भविष्य पुराण- Bhavishya Puran Book

5/5 - (1 vote)

भविष्य यानी के आने वाला कल जो हुआ नहीं है मगर होने वाला है जिसे हर कोई जानना चाहता है व बदलना चाहता है औऱ इंसान वर्तमान में रह कर भविष्य जानने की बहुत अधिक जिज्ञासा रखता है और अगर भविष्यवाणियों में नहीं है विश्वास तो एक बार भविष्य पुराण आपको जरूर पढ़ना चाहिए।

लोग अक्सर यही सोचते हैं कि क्या भविष्य देखना सम्भव है, या टाइम ट्रेवल जैसी कोई चीज़ है? क्या कोई व्यक्ति हज़ारो साल बाद होने वाली कि घटनाओं को देख सकता है इत्यादी।

Bhavishya Puran hindi book pdf Download

इसका जवाब है हां, आज से हज़ारों वर्ष पहले ही हमारे पूर्वज  इस संसार में घटित होने वाली ज़्यादातर घटनाओं का वर्णन कर चुके हैं औऱ आपको यह जान कर ताज्जुब होगा कि महाऋषि वेदव्यास द्वारा रचित भविष्य पुराण में ऐसी कई भविष्यवाणियां है जो बीते हज़ारो सालों में सच साबित हुईं हैं।

और आगे भी हज़ारों सालों तक सच होती रहेंगी परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि भारतवासी विदेशी लोगों की थ्योरी को ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं और सनातन धर्म में पुराणों में लिखी बातों को बिना पढ़े गलत साबित कर देते हैं।

भविष्य पुराण जैसा कि नाम से ही पता लग रहा है यह हमारे आने वाले कल के बारे में बताती हैं इसलिए आपको भविष्य पुराण के बारे में विस्तार पूर्वक जानने के लिए इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक पढ़ना चाहिए ताकि आप भविष्य पुराण के बारे में गहराई से समझ सके और जान सके।

भविष्य पुराण क्या हैं- Bhavishya Puran Hindi

महाऋषि वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में से एक है भविष्य पुराण औऱ इस पुराण का नाम सुन कर ही यह समझ आता है कि इसमें भविष्यवाणी लिखीं होंगी।

सनातन धर्म के विद्वानों का मानना है भविष्य पुराण में 50000 श्लोक हुआ करते थे लेकिन समय के साथ जैसे-जैसे धर्म, गुरुकुल शिक्षा और सनातन सभ्यता का पतन होता गया वैसे-वैसे हज़ारों साल पुराने ग्रंथों, वेदों और पुराणों में लिखी बातें धूमिल होती गईं और पुराणों के ज्यादातर अंश विलुप्त हो गए।

वर्तमान में भविष्य पुराण में सिर्फ 129 अध्याय और 18000 श्लोक बाकी रह गए हैं इसका मतलब ऐसी बहुत सी घटनाए जो घट चुकी हैं और भविष्य में घटने वाली थीं जिसे इंसान पूरी तरह अनभिज्ञ हो चुका है।

भविष्य पुराण में भविष्यवाणी के अलावा भी बहुत कुछ है जैसे विक्रम और बेताल के बीच हुए संवाद की गाथा का वर्णन है साथ ही आयुर्वेद, आदि कालीन भारत के तीर्थ स्थल, धार्मिक उपदेश, व्रत, वृत्तान्त, नित्यकर्म, सनातनी संस्कृति और संस्कार को परिभाषित किया गया है।

भविष्य पुराण में सबसे दिलचस्प हिस्सा यही है कि इसमें भविष्य में होने वाली घटनाओं का साफ स्पष्ट शब्दों में बताया गया है तथा भविष्य पुराण में जिस विस्तार से भारत के आधुनिक इतिहास का वर्णन किया गया है वैसा किसी भी पुराण में नहीं किया गया।

पुराण में बीते इतिहास के बारे में इतनी डिटेल में बातें लिखी गईं है कि इतिहासकारों को भी इतिहास लिखने के लिए भविष्य पुराण से आधार लेना पड़ा है आपको बता दें कि भविष्य पुराण को सौर्य पुराण भी कहते हैं क्योंकि इसमें भगवान सूर्य के आकार, कृपा, महत्व, और सूर्य देव की पूजा उपासना का वर्णन है।

