Saphala Ekadashi 2024: 26 या 27 दिसंबर? मिलेगा भगवान का आशीर्वाद बदल जाएगी किस्मत

Saphala Ekadashi 2024

Live Coverage of Saphala Ekadashi 2024 Latest News: सफल एकादशी, हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण दिन है, जो पौष मास (दिसंबर/जनवरी) की वर्धमान एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन उपवासी रहने और भगवान विष्णु की पूजा करने से आत्मिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। इस ब्लॉग में हम सफल एकादशी 2024 के लाइव अपडेट, पूजा विधियाँ और इस दिन के महत्व के बारे में जानकारी देंगे।

सफला एकादशी 2024: 25 दिसंबर रात 10:30 बजे से 26 दिसंबर तक, जानें क्यों है यह दिन खास

इस साल सफला एकादशी 26 दिसंबर को मनाई जाएगी, जो पौष मास के कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि है। हालांकि, यह खास दिन 25 दिसंबर को रात 10:30 बजे से शुरू होकर 26 दिसंबर को रात 12:45 बजे तक रहेगा। स्वाति नक्षत्र इस अवधि में खास रूप से प्रभावी रहेगा, जिससे व्रति के लिए इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।

क्या है सफला एकादशी का व्रत?

सफला एकादशी का व्रत सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह विशेष रूप से मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए प्रसिद्ध है। इसे करने से जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं, और हर इच्छा पूरी होती है। इस दिन संकल्प लेकर व्रत करने से मनुष्य को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।

कैसे हुआ सफला एकादशी का जन्म?

इस व्रत के महत्व को समझने के लिए व्रत कथा पर नजर डालते हैं, जो आज भी हर भक्त के दिल में बसी हुई है। यह कहानी एक समय की है, जब चम्पावती नगरी के महिष्मत नामक राजा के पांच पुत्र थे। इनमें से एक पुत्र, लुम्भक, अपने कृत्यों के कारण ग़लत रास्ते पर चल पड़ा। मांसाहार और पापों में लिप्त रहने के कारण उसे उसके भाईयों ने राज्य से बाहर निकाल दिया। इसके बाद लुम्भक ने चोरी की और अंततः वन में पीपल के पेड़ के नीचे रहने लगा।

पौष मास की कृष्णपक्ष की दशमी को लुम्भक सर्दी से परेशान था, लेकिन खाने का कुछ भी नहीं था। इस कठिन परिस्थिति में उसने भगवान से प्रार्थना की, और बिना भोजन के रातभर जागते हुए व्रत किया। यही समय था, जब लुम्भक को सफला एकादशी के व्रत का आशीर्वाद मिला।

भगवान विष्णु को अर्पित करें प्रेम से भरा पंचामृत भोग

सफला एकादशी के पवित्र अवसर पर, भगवान विष्णु को विशेष रूप से पंचामृत भोग अर्पित करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। पंचामृत, जो भगवान विष्णु का प्रिय भोग है, पांच तत्वों का संयोजन होता है – दूध, दही, शहद, घी और केसर। इन सामग्रियों का मिलाजुला स्वाद और पोषक तत्व भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।

पंचामृत बनाने की विधि

एक बर्तन में दूध, दही, शहद और घी को अच्छी तरह से मिलाकर इसे फेंट लें। फिर इसमें केसर डालें और मिश्रण को अच्छे से मिला लें। इस भोग को भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करें और उनके आशीर्वाद का अनुभव करें।

यह भोग न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। भक्तों का विश्वास है कि पंचामृत अर्पित करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की पूजा के साथ इस भोग का अर्पण आपके जीवन में सफलता की नई राह खोल सकता है।

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