात कैरियर बनाना।
अगर कोई डॉक्टर बनना चाहता है लेक़िन उसे डॉक्टर बनने के बारे में सही व पूरी जानकारी नहीं है तो कैरियर के साथ खिलवाड़ करने जैसी बात होगी। बहुत सारे बच्चे MBBS यानी डॉक्टर बना चाहते हैं परन्तु सही ज्ञान ना होने के कारण वह कुछ ऐसे courses में फंस जाते हैं जिसमे केवल पैसे ही खर्च नहीं होते बल्कि बच्चों का भविष्य भी दांव पर लग जाता है।
इन्हीं बातो को ध्यान मे रखते हुए हम आपके लिए MBBS का Full Form से लेकर MBBS से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं जो ना केवल आपको डॉक्टर बनें के बारे में बतायेगी बल्कि एक छात्र या छात्रा MBBS करने के बाद मेडिकल के किस क्षेत्र में एक अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकते है उसके बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।
Highlights
- 1 MBBS कौन-कौन कर सकता है
- 2 MBBS का Full Form क्या है
- 3 MBBS के लिए क्या योग्यता चाहिए?
- 4 MBBS में प्रवेश हेतु योग्यताएँ
- 5 MBBS करने की प्रक्रिया क्या है
- 6 NEET परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद क्या
- 7 MBBS में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं
- 8 MBBS में कितने पैसे लगते हैं
- 9 MBBS के बाद क्या करें
- 10 MBBS क्यों करना चाहिए
- 11 MBBS करने के फायदे
MBBS कौन-कौन कर सकता है
सबसे पहले जानते हैं कि कौन सा छात्र या छात्रा MBBS कर सकते हैं हम आपको बता दे कि जो भी छात्र/ छात्राएँ MBBS करना चाहते हैं उन्हें किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा में Physics +Chemistry +Biology विषयों के साथ उत्तीर्ण करनी होगी जो एमबीबीएस करने के लिए बेहद ज़रूरी है।
तो अगर आपने 12वीं कक्षा में इन विषयों में अपनी शिक्षा प्राप्त की है तो आप आगे एमबीबीएस कर सकते हैं अन्यथा आप इसके लिया योग्य नहीं है क्योंकि एमबीबीएस कोर्स करने के लिए यह अनिवार्य हैं।
MBBS का Full Form क्या है
अगर आप एमबीबीएस करना चाहते हैं और आपको MBBS का Full Form ना पता हो तो यह काफी निराशाजनक हो जाता है इसलिए सबसे पहले आपको MBBS का Full Form क्या है यह जान लेना चाहिए क्योंकि अक्सर जब आप किसी को यह बताते है कि आप MBBS कर रहे हैं तो वह आपसे सबसे पहले MBBS का Full Form क्या होता है इस तरह का सवाल पूछ सकता है।
MBBS का Full Form यानी इसका पूरा नाम “Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery” हैं यह MBBS का Full Form अंग्रेजी भाषा मे हैं उसी प्रकार MBBS का Full Form हिंदी में “चिकित्सा स्नातक और शल्य चिकित्सा स्नातक” कहा जाता है।
MBBS एक मास्टर डिग्री है और डाक्टर बनने के लिए इसे हासिल करना बेहद ज़रूरी है क्योंकि यह तो आप सभी जानते हैं कि किसी भी तरह की नौकरी करने के लिए किसी ख़ास ट्रेनिंग-कोर्स या फिर पढ़ाई की ज़रुरत पड़ती है ऐसे ही डाक्टर बनने के लिए MBBS की पढ़ाई की जाती हैं।
MBBS के लिए क्या योग्यता चाहिए?
