Aarti Shiv Ji Ki Lyrics- शिव जी आरती हिंदी में पढ़े

Aarti Shiv Ji Ki Lyrics Hindi me

Aarti Shiv Ji Ki Lyrics:- हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहारों और उत्सव के साथ-साथ दैनिक जीवन में भी सुबह तथा शाम भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और इस पूजा अर्चना में आरती महत्वपूर्ण भाग होता है इसलिए अगर आप “Aarti Shiv Ji Ki” लिखी हुई आरती ढूंढ रहे हैं तो यहां पर आपको पूरी लिखी हुई आरती मिलने वाली है।

दरसल, आज हर कोई पूजा अर्चना करते समय आरती को अपने मोबाइल फोन पर लगाकर सुनते हैं औऱ पूजा-अर्चना करते हैं जबकि अधिकतर लोग पूजा अर्चना करने की चलती आ रही परंपरा का पालन करते हैं और पूजा अर्चना करते हुए खुद ही आरती करते हैं।

Aarti Shiv Ji Ki Lyrics Hindi me

परंतु हर किसी को संपूर्ण आरती याद हो ऐसा नहीं होता है इसलिए बहुत सारे लोग Aarti Shiv Ji Ki Lyrics को पढ़कर अच्छी तरह भगवान की आरती करते हैं जिससे उन पर भगवान की विशेष कृपा बनी रहे और यही पूजा अर्चना करने का उत्तम तरीका माना जाता है।

और कई बार आरती करते समय हम आरती भूल जाते हैं इसलिए भी हम पहले से लिखी हुई आरती अपने सामने रखते हैं ताकि हम से किसी प्रकार की कोई चूक न हो और हम विधि-विधान से भगवान की पूजा कर सके जिसके बाद ही हमें पूजा का फल मिलता है तो चलिए हम आपको Aarti Shiv Ji Ki Lyrics हिंदी और इंग्लिश दोनों में प्रदान कर रहे हैं आपको जो ज्यादा आसान और सरल लगे आप उसका इस्तेमाल करके अपनी प्राथना कर सकते हैं।

Aarti Shiv Ji Ki Lyrics- हिंदी

ॐ जय शिव ओंकारा
प्रभु हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे
स्वामी पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज ते सोहे
स्वामी दस भुज ते सोहे
तीनो रूपनिरखता
तीनो रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

यक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी
स्वामी मुण्डमाला धारी
चंदन मृगमद चंदा
चंदन मृगमद चंदा भाले शुभकारी
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे
स्वामी बाघम्बर अंगे
ब्रह्मादिक सनकादिक
ब्रह्मादिक सनकादिक भूतादिक संगे
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

कर मध्य कमंडल चक्र त्रिशूल धर्ता
स्वामी चक्र त्रिशूल धर्ता
जगकर्ता जगभर्ता
जगकर्ता जगभर्ता जग पालनकर्ता
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका
स्वामी जानत अविवेका
प्रणवाक्षर के मध्ये
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

त्रिगुण स्वामी जी की आरती जो कोई जन गावे
स्वामी जो कोई जन गावे
कहत शिवानन्द स्वामी
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥

ॐ जय शिव ओंकारा
प्रभु हर शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
॥ ॐ जय शिव ओंकारा ॥


Aarti Shiv Ji Ki Lyrics- इंग्लिश में

Om Jai Shiv Omkara
Prabhu har Shiv Omkara
Brahma vishnu sadashiv
Brahma vishnu sadashiv ardhangi dhara
Om Jai Shiv Omkara

Ekanan chaturanan panchanan raje
Swami panchanan raje
Hansasan garudasan
Hansasan garudasan vrishvahan saj
Om Jai Shiv Omkara

Do bhuj chaar chaturbhuj dashbhuj te sohe
Swami dashbhuj te sohe
Trigun roop nirakhate
Trigun roop nirakhata tribhuvan jan mohe
Om Jai Shiv Omkara

Akshmala vanmala mundmala dhari
Swami mundmala dhari
Chandan mrigmad chanda
Chandan mrigmad chanda bhole shubhkari
Om Jai Shiv Omkara

Shvetambar peetambar baghambar ange
Swami baghambar ange
Bhrahmadik Sankadik bhootadik sange
Om Jai Shiv Omkara

Kar madhya kamandalu chakra trishuldharta
Swami chakra trishuldharta
Jag karta Jag bharta
Jag karta Jag bharta Jagpaalankarta
Om Jai Shiv Omkara

Brahma Vishnu Sadashiv janat aviveka
Swami janat aviveka
Pranavakshar ke madhye yeh teeno eka
Om Jai Shiv Omkara

Trigunswamiji ki aarti jo koi jan gaave
Swami jo koi jan gaave
Kahat Shivanand swami
Kahat Shivanand swami manvanchhit phal paave
Om Jai Shiv Omkara

Om Jai Shiv Omkara
Prabhu har Shiv Omkara
Brahma vishnu sadashiv
Brahma vishnu sadashiv ardhangi dhara
Om Jai Shiv Omkara


आरती खड़े होकर क्यों की जाती हैं?

– आरती हिंदू धर्म की अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन समय से चलती आ रही परंपरा है और इसके बिना पूजा अर्चना को अधूरा माना जाता है इसलिए हमेशा पूजा या प्रार्थना की समाप्ति के बाद ही आरती करना श्रेष्ठ माना जाता है सामान्य परिस्थितियों में आरती को खड़े होकर करना या थोड़ा झुककर करना उत्तम माना जाता है

लेकिन अगर आपके सेहत व स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या है जिसके कारण आप खड़े होकर आरती नहीं कर सकते तो आप बैठकर भी आरती कर सकते हैं हालांकि सबसे महत्वपूर्ण आपकी शरदा है यह नहीं है कि आप खड़े होकर या बैठकर भगवान की पूजा अर्चना करते हैं आप चाहे खड़े हो या बैठे हो सबसे जरूरी है कि भगवान के प्रति आपकी शारदा!

आरती करने का सही समय क्या होता है

– पूजा अर्चना का एक महत्वपूर्ण भाग होता है देवी देवताओं की की जाने वाली आरती और हर धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद उस अनुष्ठान से संबंधित भगवान की प्रार्थना की जाती है हालांकि हिंदू धर्म में पाठ पूजा को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं

अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं तो आपको पूजा का फल अवश्य मिलता है इसलिए आपको आरती करने का सही समय का चयन भी करना चाहिए सनातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त और गोधूलि बेला पूजन के लिए उपयुक्त बताए गए हैं इसलिए सुबह और शाम प्रतिदिन आरती करनी चाहिए।

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भगवान की पूजा में आरती क्यों महत्वपूर्ण है

-आरती पूजा की वह विधि है, जिसे करने पर पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है और आराध्य देवी–देवता की कृपा बरसती है आरती को ‘आरार्तिक‘ और ‘नीराजन‘ भी कहा जाता है पुराणों में आरती की महिमा का गुणगान करते हुए कहा गया है कि यदि कोई मंत्र आदि नहीं जानता हो तो वह श्रद्धापूर्वक उस पूजा–अनुष्ठान का पूरा फल प्राप्त कर सकता है।

ईश्वर की साधना के लिए की जाने वाली आरती आम तौर पर घरों में सुबह–शाम की जाती है लेकिन इसे दिन भर में एक से पांच बार की जा सकती है तथा आरती को हमेशा ऊंचे स्वर और एक ही लय ताल में गाया जाता है ऐसा करने पर पूजा स्थल का पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है और मन को सुकून देने वाला होता है।

आरती कितने प्रकार से की जाती है

आरती मुख्य रूप से पांच प्रकार से की जाती है जिसमें पहली दीपमाला से, दूसरी जल से भरे शंख से, तीसरी धुले हुए वस्त्र से, चौथी आम और पीपल आदि के पत्तों से और पांचवीं साष्टांग अर्थात शरीर के पांचों भाग (मस्तिष्क, हृदय, दोनों कंधे, हाथ व घुटने) से इस प्रकार पंच-प्राणों की प्रतीक आरती मानव शरीर के पंच-प्राणों की प्रतीक मानी जाती है।

हमने आपको यहां पर Aarti Shiv Ji Ki Lyrics हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषाओं में प्रदान की है आपको जो भी सरल व आसान लगती है जिसे आप आसानी से समझ कर गुनगुना सकते हैं आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं हालांकि हमने सभी जानकारी यहां पर प्रदान करने का प्रयास किया है परंतु फिर भी कुछ छूट जाता है तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं

तो दोस्तों अगर आपको हमारा यह आर्टिकल किसी भी तरह से मदतगार और ज्ञान से भरपूर लगता है तो आप इसे अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर Share करकें हमारी इस मेहनत को सफल बनाने का प्रयास करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग Aarti Shiv Ji Ki Lyrics इसके बारे में जान सके तो अब अगर आपने यहां तक पढ़ लिया तो एक Share करना बनाता है मेरे दोस्त!!!

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HP Jinjholiya
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