Book Name Sankshipta Bhavishya Puran
Author Gita Press
Language Hindi
Pages
Star Rating 5 out of 5
Buy Amazon
Read Now

भविष्य पुराण में जीसस से लेकर मुहम्मद 

भविष्य पुराण महाभारत काल में लिखी गई थी तब इस संसार में कोई दूसरा धर्म, पंथ, संस्कृति का अस्तित्व नहीं था फिर भी भविष्य पुराण में अल्लाह, मुहम्मद, ईसा मसीह के साथ दुनिया में इस्लाम और ईसाई मजहब की शुरुआत के बारे में वर्णन किया गया है।

ईसा मसीह यानी के जीसस के बारे में भविष्य पुराण में उनके जन्म व हिमालय यात्रा और जीसस की सम्राट शालिवाहन से मुलाकात का जिक्र है।

भविष्य पुराण में कहा गया है कि एक बार सम्राट शालिवाहन लद्दाक की ओर भ्रमण कर रहे थे तभी उनकी नज़र एक ध्यानमग्न व्यक्ति पर पड़ी तब सम्राट ने उस व्यक्ति से पूंछा आप कौन है और कहाँ से आये हैं तो उन्होंने जवाब दिया मेरा नाम ईसा है मैं कुंवारी मां से जन्मा हूं और उस देश से यहां शांति प्राप्त करने के लिए आया हूँ जहां बुराई बढ़ती ही जा रही है।

भविष्य पुराण के प्रतिसर्ग पर्व के खण्ड 3 के दूसरे अध्याय में यह श्लोक है।

_|| म्लेच्छदेश मसीहो८हं समागत:
ईसा मसीह इति च ममनाम प्रतिष्टितम ||

यह इसाह मसीह से सम्राट की भेंट का सिर्फ एक श्लोक है ऐसे कई श्लोक पुराण में लिखे हैं इसी प्रकार मुहम्मद साहब के बारे में भी भविष्य पुराण में विस्तृत रूप में वर्णन है तथा पुराण में उन्हें पिशाच बताया गया है मुहम्मद के लिए लिखे गए श्लोक :- पुराण पर्व 3 खण्ड 3 अध्याय 1 के श्लोक 25,26,27 जो प्रकार हैं-

_लिंड्गच्छेदी शिखाहीनः श्मश्रुधारी सदूषकः,
उच्च लापी सर्वभक्षी भविष्यति जनो ममः।
विना कौलं च पष्वस्तेषां भक्ष्या मतामम_||

संस्कारः कुशेरिव भविष्यति तस्मानुमुस्लवन्तो ही जातियों धर्मदुषका
इतिपैशाचधर्मश्च  भविष्यति मया कृतः
महामद इतिख्यतः शिष्यशाखा समन्वित:
नृपच्श्रेव महादेवम मरुस्थलनिवासिनीम

इसका अर्थ है मरुस्थल यानी के रेगिस्तान से ऐसा पिशाच आएगा जो सर्वभक्षी होगा जिसका लिंग उसके पैदा होने के बाद छेद दिया जाएगा जो खुद को महामद कहेगा और अपना धर्म मुसलमान बताएगा। वह अपने शाखाओं में प्रसिद्ध होगा और रेगिस्तान में रहने वाले भगवान शिव की पूजा करेगा।

भविष्य पुराण में इस्लाम और ईसाई मजहब के बारे में विस्तृत रूप से लिखा है और यह सब वेदव्यास जी ने तभी लिख दिया था जब इन मजहबों की शुरुआत होने में हज़ारों साल बाकी थे।

भविष्य पुराण में गौतम बुद्ध का वर्णन

इतना ही नहीं भविष्य पुराण में गौतम बुद्ध का भी वर्णन है और यह भी कहा गया है कि लाखों आर्यों ने कैसे बुद्ध धर्म अपना लिया लेकिन वेदव्यास अपने उपपुराण नरसिंह पुराण में कहते हैं कि भगवान विष्णु कलयुग में बौध्द का अवतार लेंगे और ठीक इसका उलट भविष्य पुराण में बौद्ध को भी पिशाच बताया जाता है।