मेडिकल के क्षेत्र में एमबीबीएस का कोर्स बैचलर कोर्स कहा जाता है इसमे बहुत मेहनत लगती है और इसको पूरा करने के बाद किसी भी छात्र या छात्रा के नाम से पहले डॉ. लिखा जा सकता है।
कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहाँ मेहनत ना करनी पड़ती हो औऱ ऐसे तो कहने को कोई भी कह देता है कि वह डॉक्टर बनना चाहता है पर उसे वास्तविक स्थिति का पता नहीं होता कि डॉक्टर बनने से पहले एमबीबीएस में प्रवेश कितना ज़रूरी है।
एमबीबीएस में प्रवेश पाना मानो एक चुनौती को स्वीकार करना यानि कि NEET की परीक्षा को उत्तीर्ण कर सफल होना है और यह परीक्षा सरल नहीं होती बहुत परिश्रम करना पड़ता है तब जाकर उम्मीदवार को कुछ उम्मीद नज़र आती है अब आपको NTA क्या इसके बारे में भी जान लेना चाहिए।
NTA:- एनटीए को अंग्रेज़ी में National Testing Agency कहा जाता है यह एक ऐसा संगठन है जो पूर्ण रूप से भारत में सभी Higher Educational Institutions (उच्च शिक्षण संस्थान) के लिए प्रवेश परीक्षाओ को करवाता है।
NTA स्वतंत्र रुप से कार्य करते हुए साल में एक बार NEET (नीट) की परीक्षा आयोजित करवाता है आपको बताते चलें कि NEET-UG केवल अकेली एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जिसे MBBS में प्रवेश के लिए भारत में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
जब कोई उम्मीदवार नीट की परीक्षा को उत्तीर्ण कर जाता है तब उसे आगे की प्रक्रिया शुरु करनी पड़ती है जोकि MCC यानि कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा एमबीबीएस प्रवेश की आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
MBBS में प्रवेश हेतु योग्यताएँ
आपको यहाँ यह भी बता दें कि NMC यानी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग उम्मीदवारो के लिए कुछ नियम निर्धारित करता है अगर कोई भी उन नियमों व पात्रता पर खरा नहीं उतरता तो MBBS में दाखिले से वंचित रह जाता है।
हम आपको यहाँ एमबीबीएस में प्रवेश हेतु कुछ मानदंड बता रहे हैं जो प्रत्येक उस उम्मीदवार के लिए ज़रूरी है जो एमबीबीएस करने का इच्छुक है जो इस प्रकार है:-
1. सबसे पहले तो उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त विधालय से 12वी कक्षा में Physics + Chemistry + Biology विषयो के साथ उत्तीर्ण करना बेहद ज़रूरी है।
2. एमबीबीएस प्रवेश के लिए उम्मीदवार के 12वीं कक्षा में कम से कम 50% अंक आने चाहिए जबकि ओबीसी, एसटी, एससी श्रेणी के लिए अंको में रियायत दी गई है इसलिए इस श्रेणी के उम्मीदवार के लिए 40% न्यूनतम अंक निर्धारित किए गए हैं।
3. एमबीबीएस में प्रवेश पाने के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष व अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष है वहीं दूसरी तरफ ओबीसी/ पीडब्ल्यूडी/एसटी/ एससी के लिए आयु 30 वर्ष तक तय की गई है।
4. जो भी उम्मीदवार जब तक चाहे परीक्षा दे सकता है जब तक उसकी श्रेणी के मुताबिक उसकी आयु सीमा समाप्त नहीं हो जाती।
MBBS करने की प्रक्रिया क्या है
विधार्थियों को MBBS Course में प्रवेश लेने के लिए नीट की परीक्षा देनी होती है और यह इस कोर्स की सबसे अहम परीक्षा मानी जाती है क्योंकि जब आप नीट की परीक्षा पास कर जाते हैं तभी आप एमबीए कोर्स में अपनी काउंसलिंग करा सकते हैं और उसमें प्रवेश पा सकते हैं।
