Kal Ka Choghadiya: आज का और कल का चौघड़िया जानिए दिन-रात का शुभ और अशुभ मुहूर्त कब हैं

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Kal Ka Choghadiya: किसी भी शुभ काम को करने से पहले हमेशा से ही शुभ मुहूर्त देखने की प्रथा औऱ संस्कृति रही हैं जिसे उस काम मे सफलता प्राप्त हो इसलिए ख़ासकर हिन्दु धर्मं में चौघड़िया का विशेष महत्व हैं दरसल, हिन्दू संस्कृति में किसी भी विशेष काम या बड़े काम को करने के लिए शुभ मुहूर्त या शुभ समय पता करने के लिए पंडित को दिखवाते हैं क्योंकि शुभ मुहूर्त मे किया गया कार्य बिना किसी रुकावट के सफल माना जाता है।

चौघड़िया एक ऐसी तालिका होती हैं जिसमे आपकों दिन औऱ रात के लिए शुभ और अशुभ समय की सारणी प्रदान की जाती हैं तथा उसे आप शुभ मुहूर्त की जानकारी आसनी से प्राप्त कर सकते हैं हम आपको नीचे Aaj Ka Choghadiya औऱ Kal Ka Choghadiya दिन औऱ रात की जानकारी प्रदान करने वाले हैं

Kal Ka Choghadiya

शुभ मुहूर्त या शुभ समय से अभिप्राय है कि वह समय जिसमें ग्रह और नक्षत्र मनुष्य के लिए अच्छे व फलदायक होते हैं तथा उस समय के दौरान किये गये कार्यो में अच्छा परिणाम प्राप्त होता हैं इसलिए शुभ मुहूर्त के अनुसार ही किसी भी विशेष व बड़े काम को किया जाता हैं।

अक़्सर हम किसी भी विषय काम को करने के लिए एक दिन पहले ही कैसे रहेगा यह जानने के इच्छुक रहते है ताकि उसके अनुसार हम अपने प्रोग्राम के लिए विषय समय निर्धारित कर सके इसलिए हम आपके लिए यहाँ हर रोज Kal Ka Choghadiya अपडेट करते रहते हैं।

चौघड़िया क्या है और क्यों देखें

चौघड़िया(Choghadiya) जोकि हिन्दू वैदिक कैलेण्डर पंचांग का मुख्य अंग या उसका ही एक रूप होता है तथा जब किसी विशेष कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त नहीं निकलता औऱ उसको जल्दी से या फ़िर निर्धारित समय पर करना आवश्यक होता हैं तब उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखने का विधान है।

चौघड़िया मुहूर्त देखकर व उसके अनुसार काम व यात्रा करना अच्छा माना जाता हैं क्योंकि शुभ मुहूर्त में शरू किया गए कार्यों में सवश्रेष्ठ परिमाण आने की संभावना ज्यादा प्रबल होती है इसलिए ज्योतिष में चौघड़िया को विशेष महत्व प्रदान है क्योंकि यह शुभ समय चौघड़िया में देखकर प्राप्त किया जाता है।

kal ka Choghadiya aaj ka Choghadiya

चौघड़िया(Choghadiya) का उपयोग पारंपरिक रूप से यात्रा मुहूर्त के लिए किया जाता है लेक़िन इसकी सरलता के कारण अब यह हर मुहूर्त के उपयोग में लाया जानने लगा हैं चूँकि चौघड़िया सूर्योदय व सूर्यास्त पर निर्भर करता है इसलिए हर शहर में सूर्योदय व सूर्यास्त का समय अलग होने के कारण अगल-अलग शहर के लिए चौघड़िया मुहूर्त अलग-अलग होता हैं।

चौघड़िया दो शब्दों से मिलकर बना हैं चौ + घड़िया जिसका अर्थ हैं चौ यानी चार और घड़िया यानी घटी जिसका मतलब चार घड़ी से होता है तथा चौघड़िया मुहूर्त को चतुर्श्तिका मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता हैं।

चौघड़िया की गणना सूर्योदय औऱ सूर्यास्त के आधार पर की जाती हैं इसलिए चौघड़िया मुख्य रूप से दों प्रकार का होता हैं एक दिन का चौघड़िया और दूसरा रात का चौघड़िया!!

