हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा हैं जोकि दुनिया मे सबसे अधिक बोली जाने वाली तीसरे नंबर की भाषा हैं हिंदी हमारी मुख्य भाषा है इसलिए बचपन से ही हमें हिंदी वर्णमाला(Varanamala) व हिंदी अल्फाबेट(Hindi Alphabet) का ज्ञान हो जाता हैं हालांकि भारत मे कई सारी भाषाएँ बोली जाती हैं।
हमारे भारत मे कुल 22 भाषाएँ बोली जाती हैं लेक़िन भारत की मुख्य भाषा हिंदी हैं जिसकी सबसे ख़ास बात है कि हिंदी भाषा जैसे बोली जाती है वैसे ही लिखी जाती है साथ ही हिंदी एक प्राचीन भाषा भी हैं जो लगभग 2000 साल पुरानी हैं।
इसलिए हिंदी भाषा न केवल भारत मे बल्कि दुनिया के कई देशों में भी बोली जाती हैं जैसे पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लोदश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, चीन, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मॉरिशस, यमन, युगांडा और त्रिनाड एंड टोबैगो, कनाडा आदि
वैसे तो हिंदी भाषा को सीखना बहुत आसान हैं परंतु आज के आधुनिक दौर में इंग्लिश भाषा पर अधिक ज़ोर दिया जाता हैं जिसके कारण बच्चों को हिंदी वर्णमाला(Varanamala) व हिंदी अल्फाबेट(Hindi Alphabet) सीखनें में बहुत परेशानी होती हैं।
इसलिए हिंदी भाषा सीखनें के लिए आपको हिंदी वर्णमाला व हिंदी अल्फाबेट(Hindi Alphabet) का ज्ञान होना चाहिए इसलिए आज आपको हिंदी वर्णमाला की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है जहां आपको हिंदी व्याकरण से लेकर हिंदी कैसे बोलें और पढ़ें इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जायेगी।
हिंदी वर्णमाला सीखें
Hindi Varnamala को बोलने औऱ लिखने के सही तरीक़े को जाने के लिए आपको सबसे पहले हिंदी व्याकरण के ज्ञान की आवश्यकता होती हैं जिसे हिंदी भाषा पर आपकी पकड़ मजबूत होती हैं और आप आसनी से हिंदी सीख जाते है।
इसलिए हम आपको Hindi Varnamala के महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिसे आपको Hindi Alphabet के नियमों की जानकारी प्राप्त होंगी औऱ यह हिंदी सीखनें का अच्छा तरीका है।
Hindi Varnamala क्या हैं
हिंदी के वर्ण यानी Hindi Alphabet के समहू या वर्णों को व्यवस्थित करने के तरीक़े को वर्णमाला कहा जाता हैं जैसे अ आ इ ई उ……….ह को देवनागरी वर्णमाला(Varanamala) कहा जाता हैं और वर्ण भाषा की वह सबसे छोटी इकाई या भाषा की सबसे छोटी ध्वनि होती है जिसके टुकड़े न किये जा सकें उसे वर्ण कहते हैं।
Hindi Varnamala को उच्चारण और लेखन के आधार पर बाँटा गया हैं इसलिए Hindi Alphabet में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं जिसमें 10 स्वर औऱ 35 व्यंजन होते हैं औऱ लेखन के आधार 52 वर्ण होते हैं जिसमें 13 स्वर, 35 व्यंजन औऱ 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
इसलिए Hindi Varnamala के दो भागों हैं जिसे स्वर और व्यजंन कहा जाता हैं अब आपको यहां स्वर और व्यजंन क्या हैं और यह कितने प्रकार के हैं इसके बारे में जाना आवश्यक हैं।