NEET के लिए योग्यताएँ क्या हैं
यहाँ यह जानना भी ज़रूरी है कि NEET Exam केवल मेडिकल क्षेत्र के लिए ही दिया जाता है इसलिए जो उम्मीदवार डॉक्टर बनना चाहता है और मेडिकल कालेज में प्रवेश लेना चाहता है वही यह परीक्षा दे सकता है।
NTA NEET – UG कक्षा 11वीं व 12वीं के syllabus के आधार पर मेडिकल प्रवेश के लिए एक परीक्षा आयोजित करता है आमतौर पर मई के महीने मे और एक साल में यह परीक्षा आयोजित की जाती है जिसे उम्मीदवार को देना आवश्यक होता है जो मेडिकल क्षेत्र में जाने का इच्छुक होता है केवल वही दे सकता है अब NEET-UG पेपर के बारे में समझे।
-भौतिकी(Physics) 45 प्रश्न
-रसायन विज्ञान(Chemistry) 45 प्रश्न
-जीव विज्ञान(Biology) 45 प्रश्न
-वनस्पति विज्ञान(Zoology) 45 प्रश्न
विषयो से बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) आते हैं जिसमें कुल प्रश्नो की संख्या 180 होती हैं जिसके लिए कुल अंक 720 निर्धारित किए गए हैं और सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि इस परीक्षा में माइनस मार्किंग या नेगिटिव मार्किंग भी होती है साथ ही समय तीन घंटे का दिया होता है जिसके अन्तर्गत परीक्षा को पूरा करना पड़ता है।
Minus Marking- (नेगिटिव मार्किंग)
उम्मीदवार को यह भी पता होना चाहिए कि माइनस मार्किग किस तरह से होती है? अगर एक परीक्षार्थी ने दो प्रश्नो के सही उत्तर दे दिए हैं और तीसरे प्रश्न का उत्तर गलत दिया है तो गलत जवाब देने पर उस प्रश्न के 4 नंबर तो काटें ही जायेगें इसके अलावा अन्य प्रश्न का 1 नंबर यानि कि कुल 5 अंक काट लिए जायेगे इसलिए शिक्षको द्वारा परीक्षार्थियों को यही कहा जाता है कि अगर प्रश्न का सही उत्तर मालूम हो तभी Question Attempt करो अन्यथा उसे छोड़ दो।
NEET करने के लिए क्या करना होगा
जो भी मेडिकल मे जाने वाला विधार्थी अगर NEET करना चाहता है उसे सबसे पहले किसी साइबर कैफे में जाकर इस विषय मे जानकारी एकत्र करनी होगी और यदि उसका अपना Computer या Laptop है तब तो वह स्वयं भी इस विषय मे ज्ञान हासिल कर सकता है। उसे NEET की official website पर जाना होगा।
इसके बाद उसे अपना रजिस्ट्रेशन करना या कराना होगा। ऐसा करने के बाद सामने एक फॉर्म आयेगा जिसमें विधार्थी को अपनी जानकारी भरनी होगी जो भी उसमे पूछी गई है और अपने सभी आवश्यक Documents भी साथ ही में अपलोड करने होगें फिर फीस के बारे मे पूछा जायेगा जो विधार्थी डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग से भुगतान कर सकता है या फिर किसी से करवा सकता है तथा इस पूरी प्रक्रिया के बाद विधार्थी को फार्म का प्रिंट आऊट प्राप्त हो जायेगा।
NEET परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद क्या
यह एक ऐसी परीक्षा है जिसको उत्तीर्ण करने के बाद ही उम्मीदवार एमबीबीएस MBBS में प्रवेश के लिए केंद्रीय व राज्य स्तर की काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए स्वयं को तैयार कर पाता है।
इसमे सीट आवंटन के लिए काउंसलिंग होती है तथा काउंसलिंग व सीट आवंटन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए छात्रों को मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) के पोर्टल पर registration कराना होगा और उस दौरान विधार्थी को अपने Personal और NEET से संबंधित विवरण को दिखाकर Registration की प्रक्रिया करनी होगी।
