वीडियो देखें: Delhi में बारिश नहीं कहर! पानी में डूबी बस और कार कहीं आपकी गाड़ी भी ऐसे न डूब जाए!

दिल्ली कैंट में भारी बारिश के बाद सड़कों पर भरा इतना पानी कि बस और कारें डूब गईं लोगों को राहत की बजाय मुसीबत का सामना करना पड़ा ये घटना दिल्ली के जलनिकासी सिस्टम की पोल खोल रही है।

दिल्ली में बारिश का कहर, सड़कों पर बही मुसीबत

25 मई 2025 की सुबह दिल्ली वालों के लिए परेशानी की नई तस्वीर लेकर आई दिल्ली कैंट इलाके में हुई भारी बारिश ने एक बार फिर राजधानी के ढीले इंफ्रास्ट्रक्चर की सच्चाई सामने रख दी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ANI की पोस्ट में साफ देखा जा सकता है कि कैसे एक बस और एक कार पूरी तरह से पानी में डूबी हुई हैं यह सिर्फ एक इलाका नहीं बल्कि पूरे शहर की हालत बयान कर रहा है।

दिल्ली के सफदरजंग वेधशाला में 81.4 मिमी बारिश दर्ज की गई यह बारिश सामान्य से कहीं ज्यादा थी लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या हर बार मौसम को दोष देना ही काफी है, दिल्ली जैसे महानगर में हर साल यही नजारा देखने को मिलता है लोग परेशानी में होते हैं प्रशासन हर बार सिर्फ वादे करता है।

1976 की प्लानिंग से 2025 की दिल्ली कैसे बचेगी

दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने खुद मान लिया है कि राजधानी का ड्रेनेज सिस्टम अब पुराने जमाने की चीज बन चुका है। 1976 का मास्टर प्लान आज की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा, जितनी तेजी से दिल्ली में कंस्ट्रक्शन और जनसंख्या बढ़ी है उतनी तैयारी इंफ्रास्ट्रक्चर की नहीं हुई।

दिल्ली मास्टर प्लान 2041 में बारिश के पानी के संरक्षण की बातें जरूर की गई हैं लेकिन उसमें जमीन पर लागू करने जैसा कुछ ठोस नहीं है खासकर घनी बस्तियों में कोई क्लियर प्लानिंग नहीं है जो हर साल की जलभराव की समस्या को सुलझा सके।

एक्सपर्ट्स ने पहले ही चेताया था फिर क्यों नहीं सीखी सबक

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की रिपोर्ट्स पहले भी चेतावनी देती रही हैं कि दिल्ली जैसे शहरों को मॉडर्न स्टॉर्म वॉटर मैनेजमेंट की सख्त जरूरत है लेकिन आज भी हालात वही हैं नालियों की सफाई समय पर नहीं होती और सीवर ओवरफ्लो हर बारिश में आम बात हो जाती है।

लोगों का कहना है कि अब सिर्फ प्लान और मीटिंग से काम नहीं चलेगा, सरकार को ग्राउंड लेवल पर काम करना होगा नहीं तो हर साल यही तस्वीरें दोहराई जाती रहेंगी। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि आखिर राजधानी में ये हालात कब तक सहने पड़ेंगे।

जनता बेहाल सिस्टम ठप दिल्ली शर्मसार

हर साल दिल्ली में यही कहानी दोहराई जाती है लोग ऑफिस नहीं पहुंच पाते स्कूल बंद हो जाते हैं ट्रैफिक घंटों जाम रहता है। फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, हर बार रिपोर्ट बनती है लेकिन कोई समाधान जमीन पर नहीं दिखता। सवाल ये है कि देश की राजधानी की ये तस्वीर क्या हमें स्वीकार है।

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