Kal Ka Panchang: हिन्दू धर्म मे किसी भी विशेष कार्यक्रम औऱ शुभ काम को करने से पहले पंचांग को देखें जाता हैं तथा पंचांग देखें बिना शुभ कार्य शरू नहीं किया जाता हैं इसलिए आज भी अधिकतर लोग आज का और कल का पंचांग क्या हैं यह देखकर ही अपने कार्यों को शरू करते हैं।
पंचांग को हिन्दू कैलेंडर भी कहा जाता हैं जिसे वैदिक ज्योतिष के द्वारा बनाया गया हैं हिन्दू धर्म मे महत्वपूर्ण कार्यों को शुभ मुहूर्त देखकर करने की मान्यता सदियों से चली आ रही हैं जिसमें विभिन्न समय औऱ तिथियों पर आकाश में खगोलीय वस्तुओं की दशा या स्थिति का ब्यौरा दिया जाता हैं यहाँ हम आपको Kal Ka Panchang औऱ Aaj Ka Panchang प्रदान कर रहे है।
Kal Ka Panchang
पंचांग का हर विशेष कार्यक्रम में ख़ास महत्व होता हैं जिसकी मद्त से हमें यह ज्ञात होता हैं कि कौन-कौन सा समय शुभ हैं साथ ही कौन-कौन सा समय अशुभ हैं औऱ बिना पंचांग देखें बिना किसी भी नये एवं शुभ काम को नही किया जाता हैं इसलिए Aaj Ka Panchang देखने के बाद आपको अगले दिन यानि Kal Ka Panchang भी प्रदान किया गया है।
अक़्सर हम किसी भी विषय काम को करने के लिए एक दिन पहले ही कैसे रहेगा यह जानने के इच्छुक रहते है ताकि उसके अनुसार हम अपने प्रोग्राम के लिए विशेष समय निर्धारित कर सके इसलिए हम आपके लिए यहाँ हर रोज Kal Ka Panchang अपडेट करते रहते है!
पंचांग क्या है और क्यों देखें
पंचांग का मतलब है पांच अंग क्योंकि यह पांच अंगो से मिलकर बना हैं पंचांग में नक्षत्र, तिथि, योग, करण और वार पांच अंग होते हैं पंचांग तालिका की मद्त से ही कुंडली औऱ जीवन भविष्यवाणी करने में भी आवश्यकता होती हैं पंचांग को (Panchangm) पंचागम् भी कहते है।
किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने के लिए पंचांग की मद्त ली जाती हैं पंचांग में पांच अंग होते है और तीन धारायें होती हैं जो इस प्रकार हैं- चंद्र, नक्षत्र और सूर्य आधारित धारायें होती हैं।
Kal Ka Panchang में आपको हर दिन का पंचांग प्रदान किया जाता हैं औऱ इस पंचांग तालिका में आपको शुभ और अशुभ मुहूर्त के साथ सभी जानकारी प्रदान की जाती हैं पंचांग में आपको निम्नलिखित जानकारी मिलती हैं।
आज कौनसी तिथि है? | आज वार कौनसा है? |
चंद्रमा राशि-नक्षत्र में हैं? | चंद्रमा क्या प्रभाव हैं? |
सूर्योद्य का क्या समय है? | सूर्यास्त का क्या समय है? |
चंद्रोद्य कब हो रहा है? | कौनसा पक्ष चल रहा है? |
करण क्या है? | योग क्या बन रहे हैं? |
माह कौनसा चल रहा है? | सूर्य राशि क्या बन रही है? |
सूर्य किस नक्षत्र में हैं? | ऋतु कौनसी चल रही है? |
माह कौनसा है? | शुभसमय कब तक है? |
व्रत उपवास कब हैं | कौनसा पहर है? |
अशुभ-समय कब तक है? | अयन क्या है? |
तिथि
दिनांक व तारीख़ को ही तिथि कहा जाता हैं जब चन्द्र और सूर्य के अन्तरांशों के मान 12 अंशों का होता है उसे तिथि कहते हैं जबकि 180 अंश होने पर पूर्णिमा एवं 0 या 360 अंश के समय को अमावस कहा जाता है।
एक मास यानी महीनें में आमतौर पर 30 दिन होते हैं जिसमें दो पक्ष होते हैं कृष्ण पक्ष औऱ शुक्ल पक्ष! मास के 30 दिनों में 15 दिन कृष्ण पक्ष के होते है तथा 15 दिन शुक्ल पक्ष के होते है।