स्वर क्या होता हैं
वह वर्ण जिनके उच्चारण में किसी दूसरे वर्ण की आवश्यकता नहीं होती यानी जो स्वतंत्र रूप से बोले जाते है उन्ह वर्णों को स्वर कहा जाता हैं
उच्चारण के आधार पर स्वर |
अ, आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ आदि |
लेखन के आधार पर स्वर |
अ, आ, इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , अं , अ: , ऋ आदि |
स्वर के प्रकार
हिंदी व्याकरण की दृष्टि से स्वर तीन प्रकार के होते हैं जिन्हें उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर बांटा गया हैं जो इस प्रकार हैं
ह्रस्व स्वर-
जिन स्वरों के उच्चारण में बहुत कम समय लगता है उन्हें ‘ह्रस्व स्वर’ कहते हैं जिसके उदाहरण हैं जैसे- अ, इ, उ आदि
दीर्घ स्वर-
जिन स्वरों के उच्चारण में ‘ह्रस्व स्वरों’ से अधिक समय लगता है उन्हें ‘दीर्घ स्वर’ कहते हैं जिसके उदाहरण हैं जैसे- आ, ई, ऊ आदि
प्लुत स्वर-
जिन स्वरों के उच्चारण में सबसे अधिकतम समय लगता है उन्हें ‘प्लुत स्वर’ कहते हैं जिसका उदाहरण हैं जैसे- ओउम्
व्यंजन क्या होता हैं
वह वर्ण जिनके उच्चारण में स्वरों का इस्तेमाल होता हैं मतलब वह वर्ण जो स्वरों की मदत से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं इसलिए हर व्यंजन को बोलने के लिए अ का इस्तेमाल किया जाता हैं हिंदी वर्णमाला में 35 व्यंजन होते हैं जो इस प्रकार हैं।
क , ख , ग , घ , ङ |
च , छ , ज , झ , ञ |
ट , ठ , ड , ढ , ण ( ड़ ढ़ ) |
त , थ , द , ध , न |
प , फ , ब , भ , म |
य , र , ल , व् |
श , ष , स , ह |
व्यंजन के प्रकार
स्पर्श व्यंजन
वह व्यंजन जो उच्चारण करते समय यानी बोलते समय जीभ का मुंह के किसी भी भाग को छूना स्पर्श व्यंजन कहलाते हैं औऱ स्पर्श व्यंजन के से म तक होते हैं जिसमें पांच वर्ग होते है और पाँचो गर्वो में पांच अक्षर Hindi Alphabet होते हैं जो इस प्रकार हैं।
कवर्ग : क , ख , ग , घ , ङ |
चवर्ग : च , छ , ज , झ , ञ |
टवर्ग : ट , ठ , ड , ढ , ण |
तवर्ग : त , थ , द , ध , न |
पवर्ग : प , फ , ब , भ , म |
अंतः स्थ व्यंजन
यह व्यंजन चार होते है-य , र , ल , व्
उष्म व्यंजन
वह व्यंजन जो उच्चारण करते समय यानी बोलते समय ऊष्मा पैदा करते है और मुँह से गर्म हवा निकलती है उन्हें उष्म व्यंजन कहते है यह व्यंजन चार होते है- श , ष , स , ह
संयुक्त व्यंजन क्या है
संयुक्त व्यंजन उन्हें कहते है जो दो या दो से ज्यादा व्यंजन से बनते है यह चार होते है जो इस प्रकार हैं। संयुक्त व्यंजन- क्ष , त्र , ज्ञ , श्र
क् + ष + अ = क्ष |
त् + र् + अ = त्र |
ज् + ञ + अ = ज्ञ |
श् + र् + अ = श्र |
हमने आपको Varanamala व Hindi Alphabet की मूल जानकारी प्रदान की हैं औऱ बिल्कुल आसान शब्दों में बताने का प्रयास किया हैं इसके लिए नीचे दिए गए वर्णमाला(Varanamala Infographic) से समझें!
Hindi Alphabet कैसे पढ़े और लिखें जाते है
हमने आपको ऊपर Hindi Varanamala के प्रकार बताये हैं लेक़िन अब सबसे ज़रूरी बात है कि Hindi Varanamala को लिखे और पढ़े कैसे?
