वीडियो देखें: सुप्रिया सुले के नेतृत्व में दोहा में भारत ने दिया आतंक के खिलाफ सबसे बड़ा संदेश

भारत की एक ऑल पार्टी डेलीगेशन ने कतर के शूरा काउंसिल का दौरा किया है जहां एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति को वैश्विक मंच पर रखा है। यह दौरा न सिर्फ भारत-कतर रिश्तों को और मजबूत कर रहा है बल्कि वेस्ट एशिया में भारत की कूटनीतिक पकड़ को भी दर्शाता है।

भारत ने कतर से मिलाया हाथ, आतंकवाद पर दिखाई एकजुटता

भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वो सिर्फ घरेलू मुद्दों तक सीमित नहीं बल्कि वैश्विक मंचों पर भी अपनी बात दमदार तरीके से रखने में सक्षम है। हाल ही में एक ऑल पार्टी डेलीगेशन ने कतर के दोहा शहर में स्थित शूरा काउंसिल का दौरा किया। इस डेलीगेशन का नेतृत्व एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले कर रही थीं। इस दौरे का मकसद था भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से पेश करना और कतर जैसे रणनीतिक देश के साथ संबंधों को और गहराना।

ऑपरेशन सिंदूर की गूंज दोहा तक

इस दौरे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने खास तौर पर ऑपरेशन सिंदूर की अहमियत पर बात की। यह ऑपरेशन भारत की उन कोशिशों का हिस्सा है जो आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा और एकजुटता का संदेश देती हैं। शूरा काउंसिल के साथ इस बातचीत में भारत ने यह भी दिखाया कि वो सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व की सुरक्षा के लिए भी चिंतित है।

कतर की भूमिका बन रही है और भी अहम

कतर आज वेस्ट एशिया में एक बड़ा मध्यस्थ बन चुका है। वहां के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का नेतृत्व कतर की राजनीति में बेहद प्रभावशाली है। शूरा काउंसिल कतर की अहम विधायी संस्था है जहां भारत की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि अब भारत अपने विदेश संबंधों में सिर्फ व्यापार या रक्षा नहीं बल्कि वैश्विक सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रहा है। खास बात यह है कि कतर अब साउथ अफ्रीका के जरिए G-20 का हिस्सा भी है जिससे उसकी वैश्विक पहचान और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गई हैं।

नतीजा क्या निकलता है

इस डेलीगेशन में भारत के अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे जिससे यह संदेश साफ है कि भारत आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर पूरी तरह एकजुट है। कतर के अलावा यह डेलीगेशन साउथ अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र का भी दौरा करेगा। यह पूरा मिशन भारत की “वसुधैव कुटुंबकम” की सोच को दर्शाता है जहां आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया को एक साथ लाने की कोशिश हो रही है।

भारत का यह कदम केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं बल्कि एक वैश्विक संदेश है कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है। कतर के साथ बढ़ती कूटनीतिक बातचीत और साझेदारी आने वाले समय में वेस्ट एशिया में भारत की भूमिका को और मजबूत कर सकती है।

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