सूर्योदय यानी सूरज निकलने से लेकर सूर्यास्त यानी सूरज के छिपने के बीच के समय को दिन का चौघड़िया कहा जाता है इस प्रकार सूर्यास्त और अगले दिन तक सूर्योदय के बीच के समय को रात्रि का चौघड़िया कहा जाता है जिसके आधार पर चौघड़िया तालिका बनाई जाती हैं जो शुभ मुहूर्त तथा अशुभ मुहूर्त की जानकारी प्रदान करती है।

सूर्योदय से सूर्यास्त तक और सूर्यास्त से सूर्योदय तक के समय को 30-30 घटी में बांटा गया हैं और 30 घटी को 8 भागों में बांटा गया है जिसके परिणामस्वरूप दिन व रात में 8-8 चौघड़िया मुहूर्त होते हैं एक घटी का समय लगभग 24 मिनट तथा एक चौघड़िया(Choghadiya) का समय लगभग 96 मिनट होती है।

चौघड़िया के प्रकार

हिंदू वैदिक में सात प्रकार के चौघड़िया हैं जो इस प्रकार है- उद्वेग, लाभ, चर, रोग, शुभ, काल, अमृत तो चलिए इनके बारे में विस्तार से जानतें हैं की कब-कैसा-कौन काम करता हैं और साथ ही कौन से चौघड़िया शुभ व अशुभ होते हैं।

उद्वेग चौघड़िया

इस चौघड़िया(Choghadiya) मुहूर्त में सरकारी व प्रशासनिक कार्य किये जाते है और उद्वेग चौघड़िया का स्वामी ग्रह सूर्य होता हैं जोकि वैदिक ज्योतिष में अनिष्टकारी होता हैं क्योंकि ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को अशुभ माना गया है इसलिए इस चौघड़िया को उद्वेग के रूप में चिन्हित किया गया हैं।

लाभ चौघड़िया

लाभ चौघड़िया(Choghadiya) का स्वामी ग्रह बुध होता हैं जोकि शुभ व लाभकारी ग्रह माना जाता हैं जिसके कारण इस चौघड़िया को लाभ के रूप में चिन्हित किया गया हैं तथा लाभ चौघड़िया मुहूर्त को किसी काम को सीखने के उद्देश्य के लिए जाने हेतु उत्तम माना जाता हैं।

चर चौघड़िया

चर चौघड़िया(Choghadiya) का स्वामी ग्रह शुक्र होता हैं जिसकों लाभकारी ग्रह माना गया है क्योंकि ज्योतिष में शुक्र को अशुभ माना गया है इसलिए इस चौघड़िया को चर या चंचल के रूप में चिन्हित किया गया हैं तथा चर चौघड़िया मुहूर्त को यात्रा के लिए उत्तम माना जाता हैं।

रोग चौघड़िया

जैसा कि नाम से ही पता लग रहा हैं यह एक अशुभ मुहूर्त होता हैं इसलिए ही इस चौघड़िया को रोग के रूप में चिन्हित किया गया हैं औऱ रोग चौघड़िया का स्वामी ग्रह मंगल होता हैं जिसे क्रूर व अनिष्टकारी माना जाता हैं इसलिए रोग चौघड़िया मुहूर्त के दौरान किसी शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए।

शुभ चौघड़िया

जैसे इस चौघड़िया(Choghadiya) का नाम है वैसे ही इसका काम हैं इसलिए इस चौघड़िया को शुभ के रूप में चिन्हित किया गया हैं औऱ शुभ चौघड़िया का स्वामी ग्रह बृहस्पति होता हैं जिसे शुभ व लाभकारी ग्रह माना जाता हैं तथा शुभ चौघड़िया मुहूर्त में विवाह- समारोह जैसे विशेष कार्यक्रमों के लिए उत्तम माना जाता हैं।

काल चौघड़िया

काल चौघड़िया(Choghadiya) का स्वामी ग्रह शनि होता हैं जिसके प्रभाव को आमतौर पर अशुभ माना जाता हैं औऱ वैदिक ज्योतिष में शनि को अनिष्टकारी ग्रह माना गया है इसलिए इस चौघड़िया को काल के रूप में चिन्हित किया गया हैं तथा इस समय के दौरान किसी भी शुभ कार्य को नहीं किया जाता हैं।

अमृत चौघड़िया

यह चौघड़िया(Choghadiya) भी बिल्कुल अपने नाम के अनुकूल होता हैं चूँकि अमृत चौघड़िया का स्वामी ग्रह चंद्रमा होता हैं जिसको अति शुभ व लाभकारी माना गया हैं तथा इस चौघड़िया को अमृत के रूप में चिन्हित किया गया हैं जिसमें किसी भी शुभ कार्य को करने में अच्छे परिणाम मिलते हैं।