अगर आप अपने बच्चों को सीखना चाहते है या ख़ुद सीखना चाहतें है तो उसके लिए सबसे जरूरी चीज़ है अभ्यास इसलिए हम आपको एक वीडियो प्रदान कर रहे हैं जिसे आपको अभ्यास करने में बहुत मद्त मिलेंगी।
साथ ही आप निचे दिए गयी टेबल की मद्त से भी वर्णमाला(Varanamala) Pronunciation में आपको काफ़ी मद्त मिलेंगी इसलिए हमने आपके लिए एक टेबल तैयार की हैं इसे पढ़े और सीखें।
अ | आ | इ | ई | उ |
a | aa | i | ee | u |
ऊ | ए | ऐ | ओ | औ |
oo | e | ai | o | au |
अं | अः | |||
am/an | aha | |||
क | ख | ग | घ | ङ |
ka | kha | ga | gha | da |
च | छ | ज | झ | ञ |
cha | chha | ja | jha | nya |
ट | ठ | ड | ढ़ | ण |
Ta | Tha | Da | Dha | Na |
त | थ | द | ध | न |
ta | tha | da | dha | na |
प | फ | ब | भ | म |
pa | pha | ba | bha | ma |
य | र | ल | व | श |
ya | ra | la | va | sha |
ष | स | ह | क्ष | त्र |
Sha | sa | ha | kSha | tra |
ज्ञ | ऋ | |||
gya | re |
Hindi Counting 1-100 सीखें
हिंदी गितनी भी उतनी ही जरूरी है जितना कि Hindi Alphabet को सीखना औऱ इसलिए हमने आपको 1 से 100 तक कि गिनतियाँ की टेबल प्रदान की हैं जिसमे आपको हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषओं में जानकारी दी गयी है जिसे यह आपके लिए और भी आसन हो जाती हैं
Numbers | Counting | Counting | |
Eng-Hin | Hinglish | Hindi | |
0 | ० | Shuniye | शून्य |
1 | १ | Ek | एक |
2 | २ | Do | दो |
3 | ३ | Teen | तीन |
4 | ४ | Char | चार |
5 | ५ | Panch | पांच |
6 | ६ | Cheh | छह |
7 | ७ | Saat | सात |
8 | ८ | Aath | आठ |
9 | ९ | Nao | नौ |
10 | १० | Das | दस |
11 | ११ | Gyaarah | ग्यारह |
12 | १२ | Baarah | बारह |
13 | १३ | Tehrah | तेरह |
14 | १४ | Chaudah | चौदह |
15 | १५ | Pandrah | पंद्रह |
16 | १६ | Saulah | सोलह |
17 | १७ | Satrah | सत्रह |
18 | १८ | Atharah | अठारह |
19 | १९ | Unnis | उन्नीस |
20 | २० | Bees | बीस |
21 | २१ | Ikis | इकीस |
22 | २२ | Bais | बाईस |
23 | २३ | Teis | तेइस |
24 | २४ | Chaubis | चौबीस |
25 | २५ | Pachis | पच्चीस |
26 | २६ | Chabis | छब्बीस |
27 | २७ | Satais | सताइस |
28 | २८ | Athais | अट्ठाइस |
29 | २९ | Unatis | उनतीस |
30 | ३० | Tis | तीस |
31 | ३१ | Ikatis | इकतीस |
32 | ३२ | Batis | बतीस |
33 | ३३ | Tentis | तैंतीस |
34 | ३४ | Chautis | चौंतीस |
35 | ३५ | Pentis | पैंतीस |
36 | ३६ | Chatis | छतीस |
37 | ३७ | Setis | सैंतीस |
38 | ३८ | Adhtis | अड़तीस |
39 | ३९ | Untaalis | उनतालीस |
40 | ४० | Chalis | चालीस |
41 | ४१ | Iktalis | इकतालीस |
42 | ४२ | Byalis | बयालीस |
43 | ४३ | Tetalis | तैतालीस |
44 | ४४ | Chavalis | चवालीस |
45 | ४५ | Pentalis | पैंतालीस |
46 | ४६ | Chyalis | छयालिस |
47 | ४७ | Setalis | सैंतालीस |
48 | ४८ | Adtalis | अड़तालीस |
49 | ४९ | Unachas | उनचास |
