Haryana News: पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर पिछले 35 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बेहद बिगड़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक पंजाब सरकार को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया है, जिससे किसान आंदोलन में एक नया मोड़ आया है। इस फैसले के बाद किसानों की उम्मीदों में एक बार फिर जान आ गई है, लेकिन अगले कदम क्या होंगे?
किसान आंदोलन में सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने का आदेश दिया है। किसान नेता पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर अनशन कर रहे हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मांग एमएसपी पर कानून बनाने की है। उनका दावा है कि एमएसपी की गारंटी कानून बनने तक किसानों को राहत नहीं मिल सकती। अदालत ने सरकार से जल्द समाधान की उम्मीद जताई है।
किसान आंदोलन और सरकार का रुख
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की और 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। उन्होंने सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग की। मुख्यमंत्री सैनी ने किसानों को आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से बात करेंगे। इस बैठक में दो घंटे तक बातचीत हुई और किसानों ने सरकार से जल्द समाधान की उम्मीद जताई।
क्या सरकार किसानों की मांगों को मानेगी?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों से यह वादा किया कि राज्य सरकार ने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि, किसानों ने इस अधिसूचना को कानून का रूप देने की मांग की है, ताकि कोई भी फसल एमएसपी से कम पर न बिके। इसके अलावा, किसानों ने आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लेने की भी मांग की है, जिस पर मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाया है।
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि यदि सरकार उनके सवालों का समाधान नहीं करती, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने किसानों को यह भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा।
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