कृष्ण पक्ष की पहली तिथि को कृष्ण प्रतिपदा औऱ अंतिम तिथि आमवस्या कहते हैं और शुक्ल पक्ष की पहली तिथि शुक्ल प्रतिपदा और अंतिम तिथि पूर्णिमा कहते है। कृष्ण पक्ष औऱ शुक्ल पक्ष के नाम इस प्रकार हैं
शुक्ल पक्ष के नाम
1. प्रतिपदा | 2. द्वितीया | 3. तृतीया |
4. चतुर्थी | 5. पंचमी | 6. षष्ठी |
7. सप्तमी | 8. अष्टमी | 9. नवमी |
10. दशमी | 11. एकादशी | 12. द्वादशी |
13. त्रयोदशी | 14. चतुर्दशी | 15. पूर्णिमा |
कृष्ण पक्ष के नाम
1. प्रतिपदा | 2. द्वितीया | 3. तृतीया |
4. चतुर्थी | 5. पंचमी | 6. षष्ठी |
7. सप्तमी | 8. अष्टमी | 9. नवमी |
10. दशमी | 11. एकादशी | 12. द्वादशी |
13. त्रयोदशी | 14. चतुर्दशी | 15. अमावस्या |
वार
सूर्योदय औऱ सूर्योदय के समय को वार कहते है जिसे आम बोलचाल में दिन कहा जाता हैं एक सप्ताह में सात वार होते है जो इस प्रकार हैं
सोमवार | मंगलवार |
बुधवार | बृहस्पतिवार |
शुक्रवार | शनिवार |
रविवार |
नक्षत्र
तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता हैं और ज्योतिष शस्त्रों में इनकी सँख्या 27 होती है जो इस प्रकार है
1. अश्विनी | 2. भरणी |
3. कृतिका | 4. रोहिणी |
5. मृगशिरा | 6. आर्द्रा |
7. पुनर्वसु | 8. पुष्य |
9. अश्लेषा | 10. मघा |
11. पूर्वा फाल्गुनी | 12. उत्तरा फाल्गुनी |
13. हस्त | 14. चित्रा |
15. स्वाती | 16. विशाखा |
17. अनुराधा | 18. ज्येष्ठा |
19. मूल | 20. पूर्वाषाढ़ा |
21. उत्तराषाढा | 22. श्रवण |
23. धनिष्ठा | 24. शतभिषा |
25. पूर्वाभाद्रपद | 26. उत्तरभाद्रपद |
27. रेवती |
योग
हिन्दू ज्योतिषियों के अनुसार योग की संख्या 27 होती है जो इस प्रकार है
1. विष्कुम्भ | 2. प्रीति |
3. आयुष्मान | 4. सौभाग्य |
5. शोभन | 6. अतिगण्ड |
7. सुकर्मा | 8. धृति |
9. शूल | 10. गण्ड |
11. वृद्धि | 12. ध्रुव |
13. व्याघात | 14. हर्षण |
15. वज्र | 16. सिद्धि |
17. व्यातीपात | 18. वरीयान |
19. परिघ | 20. शिव |
21. सिद्ध | 22. साध्य |
23. शुभ | 24. शुक्ल |
25. ब्रह्म | 26. इन्द्र |
27. वैधृति |
करण
एक तिथि में दो करण होते हैं औऱ तिथि के आधे हिस्से जो करण कहा जाता हैं इसलिए एक माह में 30 तिथि होती है और प्रत्येक तिथि में दो करण होते हैं इसलिए एक माह में 60 करण होते हैं। करण को दो भाग होते हैं- चर करण और स्थिर करण जो इस प्रकार हैं
चर करण – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज्य, विष्टी।
स्थिर करण – शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किंस्तुघ्न।
पंचांग में क्या होता है
सूर्योदय– सूर्य के निकलने के समय को सूर्योदय कहा जाता हैं औऱ पंचांग में आपको इसके समय की जानकारी प्रदान की जाती हैं।
सूर्यास्त- सूर्य के छिपने व अस्त होने को सूर्यास्त कहा जाता है औऱ पंचांग में आपको इसके समय की जानकारी प्रदान की जाती हैं औऱ सूर्योदय और सूर्यास्त का समय ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है।
चंद्रोदय- चन्द्रमाँ के निकलने को चंद्रोदय कहा जाता है औऱ पंचांग में आपको इसके समय की जानकारी प्रदान की जाती हैं।
चन्द्रास्त- चन्द्रमाँ के छिपने व अस्त होने को चन्द्रास्त कहा जाता है औऱ पंचांग में आपको इसके समय की जानकारी प्रदान की जाती हैं औऱ चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय ज्योतिष में बहुत महत्व रखता है।