आज तक पुराण पढ़ने वाले यह नहीं बता पाए हैं कि आखिर अलग-अलग पुराणों में एक ही व्यक्ति के लिए वेदव्यास ने अलग-अलग बातें क्यों लिखीं इसलिए अधिक गहराई से जानने के लिए आपको इस पुराण को पढ़ना चाहिए।

भारत के आक्रमणकारियों के बारे में भी लिखा है 

भविष्य पुराण में खिलजियों, मुग़लो, आक्रमणकारियों जैसे अल्लाउद्दीन, बाबर, औरंगजेब, चंगेजखान और उनकी सेनाओं के आतंक, चोरी, और अधर्म के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है तथा इन सब का भी जिक्र किया गया है कि कैसे इन आक्रमणकरियों ने भारत के मंदिर तोड़ कर मुर्तिया चुराईं।

साथ ही कैसे हिन्दू और मुसलमानों का युध्द हुआ यह सब पहले ही वेदव्यास ने भविष्य पुराण में लिख दिया था यहां तक की आधुनिक इतिहास की बात करें तो आज़ादी के पहले जब भारत ब्रिटिशों का ग़ुलाम था तब क्वीन विक्टोरिया के बारे में भी बताया गया है। विष्णु पुराण में सिक्ख संतो से लेकर छत्रपति शिवाजी सहित कई वीर योद्धाओं का भी विश्लेषण किया गया है।

भविष्य पुराण में यह कहा गया है कि इस संसार मे संस्कृति और संस्कृत भाषा दोनों का आस्तित्व समाप्त हो जाएगा औऱ लोग रविवार को सन्डे, फाल्गुन को फरवरी और षष्टी को सिक्स बोलेगे तथा विदेसी भाषा संस्कृत पर हावी हो जायगी।

भविष्य पुराण में कलयुग के बारे में क्या लिखा

भविष्य पुराण में कलयुग के बारे में जो लिखा है वह जानकर आपका सिर चकरा जाएगा क्योंकि वेदव्यास द्वारा लिखे गए भविष्य पुराण में कलयुग को लेकर जो लिखा गया है वर्तमान में कुछ वैसा ही होने लगा है।

भविष्य पुराण में लिखा है कि कलयुग में वेदों को नहीं माना जाएगा, विवाह को धर्म नहीं माना जाएगा, शिष्य गुरु की इज्जत नहीं करेंगे, बेटा बाप की सेवा नहीं करेगा न ही पुत्र धर्म अपनाएगा, जो बलवान होगा वही सबका स्वामी होगा, लोग अपनी कन्या बेंच कर पैसे कमाएंगे, वेद व्यास कहते हैं कि कलयुग में थोड़े से ही पैसों का इंसान को घमंड होगा, स्त्रियों को धनी लोग ही अच्छे लगेंगे और वह गरीब पुरुषों को त्याग देंगी, दान पुण्य नहीं होगा, बुद्धि सिर्फ पैसों को जुटाने में होगी।

पुराण में लिखा है कि कलयुग की प्रजा हमेशा मानसिक अवसाद से पीड़ित होगी इसके अलावा बाढ़, सूखे और युद्ध भय से प्रजा भयभीत रहेगी। कलयुग में सदा अकाल पड़ता रहेगा, वर्षा होना बंद हो जाएगी, राजा प्रजा लो लूटेगा, कम उम्र की लड़कियां बच्चा पैदा करेगीं, मनुष्य की उम्र धीरे-धीरे कम होती जाएगी औऱ भगवान की भक्ति ऐसी होगी जिसका कोई विधान नहीं है।

ऐसा कहा गया है कि धरती में मनुष्यों के कारण महाप्रलय आएगा औऱ चोर-चोर को मरेगा, हत्यारों की भी हत्या होगी और लोग बुढ़ापे से परेशान रहेंगे ऐसी अनेकों बातें इस पुराण में विस्तार से बताई गई है जिसके लिए आपको भविष्य पुराण को पढ़ना चाहिए।