ऊपर हमने आपकों चौघड़िया के मुख्य अंगों की जानकारी प्रदान की हैं कि चौघड़िया कितने प्रकार की होती है औऱ किसी चौघड़िया में कौन मुहूर्त शुभ व अशुभ होता हैं चलिये अब कुछ सामान्य सवालों पर गौर करते हैं।

चौघड़िया पंचाग का ही अभिन्न अंग है या फ़िर इसकी ही एक रूप हैं जिसका इस्तेमाल हमारे दैनिक जीवन मे किसी विशेष कार्यक्रम को सफलता प्राप्त करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने के लिए किया जाता हैं।

दिन का चौघड़िया क्या हैं?

– चौघड़िया मुख्य रूप से सूर्योदय व सूर्यास्त पर निर्भर करता हैं तथा सूर्य निकलने से लेकर सूर्य छिपने तक के समय को दिन का चौघड़िया जिसकी तालिका ऊपर प्रदान की गई हैं।

रात का चौघड़िया क्या हैं?

– सूर्य छिपने औऱ अगले दिन तक सूर्योदय होने के बीच के समय को रात्रि या रात का चौघड़िया कहा जाता हैं जिसकी तालिका ऊपर प्रदान की गई हैं।

अच्छे व बुरे चौघड़िया कौनसे हैं?

– प्रत्येक चौघड़िया का अच्छा व बुरा होना उसके ग्रह स्वामी पर निभर्र करता हैं जैसे शुक्र, बुध, चंद्रमा व बृहस्पति को शुभ और लाभकारी माना जाता हैं इसलिए चर, लाभ, अमृत व शुभ चौघड़िया को अच्छा और बाकी अन्य तीन उद्वेग, काल, रोग को बुरा चौघड़िया माना जाता हैं।

कौनसे चौघड़िया शुभ होते हैं?

– चर, लाभ, अमृत व शुभ चौघड़िया मुहूर्त को शुभ माना जाता हैं यानी सात चौघड़िया मुहूर्त में से चार शुभ होते हैं जिनका इस्तेमाल अगल-अलग मुहूर्त के दौरान कार्य विषय अनुसार किया जाता हैं।

कौनसे चौघड़िया अशुभ होते हैं?

– चौघड़िया में तीन मुहूर्त को अशुभ माना जाता है जोकि है काल, रोग व उद्वेग है जिनके नाम से ही प्रति होता है कि यह अशुभ हैं इसलिए इन्ह मुहूर्त-समय के दौरान किसी कार्य को नही करना चाहिए।

अमृत मुहूर्त क्या होता हैं?

– चौघड़िया के अनुसार अमृत मुहूर्त का स्वामी चंद्रमा होता हैं जिसको अति शुभ व लाभकारी माना गया हैं जिसमें किसी भी शुभ कार्य को करने में अच्छे परिणाम मिलते हैं तथा इस मुहूर्त में भी शुभ कार्य को किया जा सकता हैं।

चर चौघड़िया अच्छा या बुरा क्या होता हैं?

– चौघड़िया के सात अंग होते हैं जिसमें चर चौघड़िया तृतीय स्थान पर आता हैं जिसका स्वामी शुक्र ग्रह को माना जाता हैं जोकि शुभ व लाभकारी होता हैं जिसका इस्तेमाल यात्रा प्रारंभ करने से पहले देखना उत्तम माना जाता हैं।

उद्वेग चौघड़िया अच्छा या बुरा क्या होता हैं?

– उद्वेग चौघड़िया अर्थात उदवेग प्रथम स्थान पर आता हैं जिसका स्वामी सूर्य ग्रह को माना जाता हैं ज्योतिष में सूर्य के प्रभाव को अशुभ माना जाता है अतः इस मुहूर्त में किसी शुभ काम को न करने की सहला दी जाती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए दी जा रही है तथा NewsMeto इसकी पुष्टि नहीं करता है और किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HP Jinjholiya
HP Jinjholiya

My Name is HP Jinjholiya In 2015, I Started Working as a Blogger on Blogspot After that in 2017 created NewsMeto.com Now I am a Versatile Professional With Experience in Blogging, Youtuber, Digital Marketing & Content Creator. I Conduct Thorough Research and Produce High-Quality Content for Our Readers. Every Piece of Content Is Based on My Extensive Expertise and In-Depth Research.

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