Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में इन दिनों सियासी माहौल गर्म है। डोडा से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मेहराज मलिक मुश्किल में फंस गए हैं। जम्मू की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, क्योंकि वह बार-बार बुलाए जाने के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हुए।
उनके खिलाफ कुछ पुराने विवादों से जुड़े मामले चल रहे हैं। लेकिन मेहराज इसे कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि सियासी साजिश बता रहे हैं। उनका कहना है कि विपक्ष उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। इस घटना ने पूरे इलाके में चर्चा तेज कर दी है। लोग अब ये जानना चाहते हैं कि क्या यह सच में कानून का मामला है या राजनीति का खेल?
मेहराज मलिक का जवाब: डरने की बात नहीं
मेहराज मलिक ने इस वारंट को हल्के में लिया है। उन्होंने कहा कि अगर गिरफ्तारी भी हुई तो जमानत मिल जाएगी, इसमें डरने की जरूरत नहीं। उनका मानना है कि जिन लोगों ने उन्हें राजनीति में धक्का दिया, वही अब कानून का सहारा लेकर उन्हें नीचा दिखाना चाहते हैं। मेहराज ने ये भी कहा कि वह ईमानदारी से सियासत करते हैं और कानून में इंसाफ पर भरोसा रखते हैं।
सरकार पर भी साधा निशाना
मेहराज ने सिर्फ विपक्ष को ही नहीं, बल्कि सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में सरकार बनने के बाद भी जनता के लिए किए वादे पूरे नहीं हो रहे। उन्होंने नौजवानों के साथ हुए अन्याय का मुद्दा भी उठाया और कहा कि असली सवाल सरकार की नाकामी पर पूछे जाने चाहिए, न कि उनके वारंट पर।
जम्मू-कश्मीर का माहौल
इस घटना के बीच जम्मू-कश्मीर में और भी कई मुद्दे सुर्खियों में हैं। आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार सख्त कदम उठा रही है, वहीं कुछ नेता भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत की वकालत कर रहे हैं। मेहराज मलिक का मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। पुलिस कार्रवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन मेहराज इसे मामूली बात कहकर टाल रहे हैं। आने वाले दिनों में इसकी सच्चाई सामने आएगी।
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