जो फीस निर्धारित की गई है वह भरनी होगी तथा इस लंबी चौड़ी प्रक्रिया के पश्चात छात्रो को वह कालेज मिल पायेगा जहाँ से वह एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहते हैं देखिए, मेहनत तो लगेगी पर उम्मीदवार के सपने भी तभी साकार होगें जब मेहनत सही दिशा में की जायेगी।
MBBS में कौन-कौन से सब्जेक्ट होते हैं
कोई भी परीक्षा ऐसी नहीं है जहाँ कोई विषय ना हो औऱ एमबीबीएस में कुल 19 विषय होते हैं जो पूरे कोर्स को करते समय पढ़े जाते हैं चलिए बताते हैं वह विषय कौन से हैं।
Biochemistry | Physiology |
Anatomy | Microbiology |
Pharmacology | Pathology, |
ENT | Forensic medicine |
Community medicine | Dermatology |
Ophthalmology | OBG volume |
Pediatrics | Orthopedic |
Medicine volume 3 | Surgery volume 1 |
Psychiatry Radiology |
पहले वर्ष मे पढ़े जाने वाले विषय:-
MBBS के प्रथम वर्ष में केवल तीन विषयो को पढ़ा जाता है।
-Biochemistry
-Physiology
-Anatomy
दूसरे वर्ष मे पढ़े जाने वाले विषय:-
-Microbiology
-Pharmacology
-Forensic medicine
-Pathology
तीसरे वर्ष मे पढ़े जाने वाले विषय:-
-ENT
-Community medicine
-Ophthalmology
चौथे वर्ष मे पढ़े जाने वाले विषय:-
-Medicine volume 3
-Surgery volume 1
-OBG volume 2
-Pediatrics
-Orthopedic
-Psychiatry
-Radiology
-Dermatology
Biochemistry:- इसमे बायोलॉजी और केमिस्ट्री दोनो पढ़ाई जाती है इसके अन्तर्गत यह बताया जाता है कि जीव जंतुओं में किस प्रकार का केमिकल रिएक्शन होता है इसको समझने के लिए Biochemistry पूर्ण रूप से मदद करती है।
Physiology:- मानव हृदय किस तरह से धड़कता है तथा हमारे शरीर के अंग किस तरह से अपने कार्यो को करते हैं वह सब इस विषय के अन्तर्गत पढ़ाया जाता है।
Anatomy:- एक ऐसा विषय जिसमे विधार्थियों को वनस्पति और जीव जन्तु दोनो के बारे मे ज्ञान कराया जाता है हम यह भी कह सकते हैं कि जीव और जंतु की आंतरिक संरचना के बारे मे पढ़ने को ही एनाटॉमी कहा जाता है।
Microbiology:- आप सभी ने अक्सर घरो मे देखा होगा कि कभी-कभी हमारे खाने की चीज़ो पर या किसी अन्य सामान पर सफेद रुई जैसी कोई चीज़ चिपक जाती है जिसे फंगस कहते है एवं फंगस किस वायरस से लगती है उसे हम नहीं देख सकते परन्तु Microbiology विषय के अन्तर्गत हम उस वायरस के विषय मे पढ़ते हैं।
Pharmacology:- हमारे आसपास कुछ ऐसे पौधे उग जाते हैं या हम अपने बगीचे मे ऐसे पौधे लगाते हैं जिनका उपयोग औषधि बनाने के काम आता है इस तरह के पौधे पर अध्ययन करना ही Pharmacology का काम है।
Forensic Medicine:- आपने कभी कभार फिल्मो मे देखा होगा कि कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती है और उसकी जाँच के आदेश दिए जाते हैं वही जाँच Forensic medicine के अध्ययन से सिखाई व पढ़ाई जाती है।
Pathology:- इसके अन्तर्गत जीव जन्तु व वनस्पतियों की बीमारी व उपचार का अध्ययन किया जाता है।
ENT:- नाक कान गला की समस्याओं का अध्ययन करवाया जाता है।
Ophthalmology:- इसके अन्तर्गत आँखो से सम्बंधित रोगो व दृष्टि का अध्ययन किया जाया है।
