Chandan Yatra Blast: 29 मई 2024 रात पूरी धाम में चंदन यात्रा के दौरान एक भयंकर विस्फोट हुआ जिसने सभी जगन्नाथ भक्तों को स्तब्ध कर दिया। महाप्रभु जगन्नाथ जब नरेंद्र सरोवर के जल में नौका विहार कर रहे थे तब अचानक हजारों भक्तों के बीच एक विस्फोट हुआ जिसमें कई लोग मारे गए और अनेकों गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना से दो दिन पूर्व ही उड़ीसा का आकाश रक्त की तरह लाल हो गया था जो भविष्य मालिका में वर्णित है।
क्या यह महाप्रभु जगन्नाथ का क्रोध था या महज एक दुर्घटना? यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है। चंदन यात्रा के नियमों के साथ छेड़छाड़ और प्रशासन की लापरवाही इस त्रासदी के प्रमुख कारण माने जा रहे हैं परंतु क्या यह सिर्फ एक संयोग था या इसके पीछे कुछ और बड़ा सच छिपा है? इस घटना ने भविष्य मालिका की भविष्यवाणियों को भी एक बार फिर चर्चा में ला दिया है।
Chandan Yatra Blast
चंदन यात्रा का महत्व महाप्रभु जगन्नाथ जी के लिए विशेष है। पद्म पुराण के उत्कल खंड में बताया गया है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर महाप्रभु को चंदन का लेप किया जाता है ताकि उन्हें गर्मी से राहत मिले।
इस परंपरा के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन से शुरू होकर यह यात्रा 42 दिनों तक चलती है जो उड़ीसा का सबसे पुराना और लंबा त्यौहार है इस त्यौहार के दौरान महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को चंदन का लेप कर पवित्र नरेंद्र सरोवर में नौका विहार करवाया जाता है।
यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी रखती है हजारों भक्त इस यात्रा में शामिल होकर महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं चंदन यात्रा उड़ीसा की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग है जो सदियों से चली आ रही है।
Chandan Yatra Blast का कारण
29 मई 2024 की रात को जब महाप्रभु जगन्नाथ नरेंद्र सरोवर में नौका विहार कर रहे थे तब अचानक एक भयंकर विस्फोट हुआ इस हादसे में 30 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और तीन की मृत्यु हो गई।
विस्फोट का कारण नरेंद्र सरोवर के परिसर में रखे पटाखों में लगी आग बताया गया है यह घटना प्रशासन और सेवायत के द्वारा चंदन यात्रा के नियमों के साथ छेड़छाड़ और लापरवाही का परिणाम मानी जा रही है।
चंदन यात्रा के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी और पटाखों के सुरक्षित भंडारण में हुई गलती इस त्रासदी के प्रमुख कारण हैं। प्रशासन की इस लापरवाही ने न केवल इस पवित्र उत्सव को कलंकित किया बल्कि भक्तों के जीवन को भी खतरे में डाल दिया।
भक्तों का मानना है कि महाप्रभु जगन्नाथ जी का क्रोध इस घटना का मुख्य कारण है चंदन यात्रा के नियमों के साथ छेड़छाड़ और पूजा में देरी जैसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं लेकिन इस बार की लापरवाही ने स्थिति को अत्यंत गंभीर बना दिया है।
जगन्नाथ जी का क्रोध
इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि चंदन यात्रा के दौरान ऐसा भयंकर हादसा हुआ है भक्तों का मानना है कि यह महाप्रभु जगन्नाथ के क्रोध का संकेत है। चंदन यात्रा के नियमों का उल्लंघन, पूजा में देरी और रत्न भंडार के मुद्दे पर भक्तों को अंधकार में रखना इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। महाप्रभु जगन्नाथ की परंपराओं और नियमों के साथ हुई छेड़छाड़ ने उनके क्रोध को बढ़ा दिया है।
भविष्य मालिका जो 600 वर्ष पुरानी एक ग्रंथ है के अनुसार जब आकाश लाल होता है तो यह महाप्रभु के क्रोध का संकेत होता है और यह संसार के लिए संकट का सूचक है इस बार चंदन यात्रा के दौरान उड़ीसा का आकाश रक्त की तरह लाल हो गया था जो भविष्यवाणियों के सटीक होने का प्रमाण माना जा रहा है भक्तों का मानना है कि महाप्रभु जगन्नाथ ने अपने क्रोध का इशारा दिया है और यह घटना उसी का परिणाम है।
इस हादसे ने भक्तों में भय और अंधविश्वास को बढ़ा दिया है वे मानते हैं कि अगर महाप्रभु जगन्नाथ के नियमों का पालन नहीं किया गया तो ऐसी और भी घटनाएं हो सकती हैं यह महज एक हादसा नहीं बल्कि महाप्रभु का संकेत है कि हमें अपने कर्तव्यों और परंपराओं का पालन करना चाहिए।