50 | ५० | Pachas | पचास |
51 | ५१ | Ikyavan | इक्यावन |
52 | ५२ | Baavan | बावन |
53 | ५३ | Tirepan | तिरपन |
54 | ५४ | Chauvan | चौवन |
55 | ५५ | Pachpan | पचपन |
56 | ५६ | Chappan | छप्पन |
57 | ५७ | Satavan | सतावन |
58 | ५८ | Athaavan | अठावन |
59 | ५९ | Unsadh | उनसठ |
60 | ६० | Saadh | साठ |
61 | ६१ | Iksadh | इकसठ |
62 | ६२ | Baasad | बासठ |
63 | ६३ | Tirsadh | तिरसठ |
64 | ६४ | Chausadh | चौंसठ |
65 | ६५ | Pensadh | पैंसठ |
66 | ६६ | Chiyasadh | छियासठ |
67 | ६७ | Sadhsadh | सड़सठ |
68 | ६८ | Asdhsadh | अड़सठ |
69 | ६९ | Unahtar | उनहतर |
70 | ७० | Sattar | सत्तर |
71 | ७१ | Ikahtar | इकहतर |
72 | ७२ | Bahatar | बहतर |
73 | ७३ | Tihatar | तिहतर |
74 | ७४ | Chauhatar | चौहतर |
75 | ७५ | Pachhatar | पचहतर |
76 | ७६ | Chiyahatar | छिहतर |
77 | ७७ | Satahatar | सतहतर |
78 | ७८ | Adhahatar | अठहतर |
79 | ७९ | Unnasi | उन्नासी |
80 | ८० | Assi | अस्सी |
81 | ८१ | Ikyasi | इक्यासी |
82 | ८२ | Byaasi | बयासी |
83 | ८३ | Tirasi | तिरासी |
84 | ८४ | Chaurasi | चौरासी |
85 | ८५ | Pachasi | पचासी |
86 | ८६ | Chiyaasi | छियासी |
87 | ८७ | Sataasi | सतासी |
88 | ८८ | Athasi | अट्ठासी |
89 | ८९ | Nauasi | नवासी |
90 | ९० | Nabbe | नब्बे |
91 | ९१ | Ikyaanave | इक्यानवे |
92 | ९२ | Baanave | बानवे |
93 | ९३ | Tiranave | तिरानवे |
94 | ९४ | Chauraanave | चौरानवे |
95 | ९५ | Pachaanave | पचानवे |
96 | ९६ | Chiyaanave | छियानवे |
97 | ९७ | Sataanave | सतानवे |
98 | ९८ | Adhaanave | अट्ठानवे |
99 | ९९ | Ninyaanave | निन्यानवे |
100 | १०० | Ek Sau | एक सौ |
आज के समय मे English Alphabet की तुलना में वर्णमाला(Varanamala) को सीखना कठिन बन दिया गया हैं क्योंकि आज हर कोई चाहता है कि उनका बच्चा इंग्लिश स्कूल में पढ़े जिसके कारण हिंदी पर कम ध्यान दिया जाता हैं इसलिए आज बहुत सारे बच्चों को जो बातें इंग्लिश में पता होती है वह उन्हें हिंदी में क्या बोलते हैं इसकी जानकारी नही होतीं हैं।
हिंदी हमारी मातृभाषा है इसलिए सबसे पहले हमें हिंदी बोलनी आनी चाहिए औऱ फ़िर चाहें कोई भी भाषा सीखें क्योंकि कहि ऐसा न हो कि हम दूसरों की मातृभाषा को अपनी मातृभाषा बना बैठें।
इसे न केवल सिर्फ हम अपनी भाषा बदलेगें बल्कि इसे संस्कार और संस्कृति में भी बदलाव होगा यहाँ पर हमारा तातपर्य नहीं है कि आप इंग्लिश न सीखें लेक़िन आपकी प्रथम भाषा आपकी मातृभाषा होनी चाहिए।
हम उमीद करते है कि आपको हमारा यह लेख हिंदी वर्णमाला(Varanamala) व हिंदी अल्फाबेट(Hindi Alphabet) सीखें अच्छा लगा होगा और इसे आपको मद्त मिली होंगी और अगर इस आर्टिकल में और कुछ और लिखे जाए उसके लिए आप हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से बताये।
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