Pediatrics:- कहते हैं अगर बड़े बीमार हो तो तुरंत बता देते हैं कि उन्हें क्या तकलीफ है परन्तु छोटे बच्चे कभी नहीं बता पाते इसलिए ऐसे में Pediatrics विषय के अन्तर्गत छोटे बच्चों की बीमारी से सम्बंधित रोगो की जानकारी दी जाती है तथा बच्चों के मन की बात को समझना और उसे महसूस करना इस कोर्स के अन्तर्गत शामिल है।
Orthopedic:- हमारे शरीर में कितनी हडडियाँ हैं और उनकी क्या देखरेख करनी चाहिए अगर टूट जाए तो क्या करें आदि बातो का अध्ययन इसके अन्तर्गत करवाया जाता है।
Psychiatry:- मानव शरीर में एक मस्तिष्क होता है उसके बारे मे पढ़ना व अध्ययन करना इस विषय के अन्तर्गत आता है।
Radiology:- शरीर मे कभी कभार ऐसा कुछ हो जाता है कि डॉक्टर एक्स- रे करने की सलाह देते हैं- यह एक्स-रे क्या है? और कैसे होता है? यही जानकारी हमें Radiology के अध्ययन के अन्तर्गत पढ़ने को मिलती है।
Dermatology:- इसके अन्तर्गत मानव शरीर की त्वचा के विषय मे अध्ययन किया जाता है तथा त्वचा की बीमारियाँ allergies आदि सबकुछ पढ़ाया जाता है।
MBBS में कितने पैसे लगते हैं
कोई भी कोर्स करना आसान नहीं है जहाँ मेहनत लगती है वहीं पैसे भी खर्च होते हैं। MBBS करने के लिए काफी पैसे खर्च हो जाते हैं तथा अलग-अलग संस्थानो की फीस अलग होती है इसलिए हम यहाँ आपको अनुमानित फीस बता देते हैं जो हर जगहा अलग होगी।
डीम्ड विश्वविद्यालयों में मैनेजमेंट कोटा के लिए पूरे साल की फीस 2,11,000/- रु. से 2250,000/- रु. के बीच हो सकती है। वही एम्स की फीस प्रतिवर्ष लगभग 5,856 से 8000 के करीब हैं वहीं आर्मी मेडिकल कॉलेज की फीस लगभग 56,500 से 60,000 के करीब है।
हमारे देश में प्राइवेट सस्थानो की फीस पूरे साल की कम से कम 13 लाख के करीब तो होगी ही बल्कि इससे अधिक पर अगर देखा जाएँ तो लगभग 30 लाख के करीब होगी जो भी विधार्थी एमबीबीएस करने के इच्छुक होते हैं और जिन्हें एमबीबीएस मे प्रवेश मिल जाता है उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ फीस पर भी ध्यान देते रहना होता है क्योंकिं कोर्स है साढ़े पाँच साल का और कोर्स खत्म होने से पहले फीस जमा कराना बहुत आवश्यक होता है।
MBBS के बाद क्या करें
MBBS अपने आप मे एक महत्वपूर्ण डिग्री है इसे करने के बाद कोई भी विधार्थी एक वर्ष तक कहीं भी इंटर्नशिप कर सकता है और उसके बाद किसी अच्छे कालेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त कर नौकरी कर सकता है।
अब यह निर्भर करता है विधार्थी के ऊपर कि वह सरकारी नौकरी करे या प्राइवेट? क्योंकि एबीबीएस करने के बाद कई रोज़गार के विकल्प हमारे सामने खुल जाते हैं जिसके बाद आप जूनियर डॉक्टर, जूनियर फिजीशियन, जूनियर सर्जन, मेडिकल प्रोफेसर या फिर लेक्चरर और एक वैज्ञानिक भी बन सकते है।
एक उम्मीदवार सरकारी अस्पताल, निजी अस्पताल, प्रयोगशाला, बायोमेडिकल कंपनियों, मेडिकल कॉलेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, फार्मास्यूटिकल, बायोटेक्नोलॉजी कहीं भी जाकर काम कर सकता है एमबीबीएस की डिग्री उसके भविष्य को सुनहरा अवसर प्रदान करती है।
MBBS क्यों करना चाहिए
एक ऐसा कम्पलीट कोर्स जिसको करने के बाद शायद ही कोई ऐसा होगा जो रोज़गार के लिए परेशान होगा जी हाँ दोस्तो! एमबीबीएस अपने आप मे एक ऐसी डिग्री है जो किसी भी व्यक्ति को डॉक्टर बना सकती है।