अमांत माह- हिंदू कैलेंडर के अनुसार जो चंद्र महीना अमावस्या के दिन समाप्त होता है उसे अमांत माह के नाम से जाना जाता है।
पूर्णिमांत माह- हिंदू कैलेंडर के अनुसार जब चंद्र महीना पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है तो उसे पूर्णिमांत माह के नाम से जाना जाता है।
सूर्य राशि- राशिफल की गणना या अनुमान लगाने के लिए सूर्य राशि का उपयोग किया जाता है और ज्योतिष के अनुसार भविष्य को निर्धारित करने में सूर्य राशि एक अहम भूमिका निभाती है।
चंद्र राशि- राशिफल की गणना या अनुमान लगाने के लिए चन्द्र राशि का उपयोग में किया जाता है और ज्योतिष के अनुसार यह जातक के व्यवहार को निर्धारित करने में चन्द्र राशि एक अहम भूमिका निभाती है।
आज के पंचांग का महत्व
1. आज के पंचांग की मद्त से आप प्रत्येक दिन के शुभ मुहूर्त और अशुभ समय का पता लगा सकते है।
2. आज के पंचांग की तालिका में आपको शुभ समय कब है औऱ अशुभ समय कब है इसकी जानकारी दी जाती हैं।
3. आज के पंचांग देखकर ही आपको अपने कार्य को करना चाहिए ताकि आपके जीवन मे कोई प्रभाव न पड़े।
4. अशुभ समय मे कार्य करने की बजाये उसे कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए और Kal Ka Panchang को यह जानकारी प्रदान करता हैं।
5. जैसे विशेष कार्यक्रम करने से पहले आज का पंचांग देखा जाता है आप भी किसी विशेष कार्य करने से पहले Kal Ka Panchang देख कर ही कार्य करें ताकि आपको सफलता प्राप्त हो।
पंचांग हमारे जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण हैं इसलिए आपको हर दिन का पंचांग देखना चाहिए और शुभ और अशुभ समय के अनुसार अपने आवश्यक औऱ महत्वपूर्ण कार्य करने चाहिए ताकि आपको जीवन मे बिना किसी समस्याओं के आगे बढ़ने में मद्त मिले।
पंचांग क्या हैं?
– पंचांग पांच अंगो से मिलकर बना हैं पंचांग में नक्षत्र, तिथि, योग, करण और वार पांच अंग होते हैं पंचांग तालिका की मद्त से ही कुंडली औऱ जीवन भविष्यवाणी करने में भी आवश्यकता होती हैं पंचांग को (Panchangm) पंचागम् भी कहते है।
Aaj Ka Panchang क्या हैं?
– यहाँ आपकों हर दिन का पंचांग प्रदान किया जाता हैं औऱ इस पंचांग तालिका में आपको शुभ और अशुभ मुहूर्त के साथ सभी जानकारी प्रदान की जाती हैं आज का पंचांग क्या है ऊपर प्रदान किया गया है
Kal Ka Panchang क्या हैं?
– यहाँ आपकों आज का पंचांग के साथ-साथ कल का पंचांग में प्रदान किया गया हैं जिसे आप पहले ही शुभ व अशुभ समय के अनुसार अपने कार्य को करने का समय तय कर सकते हैं कल का पंचांग क्या है ऊपर प्रदान किया गया है।
तो अगर आपको हमारा यह आर्टिकल किसी भी नज़र से महत्वपूर्ण लगता हैं तो कृपया इसे कम से कम केवल एक व्यक्ति के साथ जरूर शेयर करें ताकि उसके जीवन मे भी बुरा प्रभाव कम हो औऱ अपनी फैमिली और रिस्तेदारों में जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी Kal Ka Panchang से पता लगे कि कौनसा समय शुभ है औऱ कौनसा अशुभ!!
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए दी जा रही है तथा NewsMeto इसकी पुष्टि नहीं करता है और किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।