धरती का अंत कैसे होगा

भविष्य पुराण और श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार जब धरती में जीवन का अंत होगा तब गंगा नदी धरती से सुख जाएगीं, खेत उपजाऊ नहीं रहेगें, गर्मी इतनी बढ़ जाएगी की पीने के लिए पानी नहीं होगा और धरती जलमग्न हो जाएगी।

यह सब कलयुग के 10 हज़ार साल बाद होगा तब विष्णु भगवान के अवतार कल्कि का जन्म होगा जो सारे बुरे लोगों का सर्वनाश कर देगा औऱ जब कल्कि अवतार होगा तब इंसान की उम्र 20 वर्ष और कद बोना हो जाएगा।

जिस प्रकार धरती पर मनुष्य जीवन के अंत के बारे में भविष्य पुराण में लिखा गया है अगर उसे वर्तमान की परिस्थितियों से जोड़ कर देखें तो वह सही साबित होती हैं।

क्योंकि गंगा नदी बीते कई सालों में काफी ज्यादा दूषित और सुख चुकी है, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है इसका परिणाम भविष्य में मानव जाति को भुगतना ही पड़ेगा तथा कल्कि अवतार का सम्बद्ध हम काले साये से भी कर सकते हैं शायद भविष्य में पृथ्वी में ऐसे बदलाव हो जाएं कि धरती में अंधेरा छा जाए।

आपको भविष्य पुराण क्यों पढ़ना चाहिए

भविष्य पुराण सहित बाकी पुराण और ग्रंथ कुछ पन्नो की छोटी सी किताब नहीं है यह सनातन धर्म के बुद्धिमान पूर्वजों की महानता की एक गाथा है जिसमे उन्होंने अपना ज्ञान आने वाली पीठि के लिए लिखा है।

परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि विदेशी आक्रमणकारियों ने सनातन धर्म की लाखों ऐसी किताबों, वेदों, पुराणों और ग्रंथो को नष्ट कर दिया औऱ अगर आज वह हमारे पास होतीं तो भारत पहले की तरह विश्वगुरु होता।

भविष्य पुराण इतना व्यापक है कि इसका सम्पूर्ण सारांश किसी लेख में उकेरा नहीं जा सकता इसलिए इस पुराण को गहराई से जानने के लिए इसे पढ़ना होगा क्योंकि वेदों व पुराणों से ज्यादा ज्ञान इस संसार की किसी भी किताब में नहीं है।

कहाँ मिलेगी भविष्य पुराण

बदलते समय के साथ-साथ लोगों ने इस पुराण को भी कई हिस्सों से तोड़ा मरोड़ा है देखा जाए तो रामायण भी अलग-अलग प्रकार की है जिसमे लेखक ने कई घटनाओं में अपने मन से बदल दिया है।

वर्तमान समय में सम्पूर्ण पुराण मिलना तो मुमकिन नहीं है मगर शेष 18500 श्लोक की भविष्य पुराण गीताप्रेस, या फिर आपके शहर में किसी धार्मिक किताब बेचने वाली दुकान में मिल सकती है तथा गूगल प्ले स्टोर और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट में भी भविष्य पुराण डाऊनलोड किए जा सकते हैं।

हम उम्मीद करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और इसे आपको जरूर मद्त मिली होगी तो अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो उसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और आप कोई सवाल है तो हमे कमेंट करें

हर जानकारी अपनी भाषा हिंदी में सरल शब्दों में प्राप्त करने के हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे जहाँ आपको सही बात पूरी जानकारी के साथ प्रदान की जाती है हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें.

My Name is HP Jinjholiya In 2015, I Started Working as a Blogger on Blogspot After that in 2017 created NewsMeto.com Now I am a Versatile Professional With Experience in Blogging, Youtuber, Digital Marketing & Content Creator. I Conduct Thorough Research and Produce High-Quality Content for Our Readers. Every Piece of Content Is Based on My Extensive Expertise and In-Depth Research.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.