डॉक्टर के लिए हज़ारो लाइने लगी हैं कि वह किस श्रेणी को चुनना चाहता है या आगे कहाँ जाना चाहता है एमबीबीएस करने के बाद उम्मीदवार जूनियर डॉक्टर, जूनियर फिजीशियन, जूनियर सर्जन, मेडिकल प्रोफेसर या लेक्चरर और एक सफल वैज्ञानिक बन सकता है उसके सामने अनेक विकल्प होते हैं और वह अपनी इच्छा से किसी का भी चयन कर सकता है।
MBBS करने के फायदे
हमारे देश में आज भी डॉक्टर को भगवान समझा जाता है और ह़ो भी क्यों ना एक डॉक्टर ही तो उस वक्त मौजूद होता है जब हम अपने मरीज को उसके हाथों में इस विश्वास से सौंपते हैं कि हमारा मरीज़ ठीक हो जायेगा।
जब मरीज ठीक हो जाता है या उसके स्वास्थ्य मे थोड़ा बहुत भी सुधार आता है हम खुशी के मारे उछल पड़ते हैं और हमारे मुख से निकल पड़ता है डॉक्टर साहब आप देवता हो। आपने हमारे मरीज़ को ठीक कर दिया।
एक ऐसा सम्मान जो खरीदा नहीं जा सकता और हर किसी को नहीं मिलता वह डॉक्टर के लिए होता है आप अन्य professions देख लीजिये जहाँ इतना सम्मान या फिर विश्वास किसी को भी नहीं दिया जाता जितना डॉक्टर को मिलता है।
एमबीबीएस डिग्री ना केवल एक विधार्थी को डॉक्टर बनाती है बल्कि एक सभ्य इंसान भी बना देती है जो अपना मुख्य उद्देश्य व धर्म मरीज़ो की सेवा करना समझने लगता है ऐसा सेवा भाव जो मानवता धर्म को परिलक्षित करता हो यही एमबीबीएस करने का फायदा है।
एमबीबीएस करने के बाद कोई भी व्यक्ति बेरोज़गार नहीं रहता उसे अनेक क्षेत्रो में काम करने का अवसर मिल जाता है वह जूनियर डॉक्टर, जूनियर फिजीशियन, जूनियर सर्जन, मेडिकल प्रोफेसर या लेक्चरर या फिर एक सफल वैज्ञानिक बन सकता है।
अगर हम डॉक्टर की सैलरी या कमाई की बात करें तो एक डॉक्टर एमबीबीएस कर लेने के बाद लगभग 40,000 से 60,000 तक कमा सकता है जिसमे रेडियोलॉजिस्ट और एनेस्थेटिस्ट की की सैलरी कम से कम 1 से 2 लाख के बीच मे होती है।
TRP Full Form | ISRO Full Form |
UPSC Full Form | SSC Full Form |
RIP Full Form | ITI Full Form |
PUBG Full Form | LOC Full Form |
अंत में हम यही कहेगें कि एमबीबीएस एक खा़स तरह का कोर्स है जो विधार्थी के जीवन को बदलने मे पूर्णतया सक्षम है तथा एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद एक विधार्थी मे आत्मविश्वास उत्पन्न होता है जो उसे चुनौतियों से लड़ना सिखाता है।
तो दोस्तों अब आप समझ चुके होंगे MBBS का Full Form क्या है और डॉक्टर कैसे बनते हैं क्योंकि हमने इस आर्टिकल में आपको डॉक्टर से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान करने का प्रयास किया है फिर भी अगर किसी प्रकार की कोई चीज छूट जाती है तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते हैं।
तो दोस्तों अगर आपको हमारा यह आर्टिकल किसी भी तरह से मदतगार और ज्ञान से भरपूर लगता है तो आप इसे अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर Share करकें हमारी इस मेहनत को सफल बनाने का प्रयास करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग MBBS का Full Form क्या है और डॉक्टर कैसे बनते हैं इसके बारे में जान सके तो अब अगर आपने यहां तक पढ़ लिया तो एक Share करना बनाता है मेरे दोस्त!!!
हर जानकारी अपनी भाषा हिंदी में सरल शब्दों में प्राप्त करने के हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे जहाँ आपको सही बात पूरी जानकारी के साथ प्रदान की जाती है हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें