Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics- साईं बाबा की आरती हिंदी में

Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics:- हिंदू धर्म में विभिन्न त्योहारों और उत्सव के साथ-साथ दैनिक जीवन में भी सुबह तथा शाम भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और इस पूजा अर्चना में आरती महत्वपूर्ण भाग होता है इसलिए अगर आप “Aarti Sai Baba Ji Ki” लिखी हुई आरती ढूंढ रहे हैं तो यहां पर आपको पूरी लिखी हुई आरती मिलने वाली है।

दरसल, आज हर कोई पूजा अर्चना करते समय आरती को अपने मोबाइल फोन पर लगाकर सुनते हैं औऱ पूजा-अर्चना करते हैं जबकि अधिकतर लोग पूजा अर्चना करने की चलती आ रही परंपरा का पालन करते हैं और पूजा अर्चना करते हुए खुद ही आरती करते हैं।

Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics Hindi me

परंतु हर किसी को संपूर्ण आरती याद हो ऐसा नहीं होता है इसलिए बहुत सारे लोग Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics को पढ़कर अच्छी तरह भगवान की आरती करते हैं जिससे उन पर भगवान की विशेष कृपा बनी रहे और यही पूजा अर्चना करने का उत्तम तरीका माना जाता है।

और कई बार आरती करते समय हम आरती भूल जाते हैं इसलिए भी हम पहले से लिखी हुई आरती अपने सामने रखते हैं ताकि हम से किसी प्रकार की कोई चूक न हो और हम विधि-विधान से भगवान की पूजा कर सके जिसके बाद ही हमें पूजा का फल मिलता है तो चलिए हम आपको Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics हिंदी और इंग्लिश दोनों में प्रदान कर रहे हैं आपको जो ज्यादा आसान और सरल लगे आप उसका इस्तेमाल करके अपनी प्राथना कर सकते हैं।

Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics- हिंदी

आरती श्री साईं गुरुवर की,परमानन्द सदा सुरवर की।

जा की कृपा विपुल सुखकारी,दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥

आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।

शिरडी में अवतार रचाया,चमत्कार से तत्व दिखाया।

कितने भक्त चरण पर आये,वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥

आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।

भाव धरै जो मन में जैसा,पावत अनुभव वो ही वैसा।

गुरु की उदी लगावे तन को,समाधान लाभत उस मन को॥

आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।

साईं नाम सदा जो गावे,सो फल जग में शाश्वत पावे।

गुरुवासर करि पूजा-सेवा,उस पर कृपा करत गुरुदेवा॥

आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।

राम, कृष्ण, हनुमान रुप में,दे दर्शन, जानत जो मन में।

विविध धर्म के सेवक आते,दर्शन कर इच्छित फल पाते॥

आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।

जै बोलो साईं बाबा की,जै बोलो अवधूत गुरु की।

‘साईंदास’ आरती को गावै,घर में बसि सुख, मंगल पावे॥

आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।

Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics- हिंदी-2

ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥
शिरडी में अवतरे, ॐ जय साईं हरे॥
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।।

दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे।
फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥
कारज सब के करें, ॐ जय साईं हरे ॥
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।।

काकड़ आरत भक्तन गावें, गुरु शयन को चावड़ी जावें।
सब रोगों को उदी भगावे, गुरु फकीरा हमको भावे॥
भक्तन भक्ति करें, ॐ जय साईं हरे ॥
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।।

हिंदू मुस्लिम सिक्ख इसाईं, बौद्ध जैन सब भाई भाई।
रक्षा करते बाबा साईं, शरण गहे जब द्वारिकामाई॥
अविरल धूनि जरे, ॐ जय साईं हरे ॥
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।।

भक्तों में प्रिय शामा भावे, हेमडजी से चरित लिखावे।
गुरुवार की संध्या आवे, शिव, साईं के दोहे गावे॥
अंखियन प्रेम झरे, ॐ जय साईं हरे ॥
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।।

ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
शिरडी साईं हरे, बाबा ॐ जय साईं हरे॥
श्री सद्गुरु साईंनाथ महाराज की जय॥

Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics- हिंदी-3

आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा।
चरणों के तेरे हम पुजारी बाबा।।
विद्या बल बुद्धि, बंधु माता पिता हो।
तन मन धन प्राण, तुम्ही सखा हो।।
हे जगदाता अवतारे, सांई बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा।।

ब्रह्म के सगुण अवतार तुम स्वामी।
ज्ञानी दयावान प्रभु अंतरयामी।।
सुन तो विनती हमारी सांई बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा।।

आदि हो अनंत त्रिगुणात्मक मूर्ति।
सिंधु करुणा के हो उद्धारक मूर्ति।।
शिरडी के संत चमत्कारी सांई बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा।।

भक्तों की खातिर जनम लिए तुम।
प्रेम ज्ञान सत्य स्नेह, मरम दिए तुम।।
दुखिया जनों के हितकारी सांई बाबा।
आरती उतारे हम तुम्हारी सांई बाबा।।


Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics- इंग्लिश में

Aarati Sai Baba…
Saukhyadatara Jiva, charanarajatali
Dyava dasa visava, bhakta visava
Aarati Sai Baba…

Jaluniya ananga
Sasvarupi rahe danga
Mumuksha janan davi.
Nija dola Shriranga, dola Shriranga
Aarati Sai Baba…

Jaya mani jaisa bhava
Tayataisa anubhava
Davisi dayaghana,
Aisi tuzi he mava, tuzi he mava
Aarati Sai Baba…

Tumache nama dhyata
Hare Sansruthivyatha
Agadha Tava karani
Marga davisi anatha, davisi anatha
Aarati Sai Baba…

Kaliyuga avatara,
Saguna Brahma sachara
Avatirna zalase
Swami Dutta Digambara, Dutta Digambara.
Aarati Sai Baba…

Athan Divasa Gurvari
Bhakta kariti vari
Prabhupada Pahavaya
Bhava Bhayanivari, bhayanivari.
Aarati Sai Baba…

Maza nijadravya theva,
Thava charana raja seva
Maghane hechi aata,
Tumhan devadideva, devadideva.
Aarati Sai Baba…

Ichita Dina chatak
Nirmala toya nijasukha
Pajaven Madhava Ya
Sambhala apuli bhaka, apuli bhaka.
Aarati Sai Baba…


आरती खड़े होकर क्यों की जाती हैं?

– आरती हिंदू धर्म की अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन समय से चलती आ रही परंपरा है और इसके बिना पूजा अर्चना को अधूरा माना जाता है इसलिए हमेशा पूजा या प्रार्थना की समाप्ति के बाद ही आरती करना श्रेष्ठ माना जाता है सामान्य परिस्थितियों में आरती को खड़े होकर करना या थोड़ा झुककर करना उत्तम माना जाता है

लेकिन अगर आपके सेहत व स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या है जिसके कारण आप खड़े होकर आरती नहीं कर सकते तो आप बैठकर भी आरती कर सकते हैं हालांकि सबसे महत्वपूर्ण आपकी शरदा है यह नहीं है कि आप खड़े होकर या बैठकर भगवान की पूजा अर्चना करते हैं आप चाहे खड़े हो या बैठे हो सबसे जरूरी है कि भगवान के प्रति आपकी शारदा!

आरती करने का सही समय क्या होता है

– पूजा अर्चना का एक महत्वपूर्ण भाग होता है देवी देवताओं की की जाने वाली आरती और हर धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण होने के बाद उस अनुष्ठान से संबंधित भगवान की प्रार्थना की जाती है हालांकि हिंदू धर्म में पाठ पूजा को लेकर कई सारे नियम बताए गए हैं

अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं तो आपको पूजा का फल अवश्य मिलता है इसलिए आपको आरती करने का सही समय का चयन भी करना चाहिए सनातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त और गोधूलि बेला पूजन के लिए उपयुक्त बताए गए हैं इसलिए सुबह और शाम प्रतिदिन आरती करनी चाहिए।

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भगवान की पूजा में आरती क्यों महत्वपूर्ण है

-आरती पूजा की वह विधि है, जिसे करने पर पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है और आराध्य देवी–देवता की कृपा बरसती है आरती को ‘आरार्तिक‘ और ‘नीराजन‘ भी कहा जाता है पुराणों में आरती की महिमा का गुणगान करते हुए कहा गया है कि यदि कोई मंत्र आदि नहीं जानता हो तो वह श्रद्धापूर्वक उस पूजा–अनुष्ठान का पूरा फल प्राप्त कर सकता है।

ईश्वर की साधना के लिए की जाने वाली आरती आम तौर पर घरों में सुबह–शाम की जाती है लेकिन इसे दिन भर में एक से पांच बार की जा सकती है तथा आरती को हमेशा ऊंचे स्वर और एक ही लय ताल में गाया जाता है ऐसा करने पर पूजा स्थल का पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है और मन को सुकून देने वाला होता है।

आरती कितने प्रकार से की जाती है

आरती मुख्य रूप से पांच प्रकार से की जाती है जिसमें पहली दीपमाला से, दूसरी जल से भरे शंख से, तीसरी धुले हुए वस्त्र से, चौथी आम और पीपल आदि के पत्तों से और पांचवीं साष्टांग अर्थात शरीर के पांचों भाग (मस्तिष्क, हृदय, दोनों कंधे, हाथ व घुटने) से इस प्रकार पंच-प्राणों की प्रतीक आरती मानव शरीर के पंच-प्राणों की प्रतीक मानी जाती है।

हमने आपको यहां पर Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषाओं में प्रदान की है आपको जो भी सरल व आसान लगती है जिसे आप आसानी से समझ कर गुनगुना सकते हैं आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं हालांकि हमने सभी जानकारी यहां पर प्रदान करने का प्रयास किया है परंतु फिर भी कुछ छूट जाता है तो आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं

तो दोस्तों अगर आपको हमारा यह आर्टिकल किसी भी तरह से मदतगार और ज्ञान से भरपूर लगता है तो आप इसे अपने सभी दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर Share करकें हमारी इस मेहनत को सफल बनाने का प्रयास करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग Aarti Sai Baba Ji Ki Lyrics इसके बारे में जान सके तो अब अगर आपने यहां तक पढ़ लिया तो एक Share करना बनाता है मेरे दोस्त!!!

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HP Jinjholiya
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